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New चमचों पर व्यंग Status, Photo, Video

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#कविता

राजनीति पर पैरोडी

126 View

#मोटिवेशनल

वक्त आने पर

396 View

#हरयाणवी #चुनाव  चुनावी रागणी - शतुरमुर्ग*

विकास का मुद्दा ठावण आळी, वा पार्टी पड़कै सो ली 
जो सरकार बणाई थी वा, मनै पाँच बरस तक रो ली 

शाल दुशाले काम्बळ काळे, मनै धर लिए तह लगाकै
देशी इंग्लिश की पेटी भी, मनै धर ली गिणा गिणाकै
अरै वोट कितै और चोट कितै, मैं आग्या बटण दबाकै
नाच नाच कै ढोल बजाया, मनै पंगु सरकार बणाकै
इब शतुरमुर्ग की तरिया मनै, रेत में नाड़ गडो ली
जो सरकार बणाई थी वा, मनै पाँच बरस तक रो ली 

देख देख कै नोटां की तह, मनै मन की लौ बुझा दी 
अरै बेगैरत की ढाळ आत्मा, देकै लोभ सुवा दी 
ले ले कै नै नोट करारे, मनै बोगस वोट घला दी 
ज़मीर बेचकै सोदा पाड़या, बोटां की झड़ी लगा दी 
इब पछता कै के फायदा जब, पाप में टाँग डबो ली 
जो सरकार बणाई थी वा, मनै पाँच बरस तक रो ली 

कदे धर्म पै कदे जात पै, कदे माणस ऊपर हार गया 
कदे नामा कदे जड़ का सामा, वोट के ऊपर वार गया 
कदे इंग्लिश कदे घर की काढी, गळ के नीचै तार गया 
झूठ कपट बेईमानी का नश्तर, सबके भीतर पार गया 
सच की घीटी पै पांह धरकै, मनै पाप की गठड़ी ढो ली 
जो सरकार बणाई थी वा, मनै पाँच बरस तक रो ली 

सही समय पै सही माणस नै, चुणने में हम फेल रहे 
गुरु पालेराम की बोट की खातिर, बड़े बड़े पापड़ बेल रहे 
अपणी बात बणावण खातिर, झूठ बवण्डर पेल रहे 
पाप की लकड़ी, सच की गिंडु, टोरम टोरा खेल रहे 
"आनन्द शाहपुर" चेत खड़या हो, क्यूँ नाश की राही टोह ली 
जो सरकार बणाई थी वा, मनै पाँच बरस तक रो ली 

कॉपीरा

©Anand Kumar Ashodhiya

#हरयाणवी हरयाणवी रागनी चुनावी शतुरमुर्ग कविता व्यंग

108 View

 White 















ऑनलाइन
००००००

ऑनलाइन मत आना
 आज
मुझे देखने छत पर जाना 

स्क्रीन 
मुझे नहीं दिखा सकती पूरा 
चांद मुझे  पूरा दिखा सकता है

शायद
 चांद कहे तुमसे
मेरे बारे में ---
मैं छत पर हूँ 
और
एक किस्सा सुना रहा हूँ 
चांद को - 
एक पगली है
स्क्रीन पर रहती है
स्क्रीन में हंसती है
स्क्रीन में रोती है
आंखें सुजा लेती है.... 

उसको कहना मेरे बारे में
प्रेम में मेरी आँखें
कभी जलती नहीं

मैं चांद के जमाने से प्रेम करता हूँ
स्क्रीन का जमाना आज आया।

©Naresh Kumar khajuria

चांद पर प्रेम

117 View

#शायरी  White इंसान अगर बांध ना बनाए,वो नदियों के जलधारा को मोड़ेगा कैसे ।
दूसरों से ज्यादा खुद पर भरोशा हो,और कोई अपना दिल तोड़ेगा कैसे।।

©Amit

खुद पर भरोशा

90 View

#विचार #चमचों  चमचों का इलाज करते रहिए!

