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गोपी छन्द :-  बसा लें चलकर हम बस्ती । धरा इतनी न हुई सस्ती ।। प्रेम की जग में हो पूजा । नही पथ कोई हो दूजा ।। तपन सूरज की है भारी । झेलती दुनिया है सारी ।। हुए बेहाल जीव सारे । बरसते तन पे अंगारे ।। बने सज्जन हो तुम फिरते । बात भी मीठी हो करते ।। अधर पे सिर्फ टिकी लाली । हृदय में बस तेरे गाली ।। शोक उनका हो क्यों करते । पथिक बनकर जो हैं रहते ।। प्रखर यही राम की माया । नेह छोड़ो ये तन छाया ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गोपी छन्द :- 

बसा लें चलकर हम बस्ती ।
धरा इतनी न हुई सस्ती ।।
प्रेम की जग में हो पूजा ।
नही पथ कोई हो दूजा ।।

तपन सूरज की है भारी ।
झेलती दुनिया है सारी ।।
हुए बेहाल जीव सारे ।
बरसते तन पे अंगारे ।।

बने सज्जन हो तुम फिरते ।
बात भी मीठी हो करते ।।
अधर पे सिर्फ टिकी लाली ।
हृदय में बस तेरे गाली ।।

शोक उनका हो क्यों करते ।
पथिक बनकर जो हैं रहते ।।
प्रखर यही राम की माया ।
नेह छोड़ो ये तन छाया ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गोपी छन्द :-  बसा लें चलकर हम बस्ती । धरा इतनी न हुई सस्ती ।। प्रेम की जग में हो पूजा ।

10 Love

#nojotohindipoetry #गर्मी #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  गर्मी (दोहे)

गर्मी जब से आ गई, बहे स्वेद की धार।
धूप लगे घनघोर है, सूरज करे प्रहार।।

जल शीतल पीने लगे, बुझे न फिर भी प्यास।
गला सूखता है बहुत, क्या आएगा रास।।

धरा काँपती है बहुत, जैसे चढ़ा बुखार।
राहत भी मिलती नहीं, बहती गरम बयार।।

छाता लेकर घूमते, है गर्मी का जोर।
गर्मी गर्मी कर रहे, मचा रहे हैं शोर।।

बगिया में जब फल लगे, खुशी मनाते लोग।
मार मार पत्थर उसे, ले कर करते भोग।।

हाल सभी बेहाल हैं, गर्मी का है जोश।
गर्मी की इस तपन से, उड़ते सबके होश।।
............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#गर्मी #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry गर्मी (दोहे) गर्मी जब से आ गई, बहे स्वेद की धार। धूप लगे घनघोर है, सूरज करे प्रहार।। जल शीत

171 View

#वीडियो

गर्मी का कहर, बढ़ गई तपन

117 View

#nightthoughts #hunarbaaz  White बैठा आग के पास मैं
सोच रहा एक ख्याल।

आग जल रही बाहर
भीतर जल रहा संसार।

 तपन किसकी अधिक झुलसाती
बाहर या भीतर की ये आग।

©Banarasi..

#nightthoughts बैठा आग के पास मैं सोच रहा एक ख्याल। आग जल रही बाहर भीतर जल रहा संसार।

