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New 'आजाद परिंदे' Status, Photo, Video

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#कविता #mothers_day  White "जब भी संकट आता है
 कोई जीवन में मेरे
ना मंदिर जाता हूं 
 ना मस्जिद जाता हूं 
जब मां थी तो 
मां के पास जाता था 
आज मां नहीं है तो 
मां का ध्यान किया करता हूं 
मां के आशीर्वाद के सहारे 
हर मुश्किल पर 
आसानी से पार पा जाता हूं।""सभी को मदर्स डे की आजाद शुभकामनाएं।"

©Azaad Pooran Singh Rajawat

#mothers_day आजाद शुभकामनाएं

117 View

#शायरी  आज़ाद परिंदे"

आज़ाद परिंदों की तरह,आप भी 
अपने लिए, ढंग का आशियां तय कर लो।

मिलने वाली है मंजिलें, उससे पहले  ही 
क्यों न समेट के खुशियां अपने घर भर लो।

किसे रखोगे दिल के राजमहल में, और 
क्या दोगे प्यार का नजराना यह भी  कर लो।

©Anuj Ray

# आज़ाद परिंदे"

234 View

अंधेरे की सोहबत से आजाद हूँ अब, बेख़बर सुनता कोई फरियाद हूँ अब, नहीं है ख़्वाहिश दिखाई दूँ शिखर पे, मुक़म्मल से घर की बुनियाद हूँ अब, फूल कलियों से चमन में ताज़गी है, दुआओं के इत्र से आबाद हूँ अब, चाँदनी उतरी है दिल के दरीचे में, लग रहा जैसे कोई महताब हूँ अब, जलने वाले इस क़दर हैरानगी से, देखते जैसे कोई तेजाब हूँ अब, झुकाते हैं शीश दरवाजे पे आकर, नगर सीमा पर खड़ी मेहराब हूँ अब, ख़त्म दौर-ए-जहाँ का करके गुंजन, ख़ुद से मिलने को बड़ा बेताब हूँ अब, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra

#शायरी #आजाद  अंधेरे की सोहबत से आजाद हूँ अब, 
बेख़बर सुनता कोई फरियाद हूँ अब, 

नहीं है ख़्वाहिश दिखाई दूँ शिखर पे,
मुक़म्मल से घर की बुनियाद हूँ अब, 

फूल कलियों से  चमन में  ताज़गी है, 
दुआओं  के  इत्र  से  आबाद हूँ  अब, 

चाँदनी  उतरी  है  दिल  के  दरीचे में, 
लग रहा  जैसे  कोई  महताब हूँ अब, 

जलने  वाले  इस  क़दर  हैरानगी से, 
देखते  जैसे   कोई   तेजाब  हूँ  अब, 

झुकाते  हैं  शीश  दरवाजे पे आकर, 
नगर सीमा पर खड़ी मेहराब हूँ अब,

ख़त्म  दौर-ए-जहाँ का  करके गुंजन,
ख़ुद से मिलने को बड़ा बेताब हूँ अब, 
      --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
             चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra

#आजाद हूँ अब#

13 Love

#deep_thoughts #qouteoftheday #good_thought #life_lesson #tureLine

परिंदे आजाद थे इस आसमान में पर फिर भी डर था पिंजरे का........... #deep_thoughts #Meaning #life #Birds #life_lesson#tureLine #good_thought #

99 View

#ज़िन्दगी #नादान  कितने सौम्य कितने मासूम होते है ये बेजूबान जानवर हम इंसानों से भी ज्यादा समझदार होते हैं ये बेजूबान तो हमारे खुशी से खुश और हमारे दर्द से दुखी होते हैं।।

©गुमनाम शायर

#नादान परिंदे

252 View

#ज़िन्दगी #WinterEve   परिंदे भी अब अपने घर लौट रहे है,
मैं कहा जाऊ घर से निकला था 
घर बनाने के लिए,
घर भी न रहा न कोई अपना रहा...

