tags

New चटावरचे श्राद्ध Status, Photo, Video

Find the latest Status about चटावरचे श्राद्ध from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about चटावरचे श्राद्ध.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#कविता #शायरी #चुनाव #NarendraModi #rahulgandhi

आजकल नेताजी श्राद्ध खाने भी चले आते हैं,The Mirror of Politics Through My Pen, part - 3 ‎@dhruvrathee  ‎@NarendraModi  ‎@MyGovIndia  ‎@sh

144 View

#कविता  कुछ यूँ जानूँगी मैं तुमको,
कुछ यूँ मैं मिलन निबाहूँगी......!
सुनो गर जनम दोबारा हो,
मैं तुमको जीना चाहूँगी..........!!

चाहूँगी मैं जड़ में जाकर 
जड़ से तुमको सींचना..
मन वचन धरण 
नव अवतरण 
सब अपने भीतर भींचना.....

रक्तिम सा भ्रुण बन कर तुम सम,
भ्रुण भ्रुण में अंतर परखूँगी..!
मेल असंभव क्यूँ हम तुम का,
इस पर उत्तर रखूँगी....!!

पुछूँगी कि किए कहाँ
वो भाव श्राद्ध 
कोमल कसीज,
खोजूँगी मैं वहाँ जहाँ 
बोया गया था दंभ बीज...
उस नर्म धरा को पाछूँगी,
मैं नमी का कारण जाचूँगी.......!!

मैं ढूंढूँगी 
वो वक्ष जहाँ,
स्त्रीत्व दबाया है निज का,
वो नेत्र जहाँ 
जलधि समान अश्रु छुपाया है निज का....!
प्रकृत विद्रोह तना होगा,
जब पुत्र पुरुष बना होगा.....

मैं तुममें सेंध लगाकर हाँ, 
कोमलताएं तलाशूँगी,
उन कारणों से जुझूँगी....
मैं तुमको जीना चाहूँगी......!!

अनुभूत करूँ तुमसा स्वामित्व,
श्रेयस जो तुमने ढोया है...
और यूँ पुरुष को होने में 
कितने तक निज को खोया.....!
कदम कठिन रुक 
चलते चलते 
कित् जाकर आसान हुआ,
हृदय तुम्हारा पुरुष भार से 
किस हद तक पाषाण हुआ.....!!

मैं तुममें अंगीकार हो,
नवसृज होकर आऊँगी,
मैं तुमको जीना चाहूँगी........
फिर तुमसे मिलन निबाहूँगी........!!
@पुष्पवृतियाँ

©Pushpvritiya

कुछ यूँ जानूँगी मैं तुमको, कुछ यूँ मैं मिलन निबाहूँगी......! सुनो गर जनम दोबारा हो, मैं तुमको जीना चाहूँगी..........!! चाहूँगी मैं जड़ में

3528 View

#कविता #शायरी #चुनाव #NarendraModi #rahulgandhi

आजकल नेताजी श्राद्ध खाने भी चले आते हैं,The Mirror of Politics Through My Pen, part - 3 ‎@dhruvrathee  ‎@NarendraModi  ‎@MyGovIndia  ‎@sh

144 View

#कविता  कुछ यूँ जानूँगी मैं तुमको,
कुछ यूँ मैं मिलन निबाहूँगी......!
सुनो गर जनम दोबारा हो,
मैं तुमको जीना चाहूँगी..........!!

चाहूँगी मैं जड़ में जाकर 
जड़ से तुमको सींचना..
मन वचन धरण 
नव अवतरण 
सब अपने भीतर भींचना.....

रक्तिम सा भ्रुण बन कर तुम सम,
भ्रुण भ्रुण में अंतर परखूँगी..!
मेल असंभव क्यूँ हम तुम का,
इस पर उत्तर रखूँगी....!!

पुछूँगी कि किए कहाँ
वो भाव श्राद्ध 
कोमल कसीज,
खोजूँगी मैं वहाँ जहाँ 
बोया गया था दंभ बीज...
उस नर्म धरा को पाछूँगी,
मैं नमी का कारण जाचूँगी.......!!

मैं ढूंढूँगी 
वो वक्ष जहाँ,
स्त्रीत्व दबाया है निज का,
वो नेत्र जहाँ 
जलधि समान अश्रु छुपाया है निज का....!
प्रकृत विद्रोह तना होगा,
जब पुत्र पुरुष बना होगा.....

मैं तुममें सेंध लगाकर हाँ, 
कोमलताएं तलाशूँगी,
उन कारणों से जुझूँगी....
मैं तुमको जीना चाहूँगी......!!

अनुभूत करूँ तुमसा स्वामित्व,
श्रेयस जो तुमने ढोया है...
और यूँ पुरुष को होने में 
कितने तक निज को खोया.....!
कदम कठिन रुक 
चलते चलते 
कित् जाकर आसान हुआ,
हृदय तुम्हारा पुरुष भार से 
किस हद तक पाषाण हुआ.....!!

मैं तुममें अंगीकार हो,
नवसृज होकर आऊँगी,
मैं तुमको जीना चाहूँगी........
फिर तुमसे मिलन निबाहूँगी........!!
@पुष्पवृतियाँ

©Pushpvritiya

कुछ यूँ जानूँगी मैं तुमको, कुछ यूँ मैं मिलन निबाहूँगी......! सुनो गर जनम दोबारा हो, मैं तुमको जीना चाहूँगी..........!! चाहूँगी मैं जड़ में

3528 View

Trending Topic