153 View

Life Like दोहा:- बोलो सीता राम सब , बोलो राधेश्याम । यही जगत में सत्य है , भज ले प्यारे नाम ।। बाला जी महराज की , कृपा रहे दिन रात । अब तो उनके भक्त की , बढ़ जाये तादात ।। क्यों लड़ते हो आप अब , लव नगरी लाहौर । लेने दो हमको शरण , वो भी अपना ठौर ।। धाम अयोध्या पास में , बसा लखन पुर देख । जन-जन जपकर राम जी , बदले अपनी रेख ।। चलिये खाटूश्याम जी , जपिये राधे नाम । वही मिलेंगे आपको , अपने राधेश्याम ।। बागेश्वर के धाम में , हो प्रभु की जयकार । सत्य सनातन धर्म के , शास्त्री जी अवतार ।। काया से मत मोह कर , समझ इसे गोदाम । इसके अन्दर ही छिपे , है तेरे श्री राम  ।। प्रेमा जी महराज का , सुनता नित सत्संग । जिनसे जीवन में खिला , मेरे भगवत रंग ।। तुझमें मुझमें राम हैं , मत कर ऐसे बैर । चल भगवन से माँगतें , इक दूजे की खैर ।। त्रिकुटा पर्वत पे वहाँ , माता बैठी देख । दर्शन करके हम चलो , बदले अपनी रेख ।। जय कारे महादेव के  , करते रहिये आप मिट जायेंगे एक दिन ,जीवन के संताप ।। २१/०३/२०२४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  Life Like दोहा:-
बोलो सीता राम सब , बोलो राधेश्याम ।
यही जगत में सत्य है , भज ले प्यारे नाम ।।
बाला जी महराज की , कृपा रहे दिन रात ।
अब तो उनके भक्त की , बढ़ जाये तादात ।।
क्यों लड़ते हो आप अब , लव नगरी लाहौर ।
लेने दो हमको शरण , वो भी अपना ठौर ।।
धाम अयोध्या पास में , बसा लखन पुर देख ।
जन-जन जपकर राम जी , बदले अपनी रेख ।।
चलिये खाटूश्याम जी , जपिये राधे नाम ।
वही मिलेंगे आपको , अपने राधेश्याम ।।
बागेश्वर के धाम में , हो प्रभु की जयकार ।
सत्य सनातन धर्म के , शास्त्री जी अवतार ।।
काया से मत मोह कर , समझ इसे गोदाम ।
इसके अन्दर ही छिपे , है तेरे श्री राम  ।।
प्रेमा जी महराज का , सुनता नित सत्संग ।
जिनसे जीवन में खिला , मेरे भगवत रंग ।।
तुझमें मुझमें राम हैं , मत कर ऐसे बैर ।
चल भगवन से माँगतें , इक दूजे की खैर ।।
त्रिकुटा पर्वत पे वहाँ , माता बैठी देख ।
दर्शन करके हम चलो , बदले अपनी रेख ।।
जय कारे महादेव के  , करते रहिये आप
मिट जायेंगे एक दिन ,जीवन के संताप ।।
२१/०३/२०२४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा:- बोलो सीता राम सब , बोलो राधेश्याम । यही जगत में सत्य है , भज ले प्यारे नाम ।। बाला जी महराज की , कृपा रहे दिन रात । अब तो उनके भक्त क

16 Love

#26janrepublicday #Quotes  🌠 💖 जहां ले चलोगे वहीं मैं चलूंगा

#26janrepublicday जहां ले चलोगे वहीं मैं चलूंगा आचार्य योगेंद्र कृष्ण शास्त्री

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गोपी छन्द :-  बसा लें चलकर हम बस्ती । धरा इतनी न हुई सस्ती ।। प्रेम की जग में हो पूजा । नही पथ कोई हो दूजा ।। तपन सूरज की है भारी । झेलती दुनिया है सारी ।। हुए बेहाल जीव सारे । बरसते तन पे अंगारे ।। बने सज्जन हो तुम फिरते । बात भी मीठी हो करते ।। अधर पे सिर्फ टिकी लाली । हृदय में बस तेरे गाली ।। शोक उनका हो क्यों करते । पथिक बनकर जो हैं रहते ।। प्रखर यही राम की माया । नेह छोड़ो ये तन छाया ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गोपी छन्द :- 

बसा लें चलकर हम बस्ती ।
धरा इतनी न हुई सस्ती ।।
प्रेम की जग में हो पूजा ।
नही पथ कोई हो दूजा ।।

तपन सूरज की है भारी ।
झेलती दुनिया है सारी ।।
हुए बेहाल जीव सारे ।
बरसते तन पे अंगारे ।।

बने सज्जन हो तुम फिरते ।
बात भी मीठी हो करते ।।
अधर पे सिर्फ टिकी लाली ।
हृदय में बस तेरे गाली ।।

शोक उनका हो क्यों करते ।
पथिक बनकर जो हैं रहते ।।
प्रखर यही राम की माया ।
नेह छोड़ो ये तन छाया ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गोपी छन्द :-  बसा लें चलकर हम बस्ती । धरा इतनी न हुई सस्ती ।। प्रेम की जग में हो पूजा ।

10 Love

#nojotohindipoetry #गर्मी #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  गर्मी (दोहे)

