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New गजल हिन्दी मे Status, Photo, Video

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#शायरी #गजल  वही शाम वही रात वही तारे हैं
 मगर मायूस दिल वही नजारे हैं

लगा था कल जंग जीत कर आए
आज बैठे हैं जैसे जिंदगी से हारे हैं

मेरी  जहां से खफा हो चांद गया
गम मैं डूबे मिलते नहीं किनारे हैं

गुल खिले खुशबू से घुट रहा है दम
आज बेखुद हमें तड़पा रही बहारें हैं

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#गजल

99 View

पेशेखिदमत है एक गजल सागर मे भी दिखता..गजल

99 View

न जाने क्या ज़माना चाहता है, मेरी ख़ुशियां मिटाना चाहता है। मेरी मासूमियत को छीन कर क्यों, मुझे शातिर बनाना चाहता है. अभी कोई कमी बाक़ी है शायद, जो फिर से आज़माना चाहता है। मिटाकर तीरगी अब ज़िन्दगी से, उजाले में वो आना चाहता है। निगाहों से लगे सीधा जिगर पर, वो इक ऐसा निशाना चाहता है । परिंदे की है बस इतनी सी ख़्वाहिश, नशेमन फिर बसाना चाहता है। अल्पना सुहासिनी ©Dr. Alpana suhasini

#गजल_सृजन #शायरी #गजल  न जाने क्या ज़माना चाहता है,
मेरी ख़ुशियां मिटाना चाहता है।

मेरी  मासूमियत को छीन कर क्यों,
मुझे शातिर बनाना चाहता है.

अभी कोई कमी बाक़ी है शायद,
जो फिर से आज़माना चाहता है।

मिटाकर तीरगी अब ज़िन्दगी से,
उजाले में वो आना चाहता है।

निगाहों से लगे सीधा जिगर पर,
वो इक ऐसा निशाना चाहता है । 

परिंदे की है बस इतनी सी ख़्वाहिश,
नशेमन फिर बसाना चाहता है।
         अल्पना सुहासिनी

©Dr. Alpana suhasini
#शायरी #गजल  गजल

करवट बदल बदल कर क्यूं रात बितातें हैं
इक नाम क्यों जमीं पर लिखतें हैं मिटाते हैं

मालूम है डगर में लुट जातें हैं मुसाफिर
गर लुट गए तो फिर क्यों अब शोर मचाते हैं

कट कर पतंग कोई आती न लौट करके
धागे में बांध फिर क्यूं खुशियों को उड़ाते हैं

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#गजल

108 View

#पेशेखिदमत #शायरी

#पेशेखिदमत एक गजल

1,953 View

ना कर ईशारे तबीयत मचल जाएगी । सूरत ए यिर पूतलियो में ढल जाएगी । -------------------------------------- अगर तू ने चाहा और पूजोगी मुझको , मेरी चाहत की नीयत बदल जाएगी । -------------------------------------,- माना कि तुम हो करिश्मा खुदा का , पाक ए खुदा ईबादत बदल जाएगी । --------------------------------------- खंजर निगाहो के जो मारोगी मुझको , रोज मरने की मौत भी टल जाएगी । ---------'ल-----------'---- बनके बदरिया जो बरसोगी मुझ पर , मयूरा अब कि बारिश बदल जाएगी। बनके बदरिया जो बरसोगी मुझ पर , ©Anand Ji Mayura Ji

#शायरी  ना कर ईशारे तबीयत मचल जाएगी ।
सूरत ए यिर पूतलियो में ढल जाएगी ।
--------------------------------------
अगर तू ने चाहा और पूजोगी मुझको ,
मेरी चाहत की नीयत बदल जाएगी ।
-------------------------------------,-
माना कि तुम हो करिश्मा खुदा का ,
पाक ए खुदा ईबादत बदल जाएगी ।
---------------------------------------
खंजर निगाहो के जो मारोगी मुझको ,
रोज मरने की मौत भी टल जाएगी ।
---------'ल-----------'----
बनके बदरिया जो बरसोगी मुझ पर ,
मयूरा अब कि बारिश बदल जाएगी।

