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New हानि का विलोम शब्द Status, Photo, Video

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#SAD

शब्द

171 View

#कविता

मेरे शब्द

144 View

लाखों बात कहने को रखा था पर मेरी बातें कोई समझता ही नहीं यह दुनिया बड़ी बेरहम है यहां पर कोई अपना ही नहीं खुशी की तलाश मैंने बहुत ही की थी पर वो कभी भी मिलती ही नहीं मन बैरागी हो गया था ऐसा के तन्हा रहने का आदत पड़ गया ©person

 लाखों बात कहने को रखा था पर मेरी बातें कोई समझता ही नहीं यह दुनिया बड़ी बेरहम है यहां पर कोई अपना ही नहीं 
खुशी की तलाश मैंने बहुत ही की थी पर वो कभी भी मिलती ही नहीं 
मन बैरागी हो गया था ऐसा के तन्हा रहने का आदत पड़ गया

©person

शब्द है

15 Love

#शब्द  White अक्षर अक्षर मिलकर
बन जाते हैं शब्द।
शब्द शब्द मिलकर
कहते मन का दर्द।।

कभी छंद में ढ़लकर
बन जाते हैं गीत।
कभी कहानी बनकर
दिखलाते हैं प्रीत।।

कभी दोजख दिखलाते
कभी जन्नत से मिलवाते।
दुःख सुख दोनों ही से
अपना रिश्ता निभाते।

अक्षर ही से 'राम' बनता
अक्षर ही से बने रहिम।
जाति-धर्म भेदभाव नहीं
न कोई हिन्दू मुस्लिम।।
- निलम

©Nilam Agarwalla

#शब्द

153 View

#शब्द  White शब्द

शब्दच सुख,शब्दच दुःख,
शब्दच आहे भावना..
शब्दातच आयुष्य आपले,
सामावले आहे रे मना...

शब्दच हसवतात, शब्दच रडवतात,
शब्दच घेतात परीक्षा आयुष्याची..
शब्दाविना व्यर्थ सर्व,
नाही मजा जीवन जगण्याची..

शब्दच आहे प्रेम,शब्दच द्वेष आहे,
शब्द म्हणजे देवाने,आपल्याला दिलेले वरदान आहे..

म्हणून वापरा शब्द जपून आपले,
दुखऊ नका कोणाचे मन..
आयुष्यात परत येणार नाही,
निघून गेलेले क्षण..

©Priyanka Jaiswal

#शब्द

135 View

#कविता  White आसमान का चांद

आसमान पर चांद खिला है, साथ  लिए लाखों तारे, 
तेरे दीदार को तरस रहा चकोर,धरती पर बैठ तुझे नहारे।
दिन बीत रहा कड़क तपन संग , तरु छाया कहीं दिखे नहीं ,
हों हाड़  कांपती  ठंडी रातें , टेर एक घड़ी को हटे नहीं ।
सदियों  की  लंबी दास्तां, किस्मत का खेल इसे कहते ,
 कर्मों के फल से भाग्य मिला , अब क्यों तेरे आंसू बहते ।
तीव्र रोशनी तेरे अरमानों की , नित्य जलाती है होली ,
अंधियारे की शीतलता में , भ्रम से भरती सपनों की झोली ।
सौरभ आशाओं का दीप जलाकर, उम्मीद मत हारो समझाता,
कुवास है अभिशाप सृष्टि में, जीवन में निर्जन वन सा गहराता ।
है एक बगीचा एक ही माली, रंग बिरंगे फूलों से महके फुलवारी ,
कांटो ने भी संग में डेरा डाला , आंसुओं से भर गई मधु प्याली ।
प्रातः की  बहकी  बेला में, जैसे स्वप्न दूर खड़े  हर्षाते  हैं ,
किससे  पूछूं कि भोर होते ही , नक्षत्रमणी कहां छुप जाते हैं ।
बढ़ चला मुसाफिर यही सोचते, मधुर वचन बड़ा छलावा है ,
सत्य हमेशा कड़वा होता , उसे हर कोई मुखौटा पहन छुपाता है ।

©Usha Dravid Bhatt

आसमान का चांद एक सच्ची और निस्वार्थ लगन , जो बिना लाभ हानि के निरन्तर बनी रहती है।