©Manojkumar Srivastava

#चमचों का इलाज#

126 View

#कविता

राजनीति पर पैरोडी

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#मोटिवेशनल

वक्त आने पर

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#हरयाणवी #चुनाव  चुनावी रागणी - शतुरमुर्ग*

विकास का मुद्दा ठावण आळी, वा पार्टी पड़कै सो ली 
जो सरकार बणाई थी वा, मनै पाँच बरस तक रो ली 

शाल दुशाले काम्बळ काळे, मनै धर लिए तह लगाकै
देशी इंग्लिश की पेटी भी, मनै धर ली गिणा गिणाकै
अरै वोट कितै और चोट कितै, मैं आग्या बटण दबाकै
नाच नाच कै ढोल बजाया, मनै पंगु सरकार बणाकै
इब शतुरमुर्ग की तरिया मनै, रेत में नाड़ गडो ली
जो सरकार बणाई थी वा, मनै पाँच बरस तक रो ली 

देख देख कै नोटां की तह, मनै मन की लौ बुझा दी 
अरै बेगैरत की ढाळ आत्मा, देकै लोभ सुवा दी 
ले ले कै नै नोट करारे, मनै बोगस वोट घला दी 
ज़मीर बेचकै सोदा पाड़या, बोटां की झड़ी लगा दी 
इब पछता कै के फायदा जब, पाप में टाँग डबो ली 
जो सरकार बणाई थी वा, मनै पाँच बरस तक रो ली 

कदे धर्म पै कदे जात पै, कदे माणस ऊपर हार गया 
कदे नामा कदे जड़ का सामा, वोट के ऊपर वार गया 
कदे इंग्लिश कदे घर की काढी, गळ के नीचै तार गया 
झूठ कपट बेईमानी का नश्तर, सबके भीतर पार गया 
सच की घीटी पै पांह धरकै, मनै पाप की गठड़ी ढो ली 
जो सरकार बणाई थी वा, मनै पाँच बरस तक रो ली 

सही समय पै सही माणस नै, चुणने में हम फेल रहे 
गुरु पालेराम की बोट की खातिर, बड़े बड़े पापड़ बेल रहे 
अपणी बात बणावण खातिर, झूठ बवण्डर पेल रहे 
पाप की लकड़ी, सच की गिंडु, टोरम टोरा खेल रहे 
"आनन्द शाहपुर" चेत खड़या हो, क्यूँ नाश की राही टोह ली 
जो सरकार बणाई थी वा, मनै पाँच बरस तक रो ली 

कॉपीरा

©Anand Kumar Ashodhiya

#हरयाणवी हरयाणवी रागनी चुनावी शतुरमुर्ग कविता व्यंग

108 View

 White 















ऑनलाइन
००००००

ऑनलाइन मत आना
 आज
मुझे देखने छत पर जाना 

स्क्रीन 
मुझे नहीं दिखा सकती पूरा 
चांद मुझे  पूरा दिखा सकता है

शायद
 चांद कहे तुमसे
मेरे बारे में ---
मैं छत पर हूँ 
और
एक किस्सा सुना रहा हूँ 
चांद को - 
एक पगली है
स्क्रीन पर रहती है
स्क्रीन में हंसती है
स्क्रीन में रोती है
आंखें सुजा लेती है.... 

उसको कहना मेरे बारे में
प्रेम में मेरी आँखें
कभी जलती नहीं

मैं चांद के जमाने से प्रेम करता हूँ
स्क्रीन का जमाना आज आया।

©Naresh Kumar khajuria

चांद पर प्रेम

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#शायरी  White इंसान अगर बांध ना बनाए,वो नदियों के जलधारा को मोड़ेगा कैसे ।
दूसरों से ज्यादा खुद पर भरोशा हो,और कोई अपना दिल तोड़ेगा कैसे।।

©Amit

खुद पर भरोशा

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#विचार #चमचों  चमचों का इलाज करते रहिए!

©Manojkumar Srivastava

#चमचों का इलाज#

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