देश की बेटी म्हारी बेटी
तू किसके आगे हाथ जोड़ती, रो रो कर रही चीख पुकार
लँगड़ा लूला पुलिस महकमा, आंधी बहरी है सरकार
न्या मांगणिये बाड़े में बंद, आज भ्र्ष्टाचारी राज करैं
जाँच कमेटी बिठा देइ न्या, करते करते आज करैं
चौगिरदे कै पुलिस बिठया दी, ना क्याहे की ल्ह्याज करैं
बब्बर शेर भी बेबस होग्ये, कित लग चिड़िया बाज मरैं
देश की शान बढ़ावण आले, आज हो रहये सैं लाचार
बिका हुआ दलाल मीडिया, चुपका सा तमाम होग्या
आँख पे पट्टी मुँह पे टेप, सरकारी गुलाम होग्या
यौन शोषण का दोषी आज, मीडिया का राम होग्या
दबंगई कर नेता बणग्या, न्यू समझे भगवान होग्या
भाण और बेटी लगी दाँव पे, यो कौरव का दरबार
कौम की बेटी इज्जत खातिर, रो रो कै नै डकराती
जिगरे आले सत पुरुष ही, सच के बणैं हिमाती
स्वाभिमान, ज़मीर की खातिर, हो वज्जर कैसी छाती
देश की बेटी, म्हारी धरोहर, इज्जत ही तो कहलाती
ना जाति, ना प्रभुत्व भरो, इज्जत की हुंकार
दागी नेता, भ्रष्ट प्रशासन, ना होती काररवाई
न्या पावण की खातिर बेटी, भरती फिरें तवाई
खरदूषण लाईलाज बीमारी, करणी पड़ै दवाई
आनन्द शाहपुर उठ खड़या हो, क्यूँकर करै समाई
दो हर्फी है माँग हमारी, हो खरदूषण गिरफ्तार
रचयिता : आनन्द कुमार आशोधिया@कॉपीराइट
©Anand Kumar Ashodhiya
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