6,165 View

#SAD

शब्द

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#कविता

मेरे शब्द

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लाखों बात कहने को रखा था पर मेरी बातें कोई समझता ही नहीं यह दुनिया बड़ी बेरहम है यहां पर कोई अपना ही नहीं खुशी की तलाश मैंने बहुत ही की थी पर वो कभी भी मिलती ही नहीं मन बैरागी हो गया था ऐसा के तन्हा रहने का आदत पड़ गया ©person

 लाखों बात कहने को रखा था पर मेरी बातें कोई समझता ही नहीं यह दुनिया बड़ी बेरहम है यहां पर कोई अपना ही नहीं 
खुशी की तलाश मैंने बहुत ही की थी पर वो कभी भी मिलती ही नहीं 
मन बैरागी हो गया था ऐसा के तन्हा रहने का आदत पड़ गया

©person

शब्द है

15 Love

#शब्द  White अक्षर अक्षर मिलकर
बन जाते हैं शब्द।
शब्द शब्द मिलकर
कहते मन का दर्द।।

कभी छंद में ढ़लकर
बन जाते हैं गीत।
कभी कहानी बनकर
दिखलाते हैं प्रीत।।

कभी दोजख दिखलाते
कभी जन्नत से मिलवाते।
दुःख सुख दोनों ही से
अपना रिश्ता निभाते।

अक्षर ही से 'राम' बनता
अक्षर ही से बने रहिम।
जाति-धर्म भेदभाव नहीं
न कोई हिन्दू मुस्लिम।।
- निलम

©Nilam Agarwalla

#शब्द

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#शब्द  White शब्द

शब्दच सुख,शब्दच दुःख,
शब्दच आहे भावना..
शब्दातच आयुष्य आपले,
सामावले आहे रे मना...

शब्दच हसवतात, शब्दच रडवतात,
शब्दच घेतात परीक्षा आयुष्याची..
शब्दाविना व्यर्थ सर्व,
नाही मजा जीवन जगण्याची..

शब्दच आहे प्रेम,शब्दच द्वेष आहे,
शब्द म्हणजे देवाने,आपल्याला दिलेले वरदान आहे..

म्हणून वापरा शब्द जपून आपले,
दुखऊ नका कोणाचे मन..
आयुष्यात परत येणार नाही,
निघून गेलेले क्षण..

©Priyanka Jaiswal

#शब्द

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#कविता  White आसमान का चांद

आसमान पर चांद खिला है, साथ  लिए लाखों तारे, 
तेरे दीदार को तरस रहा चकोर,धरती पर बैठ तुझे नहारे।
दिन बीत रहा कड़क तपन संग , तरु छाया कहीं दिखे नहीं ,
हों हाड़  कांपती  ठंडी रातें , टेर एक घड़ी को हटे नहीं ।
सदियों  की  लंबी दास्तां, किस्मत का खेल इसे कहते ,
 कर्मों के फल से भाग्य मिला , अब क्यों तेरे आंसू बहते ।
तीव्र रोशनी तेरे अरमानों की , नित्य जलाती है होली ,
अंधियारे की शीतलता में , भ्रम से भरती सपनों की झोली ।
सौरभ आशाओं का दीप जलाकर, उम्मीद मत हारो समझाता,
कुवास है अभिशाप सृष्टि में, जीवन में निर्जन वन सा गहराता ।
है एक बगीचा एक ही माली, रंग बिरंगे फूलों से महके फुलवारी ,
कांटो ने भी संग में डेरा डाला , आंसुओं से भर गई मधु प्याली ।
प्रातः की  बहकी  बेला में, जैसे स्वप्न दूर खड़े  हर्षाते  हैं ,
किससे  पूछूं कि भोर होते ही , नक्षत्रमणी कहां छुप जाते हैं ।
बढ़ चला मुसाफिर यही सोचते, मधुर वचन बड़ा छलावा है ,
सत्य हमेशा कड़वा होता , उसे हर कोई मुखौटा पहन छुपाता है ।

©Usha Dravid Bhatt

आसमान का चांद एक सच्ची और निस्वार्थ लगन , जो बिना लाभ हानि के निरन्तर बनी रहती है।

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