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New poem अटल बिहारी वाजपेयी Status, Photo, Video

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#कविता #Tranding #Lake #poem  White ह्बायों के रुख से लगता है कि रुखसत हो जाएगी बरसात
बेदर्द समां बदलेगा और आँखों से थम जाएगी बरसात .
अब जब थम गयी हैं बरसात तो किसान तरसा पानी को
बो वैठा हैं इसी आस मे कि अब कब आएगी बरसात .
दिल की बगिया को इस मोसम से कोई नहीं रही आस
आजाओ तुम इस बे रूखे मोसम में बन के बरसात .
चांदनी चादर बन ढक लेती हैं जब गलतफेहमियां हर रात
तब सुबह नई किरणों से फिर होती हें खुसिओं की बरसात .
सुबह की पहली किरण जब छू लेती हें तेरी बंद पलकें
चारों तरफ कलिओं से तेरी खुशबू की हो जाती बरसात .
नहा धो कर चमक जाती हर चोटी धोलाधार की
जब पश्चिम से बादल गरजते चमकते बनते बरसात

©ishant Thakur

prakrti poem #Lake #poem #Tranding

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#Videos

when you have Beautiful बिहारी Wife 👰 :-

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#shayaari #sjspoet #poatry #poem
#कविता  मृत्यु अटल सत्य है,
यह बात जानते हुए भी ,
इंसान दुनिया की व्यर्थ मोह माया में उलझा रहता है ।

सत्य यही है ,कि इंसान कभी सत्य को स्वीकारना पसंद करता ही नहीं है।
वह जानता है कि ,वह इस दुनिया में आया हुआ एक मेहमान है ।

समय समाप्त होने पर उसकी मेहमान नवाजी खत्म हो जाएगी ।
और उसे जाना होगा प्रभु के श्री चरणों में अपने परमधाम को ।

परन्तु उसके बावजूद भी इंसान ,व्यर्थ की मोह माया में उलझा रहता है।
 उसे कल की फिक्र है ,अपनों की चिंता है और दो पैसे का लालच हैं।

वास्तव में मनुष्य का जीवन  दुविधा में पड़ा हुआ है।
समय से पहले इस सत्य को दिल से स्वीकार करें तो वह जी नहीं सकता।
और अधिक समय तक इसे स्वीकार न करें तो वह दुखों से गिर जाता है।

क्योंकि आने वाले कल की चिंता को लेकर ,
मनुष्य का आज भी बिगड़ जाता है।
इसीलिए इस परम सत्य को बुलाकर जीना भी मानव के हित में।

©Negi Girl Kammu

मृत्यु अटल सत्य।

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#विचार

अटल सत्य

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Bihari and Hypocrisy राजनीतिक समझ पर ज्ञान ऐसे देंगे जैसे इनसे बड़ा कोई ज्ञानी नहीं हो पर फिर वोट किसी अपराधी को दे आयेंगे। खाने को आटा नहीं बात बिरला और टाटा की करेंगें । गोतिया के सामने अंबानी दिखने की कोशिश करेंगे फिर बाहर राज्य में जा कर मजदूरी करेंगे। गांव समाज में अगर कोई व्यक्ति मेहनत कर के आगे बढ़ना चाह रहा हो तो उसकी लिए अड़चन पैदा करेंगे, और फिर बाद में बिहारी एकता पर ज्ञान देंगे। गांव में रहेंगे तो एक गाली पर मर्डर कर देंगे वहीं बाहर राज्य में हर दिन गाली खायेंगे और निर्लज्ज की तरह बने रहेंगे। बाल बच्चा का मुंह देखे महीना हो जाए भले ही, अपना सुख चैन बेच आयेंगे पर वोट किसी ना किसी अपराधी को दे आएंगे। अजीब से नशा में चूर हैं सब, गलती करेंगे खुद और कहेंगे मजबूर हैं सब। मेहनत से चार पैसा कमाने वाला व्यापारी इनको चोर , दो नंबर का काम करने वाला लगेगा और बेटी का रिश्ता उस सरकारी बाबू से करवाएंगे जिसका आउटी आमदनी हो यानी घुस लेता हो l ©"Vibharshi" Ranjesh Singh

#hunarbaaz  Bihari and Hypocrisy 

राजनीतिक समझ पर ज्ञान ऐसे देंगे जैसे इनसे बड़ा कोई ज्ञानी नहीं हो पर फिर वोट किसी अपराधी को दे आयेंगे। 
खाने को आटा नहीं बात बिरला और टाटा की करेंगें । 
गोतिया के सामने अंबानी दिखने की कोशिश करेंगे फिर बाहर राज्य में जा कर मजदूरी करेंगे। गांव समाज में अगर कोई व्यक्ति मेहनत कर के आगे बढ़ना चाह रहा हो तो उसकी लिए अड़चन पैदा करेंगे, और फिर बाद में बिहारी एकता पर ज्ञान देंगे। गांव में रहेंगे तो एक गाली पर मर्डर कर देंगे वहीं बाहर राज्य में हर दिन गाली खायेंगे और निर्लज्ज की तरह बने रहेंगे। बाल बच्चा का मुंह देखे महीना हो जाए भले ही, अपना सुख चैन बेच आयेंगे पर वोट किसी ना किसी अपराधी को दे आएंगे। अजीब से नशा में चूर हैं सब, गलती करेंगे खुद और कहेंगे मजबूर हैं सब। मेहनत से चार पैसा कमाने वाला व्यापारी इनको चोर , दो  नंबर का काम करने वाला लगेगा और बेटी का रिश्ता उस सरकारी बाबू से करवाएंगे जिसका आउटी आमदनी हो यानी घुस लेता हो l

