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New ओबामा अब मानव dazai Status, Photo, Video

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#कविता  White यूं ही नहीं मैं मानव कहलाता हूं,
परेशानियों से नहीं घबराता हूं।
आसमान का सीना चीरकर बाहर आता हूं,
किया वादा स्वयं का निभाता हूं,
दिन हो या रात हो 
अपना कर्म करता जाता हूं।
चाहे घोर अंधेरा हो 
चाहे तूफानों ने घेरा हो
आगे बढ़ता जाता हूं,
चाहे दुर्गम रास्ता हो
चाहे पड़ता रोज उनसे वास्ता हो
अपना सही  किरदार निभाता हूं।
चाहे सूरज की तपिश हो
या घनघोर घटाएं हो
लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाता हूं,
चाहे पग पग पर कांटे हो
या चाहे पैरों में पड़ गए छाले हो 
अपना हौसला सदा दिखाता हूं।
यूं ही नहीं मैं मानव कहलाता हूं,
यूं ही नहीं मैं मानव कहलाता हूं।।

©Shishpal Chauhan

# मानव

126 View

#कविता #Buddha_purnima #nojotohindi  White पल्लव की डायरी
शरीर और आत्मा को जोड़े
सतत मन और बिचार शुद्ध होते है
योग साधना को साध कर ही
योगी भव सागर पार होते है
भरे पड़े वेद पुराण 
भारत की ही साधना है ये
जग को प्रेरणा देते है
भोगवाद से थर्राता मानव
आकर्षण योग उनको करता है
इक्कीस जून ही कियो
रोज योग से जुड़कर मानव
कितने रोग भय से मुक्त होता है
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Buddha_purnima भोगवाद से थर्राता मानव #nojotohindi

126 View

#मोटिवेशनल

मानव धर्म

144 View

#कोट्स #मानव #गरल  White अहम का गरल पीकर के
 मानव बदल गया दानव में ।
वह कौन सा दिन होगा 
जब होगी मानवता मानव में।

©Nandini Rastogi
#मोटिवेशनल #मानव  White मानव का प्रकृति से 
 गहरा नाता है,
कहीं धरती
तो कहीं आसमान 
नजर आता है।
वह जब अपने 
हौसलों को दिखाता है,
अपने सपने पूरे 
करता नजर आता है।

©Shishpal Chauhan

#मानव

144 View

White गीत :- मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले ,  होता खूब प्रचार ।। मानव सेवा करने को अब... हम आज तुम्हारे शुभचिंतक , करो न हमसे बैर । सबको हृदय बसाकर रखता , कहीं न कोई गैर ।। पाँच-साल में जब भी मौका, मिलता आता द्वार । खोल हृदय के पट दिखलाता , तुमको अपना प्यार ।। मानव सेवा करने को अब ... देखो ढ़ोंगी और लालची , उतरे हैं मैदान । उनकी मीठी बातों में अब , आना मत इंसान ।। मुझको कहकर भला बुरा वह , लेंगें तुमको जीत । पर उनकी बातें मत सुनना, होगी तेरी हार । मानव सेवा करने को अब..... सब ही ऐसा कहकर जाते , किसकी माने बात । सच कहते हो कैसे मानूँ , नहीं करोगे घात ।। अब जागरूक है ये जनता ,ये तेरा व्यापार । अपनों को तो भूल गये हो , हमे दिखाओ प्यार ।। मानव सेवा करने को अब .... सच्ची-सच्ची बात बताओ , इस दौलत का राज । मुश्किल हमको रोटी होती , सफल तुम्हारे काज ।। सम्पत्तिन तुम्हारे पिता की, और नहीं व्यापार । हमकों मीठी बात बताकर , लूटो देश हमार । मानव सेवा करने को अब..... मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले ,  होता खूब प्रचार ।। २०/०४/२०२४    -   महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White गीत :-
मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार ।
देख रहा हूँ गली मुहल्ले ,  होता खूब प्रचार ।।
मानव सेवा करने को अब...

हम आज तुम्हारे शुभचिंतक , करो न हमसे बैर ।
सबको हृदय बसाकर रखता , कहीं न कोई गैर ।।
पाँच-साल में जब भी मौका, मिलता आता द्वार ।
खोल हृदय के पट दिखलाता , तुमको अपना प्यार ।।
मानव सेवा करने को अब ...

देखो ढ़ोंगी और लालची , उतरे हैं मैदान ।
उनकी मीठी बातों में अब , आना मत इंसान ।।
मुझको कहकर भला बुरा वह , लेंगें तुमको जीत ।
पर उनकी बातें मत सुनना, होगी तेरी हार ।
मानव सेवा करने को अब.....

सब ही ऐसा कहकर जाते , किसकी माने बात ।
सच कहते हो कैसे मानूँ , नहीं करोगे घात ।।
अब जागरूक है ये जनता ,ये तेरा व्यापार ।
अपनों को तो भूल गये हो , हमे दिखाओ प्यार ।।
मानव सेवा करने को अब ....

सच्ची-सच्ची बात बताओ , इस दौलत का राज ।
मुश्किल हमको रोटी होती , सफल तुम्हारे काज ।।
सम्पत्तिन तुम्हारे पिता की, और नहीं व्यापार ।
हमकों मीठी बात बताकर , लूटो देश हमार ।
मानव सेवा करने को अब.....

मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार ।
देख रहा हूँ गली मुहल्ले ,  होता खूब प्रचार ।।

२०/०४/२०२४    -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले ,  होता खूब प्रचार ।। मानव सेवा करने को अब... हम आज तुम्हारे शुभचिंतक ,

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#कविता  White यूं ही नहीं मैं मानव कहलाता हूं,
परेशानियों से नहीं घबराता हूं।
आसमान का सीना चीरकर बाहर आता हूं,
किया वादा स्वयं का निभाता हूं,
दिन हो या रात हो 
अपना कर्म करता जाता हूं।
चाहे घोर अंधेरा हो 
चाहे तूफानों ने घेरा हो
आगे बढ़ता जाता हूं,
चाहे दुर्गम रास्ता हो
चाहे पड़ता रोज उनसे वास्ता हो
अपना सही  किरदार निभाता हूं।
चाहे सूरज की तपिश हो
या घनघोर घटाएं हो
लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाता हूं,
चाहे पग पग पर कांटे हो
या चाहे पैरों में पड़ गए छाले हो 
अपना हौसला सदा दिखाता हूं।
यूं ही नहीं मैं मानव कहलाता हूं,
यूं ही नहीं मैं मानव कहलाता हूं।।

©Shishpal Chauhan

# मानव

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#कविता #Buddha_purnima #nojotohindi  White पल्लव की डायरी
शरीर और आत्मा को जोड़े
सतत मन और बिचार शुद्ध होते है
योग साधना को साध कर ही
योगी भव सागर पार होते है
भरे पड़े वेद पुराण 
भारत की ही साधना है ये
जग को प्रेरणा देते है
भोगवाद से थर्राता मानव
आकर्षण योग उनको करता है
इक्कीस जून ही कियो
रोज योग से जुड़कर मानव
कितने रोग भय से मुक्त होता है
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Buddha_purnima भोगवाद से थर्राता मानव #nojotohindi

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#मोटिवेशनल

मानव धर्म

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#कोट्स #मानव #गरल  White अहम का गरल पीकर के
 मानव बदल गया दानव में ।
वह कौन सा दिन होगा 
जब होगी मानवता मानव में।

©Nandini Rastogi
#मोटिवेशनल #मानव  White मानव का प्रकृति से 
 गहरा नाता है,
कहीं धरती
तो कहीं आसमान 
नजर आता है।
वह जब अपने 
हौसलों को दिखाता है,
अपने सपने पूरे 
करता नजर आता है।

©Shishpal Chauhan

#मानव

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White गीत :- मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले ,  होता खूब प्रचार ।। मानव सेवा करने को अब... हम आज तुम्हारे शुभचिंतक , करो न हमसे बैर । सबको हृदय बसाकर रखता , कहीं न कोई गैर ।। पाँच-साल में जब भी मौका, मिलता आता द्वार । खोल हृदय के पट दिखलाता , तुमको अपना प्यार ।। मानव सेवा करने को अब ... देखो ढ़ोंगी और लालची , उतरे हैं मैदान । उनकी मीठी बातों में अब , आना मत इंसान ।। मुझको कहकर भला बुरा वह , लेंगें तुमको जीत । पर उनकी बातें मत सुनना, होगी तेरी हार । मानव सेवा करने को अब..... सब ही ऐसा कहकर जाते , किसकी माने बात । सच कहते हो कैसे मानूँ , नहीं करोगे घात ।। अब जागरूक है ये जनता ,ये तेरा व्यापार । अपनों को तो भूल गये हो , हमे दिखाओ प्यार ।। मानव सेवा करने को अब .... सच्ची-सच्ची बात बताओ , इस दौलत का राज । मुश्किल हमको रोटी होती , सफल तुम्हारे काज ।। सम्पत्तिन तुम्हारे पिता की, और नहीं व्यापार । हमकों मीठी बात बताकर , लूटो देश हमार । मानव सेवा करने को अब..... मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले ,  होता खूब प्रचार ।। २०/०४/२०२४    -   महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White गीत :-
मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार ।
देख रहा हूँ गली मुहल्ले ,  होता खूब प्रचार ।।
मानव सेवा करने को अब...

हम आज तुम्हारे शुभचिंतक , करो न हमसे बैर ।
सबको हृदय बसाकर रखता , कहीं न कोई गैर ।।
पाँच-साल में जब भी मौका, मिलता आता द्वार ।
खोल हृदय के पट दिखलाता , तुमको अपना प्यार ।।
मानव सेवा करने को अब ...

देखो ढ़ोंगी और लालची , उतरे हैं मैदान ।
उनकी मीठी बातों में अब , आना मत इंसान ।।
मुझको कहकर भला बुरा वह , लेंगें तुमको जीत ।
पर उनकी बातें मत सुनना, होगी तेरी हार ।
मानव सेवा करने को अब.....

सब ही ऐसा कहकर जाते , किसकी माने बात ।
सच कहते हो कैसे मानूँ , नहीं करोगे घात ।।
अब जागरूक है ये जनता ,ये तेरा व्यापार ।
अपनों को तो भूल गये हो , हमे दिखाओ प्यार ।।
मानव सेवा करने को अब ....

सच्ची-सच्ची बात बताओ , इस दौलत का राज ।
मुश्किल हमको रोटी होती , सफल तुम्हारे काज ।।
सम्पत्तिन तुम्हारे पिता की, और नहीं व्यापार ।
हमकों मीठी बात बताकर , लूटो देश हमार ।
मानव सेवा करने को अब.....

मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार ।
देख रहा हूँ गली मुहल्ले ,  होता खूब प्रचार ।।

२०/०४/२०२४    -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले ,  होता खूब प्रचार ।। मानव सेवा करने को अब... हम आज तुम्हारे शुभचिंतक ,

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