बनके बदरिया जो बरसोगी मुझ पर ,

©Anand Ji Mayura Ji

गजल

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#शायरी #गजल  वही शाम वही रात वही तारे हैं
 मगर मायूस दिल वही नजारे हैं

लगा था कल जंग जीत कर आए
आज बैठे हैं जैसे जिंदगी से हारे हैं

मेरी  जहां से खफा हो चांद गया
गम मैं डूबे मिलते नहीं किनारे हैं

गुल खिले खुशबू से घुट रहा है दम
आज बेखुद हमें तड़पा रही बहारें हैं

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#गजल

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पेशेखिदमत है एक गजल सागर मे भी दिखता..गजल

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न जाने क्या ज़माना चाहता है, मेरी ख़ुशियां मिटाना चाहता है। मेरी मासूमियत को छीन कर क्यों, मुझे शातिर बनाना चाहता है. अभी कोई कमी बाक़ी है शायद, जो फिर से आज़माना चाहता है। मिटाकर तीरगी अब ज़िन्दगी से, उजाले में वो आना चाहता है। निगाहों से लगे सीधा जिगर पर, वो इक ऐसा निशाना चाहता है । परिंदे की है बस इतनी सी ख़्वाहिश, नशेमन फिर बसाना चाहता है। अल्पना सुहासिनी ©Dr. Alpana suhasini

#गजल_सृजन #शायरी #गजल  न जाने क्या ज़माना चाहता है,
मेरी ख़ुशियां मिटाना चाहता है।

मेरी  मासूमियत को छीन कर क्यों,
मुझे शातिर बनाना चाहता है.

अभी कोई कमी बाक़ी है शायद,
जो फिर से आज़माना चाहता है।

मिटाकर तीरगी अब ज़िन्दगी से,
उजाले में वो आना चाहता है।

निगाहों से लगे सीधा जिगर पर,
वो इक ऐसा निशाना चाहता है । 

परिंदे की है बस इतनी सी ख़्वाहिश,
नशेमन फिर बसाना चाहता है।
         अल्पना सुहासिनी

©Dr. Alpana suhasini
#शायरी #गजल  गजल

करवट बदल बदल कर क्यूं रात बितातें हैं
इक नाम क्यों जमीं पर लिखतें हैं मिटाते हैं

मालूम है डगर में लुट जातें हैं मुसाफिर
गर लुट गए तो फिर क्यों अब शोर मचाते हैं

कट कर पतंग कोई आती न लौट करके
धागे में बांध फिर क्यूं खुशियों को उड़ाते हैं

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#गजल

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#पेशेखिदमत #शायरी

#पेशेखिदमत एक गजल

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ना कर ईशारे तबीयत मचल जाएगी । सूरत ए यिर पूतलियो में ढल जाएगी । -------------------------------------- अगर तू ने चाहा और पूजोगी मुझको , मेरी चाहत की नीयत बदल जाएगी । -------------------------------------,- माना कि तुम हो करिश्मा खुदा का , पाक ए खुदा ईबादत बदल जाएगी । --------------------------------------- खंजर निगाहो के जो मारोगी मुझको , रोज मरने की मौत भी टल जाएगी । ---------'ल-----------'---- बनके बदरिया जो बरसोगी मुझ पर , मयूरा अब कि बारिश बदल जाएगी। बनके बदरिया जो बरसोगी मुझ पर , ©Anand Ji Mayura Ji

#शायरी  ना कर ईशारे तबीयत मचल जाएगी ।
सूरत ए यिर पूतलियो में ढल जाएगी ।
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अगर तू ने चाहा और पूजोगी मुझको ,
मेरी चाहत की नीयत बदल जाएगी ।
-------------------------------------,-
माना कि तुम हो करिश्मा खुदा का ,
पाक ए खुदा ईबादत बदल जाएगी ।
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खंजर निगाहो के जो मारोगी मुझको ,
रोज मरने की मौत भी टल जाएगी ।
---------'ल-----------'----
बनके बदरिया जो बरसोगी मुझ पर ,
मयूरा अब कि बारिश बदल जाएगी।

बनके बदरिया जो बरसोगी मुझ पर ,

©Anand Ji Mayura Ji

गजल

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