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#moonlight #Quotes  White “I always book up at the moon 
and see it as the single
most romantic place within the cosmos.”

©Akash Kumar

#moonlight

81 View

ढलती शाम में और क्या लिखूॅं ? बस एक मॉं थी जिससे सुबह शाम हुआ करती थी‌, जो कि अब नहीं है! मगर वह दूर रहकर भी पास है, यही दिल के किसी कोने में। ©मनीष कुमार पाटीदार

#moonlight  ढलती शाम में और क्या लिखूॅं ?
बस एक मॉं थी जिससे सुबह शाम
हुआ करती थी‌, जो कि अब नहीं है!
मगर वह दूर रहकर भी पास है,
यही दिल के किसी कोने में।

©मनीष कुमार पाटीदार

#moonlight

12 Love

#मराठीशायरी #moonlight  
चांद धीरे से मुस्कुराया है


चांद को कौन याद आया है

©प्रथमेश

#moonlight

108 View

moonlight

126 View

#moonlight #मीम  समय बदलता है

आज आपका समय ठीक नहीं है बुरा वक़्त 
चल रहा है कोई आपको सपोर्ट नहीं कर 
रहा है सब आपका मजाक बना रहे है तो ईश्वर का नाम लेते हुए मेहनत करते रहना एक दिन आपको सफलता जरूर मिलेगी

©KRISHNA

#moonlight

144 View

मैं हूं बस एक केवल इस आस में बैठूंगा एक दिन कभी तेरे साथ में कोई 11- 12 बजे किसी रात में किसी एक छत पर ,कही एकांत में किसी शहर में, किसी एक प्रांत में जब चांदनी अपनी चमक छलका रही होगी तेरे कानों की बाली से लग बलखा रही होगी ठंडी हवाएं तेरे कोमल गालों को सहला रही होगी कुछ बहकी फिजाएं तेरे मन को बहला रही होगी पास जा बैठूंगा तुम्हारे पास और तुम्हें टक टक निहारूंगा तुम्हारे लटकते हुई जुल्फों को बड़े प्रेम से संवारूंगा थाम हाथ तेरा, तेरे हाथों में कुछ चूड़ियां पहनाऊंगा नजरें मिला तुमसे तुम्हें कुछ अपनी पंक्तियां सुनाऊंगा हाल ए दिल समझ लेना तुम, इससे ज्यादा ना कह पाऊंगा तेरे गोद में फिर सिर रख कर फिर टूट जाऊंगा बिखर जाऊंगा ©"Vibharshi" Ranjesh Singh

#कविता #moonlight  मैं हूं बस एक केवल इस आस में 
 बैठूंगा एक दिन कभी तेरे साथ में 
 कोई 11- 12 बजे  किसी रात में 
     किसी एक छत पर ,कही एकांत में  
  किसी शहर में, किसी एक प्रांत में 

जब चांदनी अपनी चमक छलका रही होगी 
  तेरे  कानों की बाली से लग बलखा रही होगी 
      ठंडी हवाएं तेरे कोमल गालों को सहला रही होगी
        कुछ बहकी फिजाएं तेरे मन को बहला रही होगी 

        पास जा बैठूंगा तुम्हारे पास और तुम्हें टक टक निहारूंगा      तुम्हारे लटकते हुई जुल्फों को बड़े प्रेम से संवारूंगा
 थाम हाथ तेरा, तेरे हाथों में कुछ चूड़ियां पहनाऊंगा 
     नजरें मिला तुमसे तुम्हें कुछ अपनी पंक्तियां सुनाऊंगा 
           हाल ए दिल समझ लेना तुम, इससे ज्यादा ना कह पाऊंगा 
         तेरे गोद में फिर सिर रख कर फिर टूट जाऊंगा बिखर जाऊंगा

©"Vibharshi" Ranjesh Singh

#moonlight

12 Love

#moonlight #Quotes  White “I always book up at the moon 
and see it as the single
most romantic place within the cosmos.”

©Akash Kumar

#moonlight

81 View

ढलती शाम में और क्या लिखूॅं ? बस एक मॉं थी जिससे सुबह शाम हुआ करती थी‌, जो कि अब नहीं है! मगर वह दूर रहकर भी पास है, यही दिल के किसी कोने में। ©मनीष कुमार पाटीदार

#moonlight  ढलती शाम में और क्या लिखूॅं ?
बस एक मॉं थी जिससे सुबह शाम
हुआ करती थी‌, जो कि अब नहीं है!
मगर वह दूर रहकर भी पास है,
यही दिल के किसी कोने में।

©मनीष कुमार पाटीदार

#moonlight

12 Love

#मराठीशायरी #moonlight  
चांद धीरे से मुस्कुराया है


चांद को कौन याद आया है

©प्रथमेश

#moonlight

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moonlight

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#moonlight #मीम  समय बदलता है

आज आपका समय ठीक नहीं है बुरा वक़्त 
चल रहा है कोई आपको सपोर्ट नहीं कर 
रहा है सब आपका मजाक बना रहे है तो ईश्वर का नाम लेते हुए मेहनत करते रहना एक दिन आपको सफलता जरूर मिलेगी

©KRISHNA

#moonlight

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मैं हूं बस एक केवल इस आस में बैठूंगा एक दिन कभी तेरे साथ में कोई 11- 12 बजे किसी रात में किसी एक छत पर ,कही एकांत में किसी शहर में, किसी एक प्रांत में जब चांदनी अपनी चमक छलका रही होगी तेरे कानों की बाली से लग बलखा रही होगी ठंडी हवाएं तेरे कोमल गालों को सहला रही होगी कुछ बहकी फिजाएं तेरे मन को बहला रही होगी पास जा बैठूंगा तुम्हारे पास और तुम्हें टक टक निहारूंगा तुम्हारे लटकते हुई जुल्फों को बड़े प्रेम से संवारूंगा थाम हाथ तेरा, तेरे हाथों में कुछ चूड़ियां पहनाऊंगा नजरें मिला तुमसे तुम्हें कुछ अपनी पंक्तियां सुनाऊंगा हाल ए दिल समझ लेना तुम, इससे ज्यादा ना कह पाऊंगा तेरे गोद में फिर सिर रख कर फिर टूट जाऊंगा बिखर जाऊंगा ©"Vibharshi" Ranjesh Singh

#कविता #moonlight  मैं हूं बस एक केवल इस आस में 
 बैठूंगा एक दिन कभी तेरे साथ में 
 कोई 11- 12 बजे  किसी रात में 
     किसी एक छत पर ,कही एकांत में  
  किसी शहर में, किसी एक प्रांत में 

जब चांदनी अपनी चमक छलका रही होगी 
  तेरे  कानों की बाली से लग बलखा रही होगी 
      ठंडी हवाएं तेरे कोमल गालों को सहला रही होगी
        कुछ बहकी फिजाएं तेरे मन को बहला रही होगी 

        पास जा बैठूंगा तुम्हारे पास और तुम्हें टक टक निहारूंगा      तुम्हारे लटकते हुई जुल्फों को बड़े प्रेम से संवारूंगा
 थाम हाथ तेरा, तेरे हाथों में कुछ चूड़ियां पहनाऊंगा 
     नजरें मिला तुमसे तुम्हें कुछ अपनी पंक्तियां सुनाऊंगा 
           हाल ए दिल समझ लेना तुम, इससे ज्यादा ना कह पाऊंगा 
         तेरे गोद में फिर सिर रख कर फिर टूट जाऊंगा बिखर जाऊंगा

©"Vibharshi" Ranjesh Singh

#moonlight

12 Love

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