©Raxx

#WinterEve परिंदे

171 View

#कविता #mothers_day  White "जब भी संकट आता है
 कोई जीवन में मेरे
ना मंदिर जाता हूं 
 ना मस्जिद जाता हूं 
जब मां थी तो 
मां के पास जाता था 
आज मां नहीं है तो 
मां का ध्यान किया करता हूं 
मां के आशीर्वाद के सहारे 
हर मुश्किल पर 
आसानी से पार पा जाता हूं।""सभी को मदर्स डे की आजाद शुभकामनाएं।"

©Azaad Pooran Singh Rajawat

#mothers_day आजाद शुभकामनाएं

117 View

#शायरी  आज़ाद परिंदे"

आज़ाद परिंदों की तरह,आप भी 
अपने लिए, ढंग का आशियां तय कर लो।

मिलने वाली है मंजिलें, उससे पहले  ही 
क्यों न समेट के खुशियां अपने घर भर लो।

किसे रखोगे दिल के राजमहल में, और 
क्या दोगे प्यार का नजराना यह भी  कर लो।

©Anuj Ray

# आज़ाद परिंदे"

234 View

अंधेरे की सोहबत से आजाद हूँ अब, बेख़बर सुनता कोई फरियाद हूँ अब, नहीं है ख़्वाहिश दिखाई दूँ शिखर पे, मुक़म्मल से घर की बुनियाद हूँ अब, फूल कलियों से चमन में ताज़गी है, दुआओं के इत्र से आबाद हूँ अब, चाँदनी उतरी है दिल के दरीचे में, लग रहा जैसे कोई महताब हूँ अब, जलने वाले इस क़दर हैरानगी से, देखते जैसे कोई तेजाब हूँ अब, झुकाते हैं शीश दरवाजे पे आकर, नगर सीमा पर खड़ी मेहराब हूँ अब, ख़त्म दौर-ए-जहाँ का करके गुंजन, ख़ुद से मिलने को बड़ा बेताब हूँ अब, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra

#शायरी #आजाद  अंधेरे की सोहबत से आजाद हूँ अब, 
बेख़बर सुनता कोई फरियाद हूँ अब, 

नहीं है ख़्वाहिश दिखाई दूँ शिखर पे,
मुक़म्मल से घर की बुनियाद हूँ अब, 

फूल कलियों से  चमन में  ताज़गी है, 
दुआओं  के  इत्र  से  आबाद हूँ  अब, 

चाँदनी  उतरी  है  दिल  के  दरीचे में, 
लग रहा  जैसे  कोई  महताब हूँ अब, 

जलने  वाले  इस  क़दर  हैरानगी से, 
देखते  जैसे   कोई   तेजाब  हूँ  अब, 

झुकाते  हैं  शीश  दरवाजे पे आकर, 
नगर सीमा पर खड़ी मेहराब हूँ अब,

ख़त्म  दौर-ए-जहाँ का  करके गुंजन,
ख़ुद से मिलने को बड़ा बेताब हूँ अब, 
      --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
             चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra

#आजाद हूँ अब#

13 Love

#deep_thoughts #qouteoftheday #good_thought #life_lesson #tureLine

परिंदे आजाद थे इस आसमान में पर फिर भी डर था पिंजरे का........... #deep_thoughts #Meaning #life #Birds #life_lesson#tureLine #good_thought #

99 View

#ज़िन्दगी #नादान  कितने सौम्य कितने मासूम होते है ये बेजूबान जानवर हम इंसानों से भी ज्यादा समझदार होते हैं ये बेजूबान तो हमारे खुशी से खुश और हमारे दर्द से दुखी होते हैं।।

©गुमनाम शायर

#नादान परिंदे

252 View

#ज़िन्दगी #WinterEve   परिंदे भी अब अपने घर लौट रहे है,
मैं कहा जाऊ घर से निकला था 
घर बनाने के लिए,
घर भी न रहा न कोई अपना रहा...

©Raxx

#WinterEve परिंदे

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