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White वासुदेव कुटुंबकम का नारा जरूर है मगर रणक्षेत्र प्रतिद्वंद्वी हमारा शत्रु है। ©Anita Saini

#t20_worldcup_2024 #शायरी  White वासुदेव कुटुंबकम का नारा जरूर है
मगर रणक्षेत्र प्रतिद्वंद्वी हमारा शत्रु है।

©Anita Saini

#t20_worldcup_2024 वासुदेव कुटुंबकम का नारा जरूर है मगर रणक्षेत्र प्रतिद्वंद्वी हमारा शत्रु है।

14 Love

 White कुछ तो बात है इन हाथों में पापा के,
 कि सारे घर का भार उठाए हुए हैं कई सालों से;
हां! मैं जानती हूं कि बहुत साहसी हैं मेरे पापा,
तभी तो एक कारोबार संभाल रहे हैं कई सालों से।

कुछ तो बात है इन हाथों में पापा के।

©Aanchal Anant

#मेरेपापा #साहस_का_परिचय #कारोबार #संभालना #लगन #पोस्ट #नोजोटोहिंदी #शायरी #शब्दों_की_दुनिया #लेखन

117 View

#dharm #कविता #काव्य #लेखन #प्रार्थना #मंगलाचरण #कुमार_आज़ाद

81 View

#शायरी #कविता #लेखक #लेखन #flowers  White लेेखन सौन्दर्य 
जब भी लिखी दास्तान दिल की 
कलम ने मेरा बखूबी साथ निभाया
किसी ने कहा' वाह क्या बात है! '
किसी को मेरा नज़रिया न भाया 

हैं दिल की बातें भी अजीब
इस दरिया में बस कुछ ही हैं नहाते
हर एक को दृश्य सुन्दर हैं भाते
बिरला ही कोई मनमोहक दिल हैं पाते 

स्वांग न रचना न बातें बनाना 
सीधी सी बात है दिल से दिल है मिलाना
न अपना चातुर्य किसी को बार- बार दिखाना
निर्मल हृदय पूर्ण सामने वाले की बात है
 समझना
तुम कलिमल रहित मुझे अपनाना
न मैं तुम्हे परखकर दोस्ती निभाऊँ 
मेरा तो बस काम ही है लिखना
पाठक व दोस्त के घायल मन को सहलाना।।
सीता प्रसाद

©Sita Prasad
#Motivational #ramnavmi  White गरज उठे गगन सारा
समुंदर छोड़े अपना किनारा
हिल जाए दुनिया सारा
जब गूंजे जय श्री राम का नारा !
Happy Ram Navami
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

©Harishchandra King

#ramnavmi गरज उठे गगन सारा समुंदर छोड़े अपना किनारा हिल जाए दुनिया सारा जब गूंजे जय श्री राम का नारा ! Happy Ram Navami

153 View

शीर्षक- हाँ, तैयार हूँ मैं ---------------------------------------------------------- हाँ, तैयार हूँ मैं, क्योंकि--------------, बांध रखा है मैंने अपना सामान चलने को, जूतें भी पॉलिश कर लिये हैं चलने को, और कपड़ें भी बदल लिये हैं मैंने चलने को। हाँ, तैयार हूँ मैं, लेकिन मैं तुमसे पूछता हूँ, तुम क्यों कर रहे हो ऐसा ? क्या वहाँ तुम्हारा वश चलता है ? क्या उन्होंने दिया है तुम्हें सन्देश मेरे लिए ? हाँ, तैयार हूँ मैं, लेकिन मिट नहीं पा रही है अभी तक, आँखों में वो पुरानी तस्वीरें उनकी, निकल नहीं पा रही है दिल से अभी तक, उनकी वो नुकीली चुभती हुई बातें। हाँ, तैयार हूँ मैं, लेकिन डरता हूँ मैं वहाँ आने से, और नहीं करता हूँ उन पर विश्वास, मैं अब दुःखी नहीं रहना चाहता, मुझको अब आगे बढ़ना है। और इसीलिए, हाँ, तैयार हूँ मैं , क्योंकि--------------------। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#कविता #लेखन  शीर्षक- हाँ, तैयार हूँ मैं
----------------------------------------------------------
हाँ, तैयार हूँ मैं,
 क्योंकि--------------,
बांध रखा है मैंने अपना सामान चलने को,
जूतें भी पॉलिश कर लिये हैं चलने को,
और कपड़ें भी बदल लिये हैं मैंने चलने को।

हाँ, तैयार हूँ मैं,
लेकिन मैं तुमसे पूछता हूँ,
तुम क्यों कर रहे हो ऐसा ?
क्या वहाँ तुम्हारा वश चलता है ?
क्या उन्होंने दिया है तुम्हें सन्देश मेरे लिए ?

