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New कल्पसूत्र का लेखक था– Status, Photo, Video

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 God bless you

©Sachleen Singh

मिठाई खाने का मन्न था पर एक कागज़ का टुकड़ा कम था🥹🥲😥😢 #Quotes

126 View

#ख़याल  ख़याल जिस का था मुझे ख़याल में मिला मुझे 

सवाल का जवाब भी सवाल में मिला मुझे 

गया तो इस तरह गया कि मुद्दतों नहीं मिला 

मिला जो फिर तो यूँ कि वो मलाल में मिला मुझे 

तमाम इल्म ज़ीस्त का गुज़िश्तगाँ से ही हुआ 

अमल गुज़िश्ता दौर का मिसाल में मिला मुझे

©सत्यमेव जयते

#ख़याल जिस का था मुझे

108 View

शीर्षक- और तो क्या ? --------------------------------------------------------- खास तुम भी होते साथ में, या फिर मैं होता तुम्हारे साथ में, और तो क्या ? यह खुशी दुगनी नहीं होती। ये दिन सुकून से गुजर जाते, मगर इस शक की दीवार को तो, तोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी, और अपने अहम को भी, छोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी। और तो क्या ? लोगों नहीं मिल जाता अवसर, कहानियां नई गढ़ने का, वहम को और बढ़ाने को, लेकिन इसमें हार तो, हम दोनों की ही होती, लेकिन मुझको बिल्कुल भी नहीं है, मेरे हारने का कोई गम। मुझको रहती है हमेशा यही चिन्ता, मैं तुमको खोना नहीं चाहता हूँ , भगवान को तो मैं मानता नहीं हूँ , फिर भी मिल जाये कुछ खुशी, आत्मा को निश्चिंत रखने के लिए, जला रहा हूँ मैं अकेले ही दीपक, और मना रहा हूँ मैं अकेले ही दीपावली, और तो क्या ? हंस लेता मैं भी--------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#कविता #लेखक  शीर्षक- और तो क्या ?
---------------------------------------------------------
खास तुम भी होते साथ में,
या फिर मैं होता तुम्हारे साथ में,
और तो क्या ?
 यह खुशी दुगनी नहीं होती।

ये दिन सुकून से गुजर जाते,
मगर इस शक की दीवार को तो, 
तोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी,
और अपने अहम को भी,
छोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी।
और तो क्या ?

लोगों नहीं मिल जाता अवसर,
कहानियां नई गढ़ने का,
वहम को और बढ़ाने को,
लेकिन इसमें हार तो,
हम दोनों की ही होती,
लेकिन मुझको बिल्कुल भी नहीं है,
मेरे हारने का कोई गम।

मुझको रहती है हमेशा यही चिन्ता,
मैं तुमको खोना नहीं चाहता हूँ ,
भगवान को तो मैं मानता नहीं हूँ ,
फिर भी मिल जाये कुछ खुशी,
आत्मा को निश्चिंत रखने के लिए,
जला रहा हूँ मैं अकेले ही दीपक,
और मना रहा हूँ मैं अकेले ही दीपावली,
और तो क्या ?
हंस लेता मैं भी--------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

#लेखक

10 Love

#विचार #Life_experience #thought

वो वक्त भी क्या वक्त था, कुछ न होकर भी बहुत कुछ था, असुविधाओं का ज़माना था, फ़िर भी एक सुकून था। #thought #Life #Life_experience #Poetry

38,997 View

#शायरी  Village Life नज़र का कोई धोखा था "

पता नहीं चला ये आज तक मुझको, कि दिल 
ने मुझे दगा दिया या नज़र का कोई धोखा था।

जिसकी तस्वीर ख्यालों में कर गई घर मेरे,परी 
थीआसमां वो कोई या हवा का कोई झोंका था।

©Anuj Ray

# नज़र का कोई धोखा था"

171 View

#प्रेरक

पूछना ये था कि जब दशरथ ने श्रवण को मारा था तो हे राम पुकार था उसे समय दशरथ का कोई पुत्र नहीं था तो वह राम फिर कौन था ?

