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#कविता #poem  White मोबाइल पर पढ़ते बच्चे ऐसे आगे बढ़ते बच्चे
बिना परीक्षा अगली कक्षा घर बैठे ही चढ़ते बच्चे बिना संग मित्रों में खेले नई जिंदगी गढ़ते बच्चे
खोया बचपन, दोष
समूचा
कोरोना पर मढ़ते बच्चे

©The Kane

#poem

108 View

#শায়রি #Aasa

#Aasa diye chele gale

171 View

#poem

#poem

198 View

#कविता #Tranding #Lake #poem  White ह्बायों के रुख से लगता है कि रुखसत हो जाएगी बरसात
बेदर्द समां बदलेगा और आँखों से थम जाएगी बरसात .
अब जब थम गयी हैं बरसात तो किसान तरसा पानी को
बो वैठा हैं इसी आस मे कि अब कब आएगी बरसात .
दिल की बगिया को इस मोसम से कोई नहीं रही आस
आजाओ तुम इस बे रूखे मोसम में बन के बरसात .
चांदनी चादर बन ढक लेती हैं जब गलतफेहमियां हर रात
तब सुबह नई किरणों से फिर होती हें खुसिओं की बरसात .
सुबह की पहली किरण जब छू लेती हें तेरी बंद पलकें
चारों तरफ कलिओं से तेरी खुशबू की हो जाती बरसात .
नहा धो कर चमक जाती हर चोटी धोलाधार की
जब पश्चिम से बादल गरजते चमकते बनते बरसात

©ishant Thakur

prakrti poem #Lake #poem #Tranding

90 View

वक्त शायद जख़्मो को भर भी दे, मगर जाओं... जिंदगी से पूछकर आओं... क्या वोह मेरी उम्र की भरपाई कर पायेगी....! ©Aarti Sirsat

#विचार #poem  वक्त शायद जख़्मो को भर भी दे, 
मगर जाओं... 
जिंदगी से पूछकर आओं... 
क्या वोह मेरी उम्र की भरपाई कर पायेगी....!

©Aarti Sirsat

#poem

17 Love

#shayaari #sjspoet #poatry #poem
#कविता #poem  White मोबाइल पर पढ़ते बच्चे ऐसे आगे बढ़ते बच्चे
बिना परीक्षा अगली कक्षा घर बैठे ही चढ़ते बच्चे बिना संग मित्रों में खेले नई जिंदगी गढ़ते बच्चे
खोया बचपन, दोष
समूचा
कोरोना पर मढ़ते बच्चे

©The Kane

#poem

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#শায়রি #Aasa

#Aasa diye chele gale

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#poem

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#कविता #Tranding #Lake #poem  White ह्बायों के रुख से लगता है कि रुखसत हो जाएगी बरसात
बेदर्द समां बदलेगा और आँखों से थम जाएगी बरसात .
अब जब थम गयी हैं बरसात तो किसान तरसा पानी को
बो वैठा हैं इसी आस मे कि अब कब आएगी बरसात .
दिल की बगिया को इस मोसम से कोई नहीं रही आस
आजाओ तुम इस बे रूखे मोसम में बन के बरसात .
चांदनी चादर बन ढक लेती हैं जब गलतफेहमियां हर रात
तब सुबह नई किरणों से फिर होती हें खुसिओं की बरसात .
सुबह की पहली किरण जब छू लेती हें तेरी बंद पलकें
चारों तरफ कलिओं से तेरी खुशबू की हो जाती बरसात .
नहा धो कर चमक जाती हर चोटी धोलाधार की
जब पश्चिम से बादल गरजते चमकते बनते बरसात

©ishant Thakur

prakrti poem #Lake #poem #Tranding

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वक्त शायद जख़्मो को भर भी दे, मगर जाओं... जिंदगी से पूछकर आओं... क्या वोह मेरी उम्र की भरपाई कर पायेगी....! ©Aarti Sirsat

#विचार #poem  वक्त शायद जख़्मो को भर भी दे, 
मगर जाओं... 
जिंदगी से पूछकर आओं... 
क्या वोह मेरी उम्र की भरपाई कर पायेगी....!

©Aarti Sirsat

#poem

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#shayaari #sjspoet #poatry #poem
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