©"Vibharshi" Ranjesh Singh

मैं भी एक बिहारी हूं

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#कविता #Tranding #Lake #poem  White ह्बायों के रुख से लगता है कि रुखसत हो जाएगी बरसात
बेदर्द समां बदलेगा और आँखों से थम जाएगी बरसात .
अब जब थम गयी हैं बरसात तो किसान तरसा पानी को
बो वैठा हैं इसी आस मे कि अब कब आएगी बरसात .
दिल की बगिया को इस मोसम से कोई नहीं रही आस
आजाओ तुम इस बे रूखे मोसम में बन के बरसात .
चांदनी चादर बन ढक लेती हैं जब गलतफेहमियां हर रात
तब सुबह नई किरणों से फिर होती हें खुसिओं की बरसात .
सुबह की पहली किरण जब छू लेती हें तेरी बंद पलकें
चारों तरफ कलिओं से तेरी खुशबू की हो जाती बरसात .
नहा धो कर चमक जाती हर चोटी धोलाधार की
जब पश्चिम से बादल गरजते चमकते बनते बरसात

©ishant Thakur

prakrti poem #Lake #poem #Tranding

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#Videos

when you have Beautiful बिहारी Wife 👰 :-

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#shayaari #sjspoet #poatry #poem
#कविता  मृत्यु अटल सत्य है,
यह बात जानते हुए भी ,
इंसान दुनिया की व्यर्थ मोह माया में उलझा रहता है ।

सत्य यही है ,कि इंसान कभी सत्य को स्वीकारना पसंद करता ही नहीं है।
वह जानता है कि ,वह इस दुनिया में आया हुआ एक मेहमान है ।

समय समाप्त होने पर उसकी मेहमान नवाजी खत्म हो जाएगी ।
और उसे जाना होगा प्रभु के श्री चरणों में अपने परमधाम को ।

परन्तु उसके बावजूद भी इंसान ,व्यर्थ की मोह माया में उलझा रहता है।
 उसे कल की फिक्र है ,अपनों की चिंता है और दो पैसे का लालच हैं।

वास्तव में मनुष्य का जीवन  दुविधा में पड़ा हुआ है।
समय से पहले इस सत्य को दिल से स्वीकार करें तो वह जी नहीं सकता।
और अधिक समय तक इसे स्वीकार न करें तो वह दुखों से गिर जाता है।

क्योंकि आने वाले कल की चिंता को लेकर ,
मनुष्य का आज भी बिगड़ जाता है।
इसीलिए इस परम सत्य को बुलाकर जीना भी मानव के हित में।

©Negi Girl Kammu

मृत्यु अटल सत्य।

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#विचार

अटल सत्य

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Bihari and Hypocrisy राजनीतिक समझ पर ज्ञान ऐसे देंगे जैसे इनसे बड़ा कोई ज्ञानी नहीं हो पर फिर वोट किसी अपराधी को दे आयेंगे। खाने को आटा नहीं बात बिरला और टाटा की करेंगें । गोतिया के सामने अंबानी दिखने की कोशिश करेंगे फिर बाहर राज्य में जा कर मजदूरी करेंगे। गांव समाज में अगर कोई व्यक्ति मेहनत कर के आगे बढ़ना चाह रहा हो तो उसकी लिए अड़चन पैदा करेंगे, और फिर बाद में बिहारी एकता पर ज्ञान देंगे। गांव में रहेंगे तो एक गाली पर मर्डर कर देंगे वहीं बाहर राज्य में हर दिन गाली खायेंगे और निर्लज्ज की तरह बने रहेंगे। बाल बच्चा का मुंह देखे महीना हो जाए भले ही, अपना सुख चैन बेच आयेंगे पर वोट किसी ना किसी अपराधी को दे आएंगे। अजीब से नशा में चूर हैं सब, गलती करेंगे खुद और कहेंगे मजबूर हैं सब। मेहनत से चार पैसा कमाने वाला व्यापारी इनको चोर , दो नंबर का काम करने वाला लगेगा और बेटी का रिश्ता उस सरकारी बाबू से करवाएंगे जिसका आउटी आमदनी हो यानी घुस लेता हो l ©"Vibharshi" Ranjesh Singh

#hunarbaaz  Bihari and Hypocrisy 

राजनीतिक समझ पर ज्ञान ऐसे देंगे जैसे इनसे बड़ा कोई ज्ञानी नहीं हो पर फिर वोट किसी अपराधी को दे आयेंगे। 
खाने को आटा नहीं बात बिरला और टाटा की करेंगें । 
गोतिया के सामने अंबानी दिखने की कोशिश करेंगे फिर बाहर राज्य में जा कर मजदूरी करेंगे। गांव समाज में अगर कोई व्यक्ति मेहनत कर के आगे बढ़ना चाह रहा हो तो उसकी लिए अड़चन पैदा करेंगे, और फिर बाद में बिहारी एकता पर ज्ञान देंगे। गांव में रहेंगे तो एक गाली पर मर्डर कर देंगे वहीं बाहर राज्य में हर दिन गाली खायेंगे और निर्लज्ज की तरह बने रहेंगे। बाल बच्चा का मुंह देखे महीना हो जाए भले ही, अपना सुख चैन बेच आयेंगे पर वोट किसी ना किसी अपराधी को दे आएंगे। अजीब से नशा में चूर हैं सब, गलती करेंगे खुद और कहेंगे मजबूर हैं सब। मेहनत से चार पैसा कमाने वाला व्यापारी इनको चोर , दो  नंबर का काम करने वाला लगेगा और बेटी का रिश्ता उस सरकारी बाबू से करवाएंगे जिसका आउटी आमदनी हो यानी घुस लेता हो l

©"Vibharshi" Ranjesh Singh

मैं भी एक बिहारी हूं

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