90 View

 God bless you

©Sachleen Singh

मिठाई खाने का मन्न था पर एक कागज़ का टुकड़ा कम था🥹🥲😥😢 #Quotes

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#ख़याल  ख़याल जिस का था मुझे ख़याल में मिला मुझे 

सवाल का जवाब भी सवाल में मिला मुझे 

गया तो इस तरह गया कि मुद्दतों नहीं मिला 

मिला जो फिर तो यूँ कि वो मलाल में मिला मुझे 

तमाम इल्म ज़ीस्त का गुज़िश्तगाँ से ही हुआ 

अमल गुज़िश्ता दौर का मिसाल में मिला मुझे

©सत्यमेव जयते

#ख़याल जिस का था मुझे

108 View

शीर्षक- और तो क्या ? --------------------------------------------------------- खास तुम भी होते साथ में, या फिर मैं होता तुम्हारे साथ में, और तो क्या ? यह खुशी दुगनी नहीं होती। ये दिन सुकून से गुजर जाते, मगर इस शक की दीवार को तो, तोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी, और अपने अहम को भी, छोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी। और तो क्या ? लोगों नहीं मिल जाता अवसर, कहानियां नई गढ़ने का, वहम को और बढ़ाने को, लेकिन इसमें हार तो, हम दोनों की ही होती, लेकिन मुझको बिल्कुल भी नहीं है, मेरे हारने का कोई गम। मुझको रहती है हमेशा यही चिन्ता, मैं तुमको खोना नहीं चाहता हूँ , भगवान को तो मैं मानता नहीं हूँ , फिर भी मिल जाये कुछ खुशी, आत्मा को निश्चिंत रखने के लिए, जला रहा हूँ मैं अकेले ही दीपक, और मना रहा हूँ मैं अकेले ही दीपावली, और तो क्या ? हंस लेता मैं भी--------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#कविता #लेखक  शीर्षक- और तो क्या ?
---------------------------------------------------------
खास तुम भी होते साथ में,
या फिर मैं होता तुम्हारे साथ में,
और तो क्या ?
 यह खुशी दुगनी नहीं होती।

ये दिन सुकून से गुजर जाते,
मगर इस शक की दीवार को तो, 
तोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी,
और अपने अहम को भी,
छोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी।
और तो क्या ?

लोगों नहीं मिल जाता अवसर,
कहानियां नई गढ़ने का,
वहम को और बढ़ाने को,
लेकिन इसमें हार तो,
हम दोनों की ही होती,
लेकिन मुझको बिल्कुल भी नहीं है,
मेरे हारने का कोई गम।

मुझको रहती है हमेशा यही चिन्ता,
मैं तुमको खोना नहीं चाहता हूँ ,
भगवान को तो मैं मानता नहीं हूँ ,
फिर भी मिल जाये कुछ खुशी,
आत्मा को निश्चिंत रखने के लिए,
जला रहा हूँ मैं अकेले ही दीपक,
और मना रहा हूँ मैं अकेले ही दीपावली,
और तो क्या ?
हंस लेता मैं भी--------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

#लेखक

10 Love

#विचार #Life_experience #thought

वो वक्त भी क्या वक्त था, कुछ न होकर भी बहुत कुछ था, असुविधाओं का ज़माना था, फ़िर भी एक सुकून था। #thought #Life #Life_experience #Poetry

38,997 View

#शायरी  Village Life नज़र का कोई धोखा था "

पता नहीं चला ये आज तक मुझको, कि दिल 
ने मुझे दगा दिया या नज़र का कोई धोखा था।

जिसकी तस्वीर ख्यालों में कर गई घर मेरे,परी 
थीआसमां वो कोई या हवा का कोई झोंका था।

©Anuj Ray

# नज़र का कोई धोखा था"

171 View

#प्रेरक

पूछना ये था कि जब दशरथ ने श्रवण को मारा था तो हे राम पुकार था उसे समय दशरथ का कोई पुत्र नहीं था तो वह राम फिर कौन था ?

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