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#कविता #Tranding #Lake #poem  White ह्बायों के रुख से लगता है कि रुखसत हो जाएगी बरसात
बेदर्द समां बदलेगा और आँखों से थम जाएगी बरसात .
अब जब थम गयी हैं बरसात तो किसान तरसा पानी को
बो वैठा हैं इसी आस मे कि अब कब आएगी बरसात .
दिल की बगिया को इस मोसम से कोई नहीं रही आस
आजाओ तुम इस बे रूखे मोसम में बन के बरसात .
चांदनी चादर बन ढक लेती हैं जब गलतफेहमियां हर रात
तब सुबह नई किरणों से फिर होती हें खुसिओं की बरसात .
सुबह की पहली किरण जब छू लेती हें तेरी बंद पलकें
चारों तरफ कलिओं से तेरी खुशबू की हो जाती बरसात .
नहा धो कर चमक जाती हर चोटी धोलाधार की
जब पश्चिम से बादल गरजते चमकते बनते बरसात

©ishant Thakur

prakrti poem #Lake #poem #Tranding

90 View

#shayaari #sjspoet #poatry #poem
#रामधारी_सिंह_दिनकर #कविता  "इन्द्र का आयुध पुरुष जो झेल सकता है,
सिंह से बाँहें मिलाकर खेल सकता है,
फूल के आगे वही असहाय हो जाता ,
शक्ति के रहते हुए निरुपाय हो जाता।
 
विद्ध हो जाता सहज बंकिम नयन के बाण से
जीत लेती रूपसी नारी उसे मुस्कान से !"

©HintsOfHeart.

#रामधारी_सिंह_दिनकर -'उर्वशी' से।

144 View

#Motivational

poem

108 View

#रामधारी_सिंह_ #उर्वशी #कविता  "कहते हैं, धरती पर सब रोगों से कठिन प्रणय है
लगता है यह जिसे, उसे फिर नींद नहीं आती है
दिवस रुदन में, रात आह भरने में कट जाती है
मन खोया-खोया, आँखें कुछ भरी-भरी रहती है
भीगी पुतली में कोई तस्वीर खड़ी रहती है"¹

©HintsOfHeart.

#रामधारी_सिंह_'दिनकर' के काव्य नाटक #उर्वशी' से। 1.इसके लिए 1972 में उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया।

153 View

#hibiscussabdariffa #loveshayari #thought #poem  Kitabo mein likhi sabda se bhale he kuch sikha na sake per kuch logo ke sath rha ke unke jhuke aakho se bhut kuch sikha gaye

©SÃÑDÏP.
#कविता #Tranding #Lake #poem  White ह्बायों के रुख से लगता है कि रुखसत हो जाएगी बरसात
बेदर्द समां बदलेगा और आँखों से थम जाएगी बरसात .
अब जब थम गयी हैं बरसात तो किसान तरसा पानी को
बो वैठा हैं इसी आस मे कि अब कब आएगी बरसात .
दिल की बगिया को इस मोसम से कोई नहीं रही आस
आजाओ तुम इस बे रूखे मोसम में बन के बरसात .
चांदनी चादर बन ढक लेती हैं जब गलतफेहमियां हर रात
तब सुबह नई किरणों से फिर होती हें खुसिओं की बरसात .
सुबह की पहली किरण जब छू लेती हें तेरी बंद पलकें
चारों तरफ कलिओं से तेरी खुशबू की हो जाती बरसात .
नहा धो कर चमक जाती हर चोटी धोलाधार की
जब पश्चिम से बादल गरजते चमकते बनते बरसात

©ishant Thakur

prakrti poem #Lake #poem #Tranding

90 View

#shayaari #sjspoet #poatry #poem
#रामधारी_सिंह_दिनकर #कविता  "इन्द्र का आयुध पुरुष जो झेल सकता है,
सिंह से बाँहें मिलाकर खेल सकता है,
फूल के आगे वही असहाय हो जाता ,
शक्ति के रहते हुए निरुपाय हो जाता।
 
विद्ध हो जाता सहज बंकिम नयन के बाण से
जीत लेती रूपसी नारी उसे मुस्कान से !"

©HintsOfHeart.

#रामधारी_सिंह_दिनकर -'उर्वशी' से।

144 View

#Motivational

poem

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#रामधारी_सिंह_ #उर्वशी #कविता  "कहते हैं, धरती पर सब रोगों से कठिन प्रणय है
लगता है यह जिसे, उसे फिर नींद नहीं आती है
दिवस रुदन में, रात आह भरने में कट जाती है
मन खोया-खोया, आँखें कुछ भरी-भरी रहती है
भीगी पुतली में कोई तस्वीर खड़ी रहती है"¹

©HintsOfHeart.

#रामधारी_सिंह_'दिनकर' के काव्य नाटक #उर्वशी' से। 1.इसके लिए 1972 में उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया।

153 View

#hibiscussabdariffa #loveshayari #thought #poem  Kitabo mein likhi sabda se bhale he kuch sikha na sake per kuch logo ke sath rha ke unke jhuke aakho se bhut kuch sikha gaye

©SÃÑDÏP.
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