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White पुरुष वेदना,,,,,, पहली शर्त थी कि बेरोज़गार ना हो ब्याह के लिए दूजी शर्त थी कि रोजगार वाला भी जी हुजूरी करता फिरे ©ललेश अजनबी,,,

#बेरोजगार #पुरुष #ब्याह #गवार  White पुरुष वेदना,,,,,,

पहली शर्त थी कि बेरोज़गार ना हो ब्याह के लिए 
दूजी शर्त थी कि रोजगार वाला भी जी हुजूरी करता फिरे

©ललेश अजनबी,,,
#प्रभुश्रीराम #गोदी_मीडिया #पुरुषोत्तम #अमर्यादित #राजनीति #मर्यादा  Jai Shri Ram "कृपया मर्यादा में रहकर अपनी बात कहे" 

"मर्यादा" अपने आप में एक आदर्श शब्द है, क्योंकि "मर्यादा" शब्द का सीधा संबंध , त्रेतायुग के महानायक मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम से है, मैं स्वयं सर्वप्रथम मर्यादा शब्द का परिचय, प्रभु श्री राम के नाम से पहले हुआ, इसलिए जब भी मर्यादा शब्द सुनता हूं तो मुझे हर समय मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम का स्मरण होता है।
लेकिन कलयुग आते-आते प्रभु श्री राम एवं उनके चरित्र का एक भाग अर्थात "मर्यादा" , इन दोनों ही का उपयोग, अपने-अपने हित को साधने के लिए भारत वर्ष में, वर्तमान काल तक जारी है।

 इन दोनों ही नाम अर्थात "राम" एवं "मर्यादा" का प्रयोग धार्मिक प्रयोजन में हो तो उत्तम लाभ प्राप्त होता है, परंतु जैसे ही इन दोनों का उपयोग राजनीति में नेताओं के द्वारा, एवं धर्म क्षेत्र में चंद पाखंडियों द्वारा होता है, तो अधम हानि को प्राप्त होता है।

"मर्यादा" शब्द का प्रयोग हमारी मुख्य धारा के समाचार चैनलों पर सबसे ज़्यादा किया गया, जिसमें देश की भावनाओं को कुरेदने वाले कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, ऐसे लोगों को निमंत्रित किया जाता है, जो अमर्यादित भाषा के शिरोमणि हो।

परंतु जैसे ही निमंत्रित मेहमान, अपने उच्च कोटि की अमर्यादित भाषा बोल लेता है, तब तक समाज में बहुत से लोगों तक यह अमर्यादित भाषा पहुंच जाती है, यह सिलसिला दस साल से लगातार हो रहा है, जब यह रायता फैलता रहता है, उसके बाद देश के तथाकथित स्वयंभू नंबर वन समाचार चैनलों के हमारे होनहार चाटुकार ऐंकर और ऐंकरा यह कहना नहीं भूलते कि, "कृपया मर्यादा में रहकर अपनी बात कहे" वैसे वर्तमान में हर चीज़ ही अमर्यादित हो रही है, फ़िर भी मैं यही कहूंगा, कृपया प्रभु श्री राम का स्मरण रखें एवं मर्यादा का पालन करें।

©अदनासा-
#पुरुष #विचार #विनोद #मोदी #युग

#विनोद मिश्र #मोदी #युग #पुरुष मोटिवेशन

126 View

#भक्ति #परम  White वो परम पुरुष जिसकी बनावट से परे,
परित: कुछ भी नहीं है,
वह स्वयं भी उससे बाहर नहीं है,
अंदर,बाहर कहके कुछ नहीं है,
पूरा ब्रह्मांड उसी में है,वही है,
वसन,वासन के नाम पर भी कुछ नहीं है,
जैसे हमारी आपादमस्तक नग्न काया,
बस उसी के प्रतिरूप हम,
हम उसी को स्वयं को समर्पित मानते हैं,
ये लौ जब मिट्टी ढहाके निकलेगी,
तब स्वयं को सोचता हूं,
आंत्र,मल, मूत्र से विसर्जित मैं,
उसके कोमल हृदय स्पंदन में जा बसूं,
जहां से फिर जठराग्नि में पड़कर,
मल, पित्त,कफ,स्वेद बनना न पड़े,
हे परमात्मा परम पुरुष!

©BANDHETIYA OFFICIAL

#परम पुरुष का हृदय स्पंदन बनूं।

99 View

#Motivational #motovation #bike_wale #motivate #status #story  White अयोग्यः पुरुषः नास्ति योजकस्तत्र दुर्लभः ।

अर्थ : कोई भी पुरुष अयोग्य नहीं, पर उसे योग्य काम में जोडनेवाला पुरुष दुर्लभ है

©Ganesh joshi

#bike_wale अयोग्यः पुरुषः नास्ति योजकस्तत्र दुर्लभः । #motivate #motovation #story #status अर्थ : कोई भी पुरुष अयोग्य नहीं, पर उसे योग्य क

126 View

#प्रारब्ध_या_नियति #पुरुषार्थ #विचार #सफलता  White पुरुषार्थ की सफलता के लिए प्रारब्ध की अनुकूलता आवश्यक है।

