यूं ही नहीं चलती विचारों की यह कलम।
सीने में छुपा रहता है कुछ दर्द, तो कुछ होता है महसूस।
जिसे कोई समझता नहीं,इसीलिए कलम बयां करती है इन विचारों को।
दुनिया को ये सिर्फ और सिर्फ शब्द नजर आते हैं।
ये शब्द बयान करते हैं ,किसी के जीवन की उदासी को,किसी के चेहरे
की हंसी को, तो किसी के अंदर छुपी दया की भावना को ।
यूं ही कभी किसी की कलम चलती नहीं।
जब उठता है तूफान मन के अंदर ,तो बोल उठाती है कलम ।
उजागर करती है उस तूफान को ।
एक कवि कब तक सीने में दर्द छुपाए बैठे,कब तक खुद को सताए बैठे।
जब कोई सुनने वाला नहीं तो जज्बात किसको सुनाए बैठे।
इसीलिए वह लेता है सहारा अपनी उस कलम का ।
जो उसके भावों को प्रकट कर दुनिया को रोमांचित करती है ।
©Negi Girl Kammu
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