हाँ, तैयार हूँ मैं,
लेकिन मिट नहीं पा रही है अभी तक,
आँखों में वो पुरानी तस्वीरें उनकी,
निकल नहीं पा रही है दिल से अभी तक,
उनकी वो नुकीली चुभती हुई बातें।

हाँ, तैयार हूँ मैं,
लेकिन डरता हूँ मैं वहाँ आने से,
और नहीं करता हूँ उन पर विश्वास,
मैं अब दुःखी नहीं रहना चाहता,
मुझको अब आगे बढ़ना है।

और इसीलिए, 
हाँ, तैयार हूँ मैं ,
क्योंकि--------------------।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

#लेखन

17 Love

White वासुदेव कुटुंबकम का नारा जरूर है मगर रणक्षेत्र प्रतिद्वंद्वी हमारा शत्रु है। ©Anita Saini

#t20_worldcup_2024 #शायरी  White वासुदेव कुटुंबकम का नारा जरूर है
मगर रणक्षेत्र प्रतिद्वंद्वी हमारा शत्रु है।

©Anita Saini

#t20_worldcup_2024 वासुदेव कुटुंबकम का नारा जरूर है मगर रणक्षेत्र प्रतिद्वंद्वी हमारा शत्रु है।

14 Love

 White कुछ तो बात है इन हाथों में पापा के,
 कि सारे घर का भार उठाए हुए हैं कई सालों से;
हां! मैं जानती हूं कि बहुत साहसी हैं मेरे पापा,
तभी तो एक कारोबार संभाल रहे हैं कई सालों से।

कुछ तो बात है इन हाथों में पापा के।

©Aanchal Anant

#मेरेपापा #साहस_का_परिचय #कारोबार #संभालना #लगन #पोस्ट #नोजोटोहिंदी #शायरी #शब्दों_की_दुनिया #लेखन

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#dharm #कविता #काव्य #लेखन #प्रार्थना #मंगलाचरण #कुमार_आज़ाद

81 View

#शायरी #कविता #लेखक #लेखन #flowers  White लेेखन सौन्दर्य 
जब भी लिखी दास्तान दिल की 
कलम ने मेरा बखूबी साथ निभाया
किसी ने कहा' वाह क्या बात है! '
किसी को मेरा नज़रिया न भाया 

हैं दिल की बातें भी अजीब
इस दरिया में बस कुछ ही हैं नहाते
हर एक को दृश्य सुन्दर हैं भाते
बिरला ही कोई मनमोहक दिल हैं पाते 

स्वांग न रचना न बातें बनाना 
सीधी सी बात है दिल से दिल है मिलाना
न अपना चातुर्य किसी को बार- बार दिखाना
निर्मल हृदय पूर्ण सामने वाले की बात है
 समझना
तुम कलिमल रहित मुझे अपनाना
न मैं तुम्हे परखकर दोस्ती निभाऊँ 
मेरा तो बस काम ही है लिखना
पाठक व दोस्त के घायल मन को सहलाना।।
सीता प्रसाद

©Sita Prasad
#Motivational #ramnavmi  White गरज उठे गगन सारा
समुंदर छोड़े अपना किनारा
हिल जाए दुनिया सारा
जब गूंजे जय श्री राम का नारा !
Happy Ram Navami
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

©Harishchandra King

#ramnavmi गरज उठे गगन सारा समुंदर छोड़े अपना किनारा हिल जाए दुनिया सारा जब गूंजे जय श्री राम का नारा ! Happy Ram Navami

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शीर्षक- हाँ, तैयार हूँ मैं ---------------------------------------------------------- हाँ, तैयार हूँ मैं, क्योंकि--------------, बांध रखा है मैंने अपना सामान चलने को, जूतें भी पॉलिश कर लिये हैं चलने को, और कपड़ें भी बदल लिये हैं मैंने चलने को। हाँ, तैयार हूँ मैं, लेकिन मैं तुमसे पूछता हूँ, तुम क्यों कर रहे हो ऐसा ? क्या वहाँ तुम्हारा वश चलता है ? क्या उन्होंने दिया है तुम्हें सन्देश मेरे लिए ? हाँ, तैयार हूँ मैं, लेकिन मिट नहीं पा रही है अभी तक, आँखों में वो पुरानी तस्वीरें उनकी, निकल नहीं पा रही है दिल से अभी तक, उनकी वो नुकीली चुभती हुई बातें। हाँ, तैयार हूँ मैं, लेकिन डरता हूँ मैं वहाँ आने से, और नहीं करता हूँ उन पर विश्वास, मैं अब दुःखी नहीं रहना चाहता, मुझको अब आगे बढ़ना है। और इसीलिए, हाँ, तैयार हूँ मैं , क्योंकि--------------------। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#कविता #लेखन  शीर्षक- हाँ, तैयार हूँ मैं
----------------------------------------------------------
हाँ, तैयार हूँ मैं,
 क्योंकि--------------,
बांध रखा है मैंने अपना सामान चलने को,
जूतें भी पॉलिश कर लिये हैं चलने को,
और कपड़ें भी बदल लिये हैं मैंने चलने को।

हाँ, तैयार हूँ मैं,
लेकिन मैं तुमसे पूछता हूँ,
तुम क्यों कर रहे हो ऐसा ?
क्या वहाँ तुम्हारा वश चलता है ?
क्या उन्होंने दिया है तुम्हें सन्देश मेरे लिए ?

हाँ, तैयार हूँ मैं,
लेकिन मिट नहीं पा रही है अभी तक,
आँखों में वो पुरानी तस्वीरें उनकी,
निकल नहीं पा रही है दिल से अभी तक,
उनकी वो नुकीली चुभती हुई बातें।

हाँ, तैयार हूँ मैं,
लेकिन डरता हूँ मैं वहाँ आने से,
और नहीं करता हूँ उन पर विश्वास,
मैं अब दुःखी नहीं रहना चाहता,
मुझको अब आगे बढ़ना है।

और इसीलिए, 
हाँ, तैयार हूँ मैं ,
क्योंकि--------------------।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

#लेखन

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