©Nirupama Mishra

White पुरुष वेदना,,,,,, पहली शर्त थी कि बेरोज़गार ना हो ब्याह के लिए दूजी शर्त थी कि रोजगार वाला भी जी हुजूरी करता फिरे ©ललेश अजनबी,,,

#बेरोजगार #पुरुष #ब्याह #गवार  White पुरुष वेदना,,,,,,

पहली शर्त थी कि बेरोज़गार ना हो ब्याह के लिए 
दूजी शर्त थी कि रोजगार वाला भी जी हुजूरी करता फिरे

©ललेश अजनबी,,,
#प्रभुश्रीराम #गोदी_मीडिया #पुरुषोत्तम #अमर्यादित #राजनीति #मर्यादा  Jai Shri Ram "कृपया मर्यादा में रहकर अपनी बात कहे" 

"मर्यादा" अपने आप में एक आदर्श शब्द है, क्योंकि "मर्यादा" शब्द का सीधा संबंध , त्रेतायुग के महानायक मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम से है, मैं स्वयं सर्वप्रथम मर्यादा शब्द का परिचय, प्रभु श्री राम के नाम से पहले हुआ, इसलिए जब भी मर्यादा शब्द सुनता हूं तो मुझे हर समय मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम का स्मरण होता है।
लेकिन कलयुग आते-आते प्रभु श्री राम एवं उनके चरित्र का एक भाग अर्थात "मर्यादा" , इन दोनों ही का उपयोग, अपने-अपने हित को साधने के लिए भारत वर्ष में, वर्तमान काल तक जारी है।

 इन दोनों ही नाम अर्थात "राम" एवं "मर्यादा" का प्रयोग धार्मिक प्रयोजन में हो तो उत्तम लाभ प्राप्त होता है, परंतु जैसे ही इन दोनों का उपयोग राजनीति में नेताओं के द्वारा, एवं धर्म क्षेत्र में चंद पाखंडियों द्वारा होता है, तो अधम हानि को प्राप्त होता है।

"मर्यादा" शब्द का प्रयोग हमारी मुख्य धारा के समाचार चैनलों पर सबसे ज़्यादा किया गया, जिसमें देश की भावनाओं को कुरेदने वाले कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, ऐसे लोगों को निमंत्रित किया जाता है, जो अमर्यादित भाषा के शिरोमणि हो।

परंतु जैसे ही निमंत्रित मेहमान, अपने उच्च कोटि की अमर्यादित भाषा बोल लेता है, तब तक समाज में बहुत से लोगों तक यह अमर्यादित भाषा पहुंच जाती है, यह सिलसिला दस साल से लगातार हो रहा है, जब यह रायता फैलता रहता है, उसके बाद देश के तथाकथित स्वयंभू नंबर वन समाचार चैनलों के हमारे होनहार चाटुकार ऐंकर और ऐंकरा यह कहना नहीं भूलते कि, "कृपया मर्यादा में रहकर अपनी बात कहे" वैसे वर्तमान में हर चीज़ ही अमर्यादित हो रही है, फ़िर भी मैं यही कहूंगा, कृपया प्रभु श्री राम का स्मरण रखें एवं मर्यादा का पालन करें।

©अदनासा-
#पुरुष #विचार #विनोद #मोदी #युग

#विनोद मिश्र #मोदी #युग #पुरुष मोटिवेशन

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#भक्ति #परम  White वो परम पुरुष जिसकी बनावट से परे,
परित: कुछ भी नहीं है,
वह स्वयं भी उससे बाहर नहीं है,
अंदर,बाहर कहके कुछ नहीं है,
पूरा ब्रह्मांड उसी में है,वही है,
वसन,वासन के नाम पर भी कुछ नहीं है,
जैसे हमारी आपादमस्तक नग्न काया,
बस उसी के प्रतिरूप हम,
हम उसी को स्वयं को समर्पित मानते हैं,
ये लौ जब मिट्टी ढहाके निकलेगी,
तब स्वयं को सोचता हूं,
आंत्र,मल, मूत्र से विसर्जित मैं,
उसके कोमल हृदय स्पंदन में जा बसूं,
जहां से फिर जठराग्नि में पड़कर,
मल, पित्त,कफ,स्वेद बनना न पड़े,
हे परमात्मा परम पुरुष!

©BANDHETIYA OFFICIAL

#परम पुरुष का हृदय स्पंदन बनूं।

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#Motivational #motovation #bike_wale #motivate #status #story  White अयोग्यः पुरुषः नास्ति योजकस्तत्र दुर्लभः ।

अर्थ : कोई भी पुरुष अयोग्य नहीं, पर उसे योग्य काम में जोडनेवाला पुरुष दुर्लभ है

©Ganesh joshi

#bike_wale अयोग्यः पुरुषः नास्ति योजकस्तत्र दुर्लभः । #motivate #motovation #story #status अर्थ : कोई भी पुरुष अयोग्य नहीं, पर उसे योग्य क

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#प्रारब्ध_या_नियति #पुरुषार्थ #विचार #सफलता  White पुरुषार्थ की सफलता के लिए प्रारब्ध की अनुकूलता आवश्यक है।

©Nirupama Mishra
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