गर्मी जब से आ गई, बहे स्वेद की धार।
धूप लगे घनघोर है, सूरज करे प्रहार।।

जल शीतल पीने लगे, बुझे न फिर भी प्यास।
गला सूखता है बहुत, क्या आएगा रास।।

धरा काँपती है बहुत, जैसे चढ़ा बुखार।
राहत भी मिलती नहीं, बहती गरम बयार।।

छाता लेकर घूमते, है गर्मी का जोर।
गर्मी गर्मी कर रहे, मचा रहे हैं शोर।।

बगिया में जब फल लगे, खुशी मनाते लोग।
मार मार पत्थर उसे, ले कर करते भोग।।

हाल सभी बेहाल हैं, गर्मी का है जोश।
गर्मी की इस तपन से, उड़ते सबके होश।।
............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#गर्मी #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry गर्मी (दोहे) गर्मी जब से आ गई, बहे स्वेद की धार। धूप लगे घनघोर है, सूरज करे प्रहार।। जल शीत

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#वीडियो

गर्मी का कहर, बढ़ गई तपन

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#nightthoughts #hunarbaaz  White बैठा आग के पास मैं
सोच रहा एक ख्याल।

आग जल रही बाहर
भीतर जल रहा संसार।

 तपन किसकी अधिक झुलसाती
बाहर या भीतर की ये आग।

©Banarasi..

#nightthoughts बैठा आग के पास मैं सोच रहा एक ख्याल। आग जल रही बाहर भीतर जल रहा संसार।

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Life Like दोहा:- बोलो सीता राम सब , बोलो राधेश्याम । यही जगत में सत्य है , भज ले प्यारे नाम ।। बाला जी महराज की , कृपा रहे दिन रात । अब तो उनके भक्त की , बढ़ जाये तादात ।। क्यों लड़ते हो आप अब , लव नगरी लाहौर । लेने दो हमको शरण , वो भी अपना ठौर ।। धाम अयोध्या पास में , बसा लखन पुर देख । जन-जन जपकर राम जी , बदले अपनी रेख ।। चलिये खाटूश्याम जी , जपिये राधे नाम । वही मिलेंगे आपको , अपने राधेश्याम ।। बागेश्वर के धाम में , हो प्रभु की जयकार । सत्य सनातन धर्म के , शास्त्री जी अवतार ।। काया से मत मोह कर , समझ इसे गोदाम । इसके अन्दर ही छिपे , है तेरे श्री राम  ।। प्रेमा जी महराज का , सुनता नित सत्संग । जिनसे जीवन में खिला , मेरे भगवत रंग ।। तुझमें मुझमें राम हैं , मत कर ऐसे बैर । चल भगवन से माँगतें , इक दूजे की खैर ।। त्रिकुटा पर्वत पे वहाँ , माता बैठी देख । दर्शन करके हम चलो , बदले अपनी रेख ।। जय कारे महादेव के  , करते रहिये आप मिट जायेंगे एक दिन ,जीवन के संताप ।। २१/०३/२०२४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  Life Like दोहा:-
बोलो सीता राम सब , बोलो राधेश्याम ।
यही जगत में सत्य है , भज ले प्यारे नाम ।।
बाला जी महराज की , कृपा रहे दिन रात ।
अब तो उनके भक्त की , बढ़ जाये तादात ।।
क्यों लड़ते हो आप अब , लव नगरी लाहौर ।
लेने दो हमको शरण , वो भी अपना ठौर ।।
धाम अयोध्या पास में , बसा लखन पुर देख ।
जन-जन जपकर राम जी , बदले अपनी रेख ।।
चलिये खाटूश्याम जी , जपिये राधे नाम ।
वही मिलेंगे आपको , अपने राधेश्याम ।।
बागेश्वर के धाम में , हो प्रभु की जयकार ।
सत्य सनातन धर्म के , शास्त्री जी अवतार ।।
काया से मत मोह कर , समझ इसे गोदाम ।
इसके अन्दर ही छिपे , है तेरे श्री राम  ।।
प्रेमा जी महराज का , सुनता नित सत्संग ।
जिनसे जीवन में खिला , मेरे भगवत रंग ।।
तुझमें मुझमें राम हैं , मत कर ऐसे बैर ।
चल भगवन से माँगतें , इक दूजे की खैर ।।
त्रिकुटा पर्वत पे वहाँ , माता बैठी देख ।
दर्शन करके हम चलो , बदले अपनी रेख ।।
जय कारे महादेव के  , करते रहिये आप
मिट जायेंगे एक दिन ,जीवन के संताप ।।
२१/०३/२०२४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा:- बोलो सीता राम सब , बोलो राधेश्याम । यही जगत में सत्य है , भज ले प्यारे नाम ।। बाला जी महराज की , कृपा रहे दिन रात । अब तो उनके भक्त क

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#26janrepublicday जहां ले चलोगे वहीं मैं चलूंगा आचार्य योगेंद्र कृष्ण शास्त्री

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