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New ग़ज़ल इनाम सिंह मस्ताना की Status, Photo, Video

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#शायरी  White मां बेटे का प्यार।
खोलता हैं संभावनाओं के द्वार।
जहां है मां की ममता।
वहीं तो प्यार पनपता।
-शैलेन्द्र सिंह यादव कानपुर

©Shailendra Singh Yadav

शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी।

108 View

#शायरी  White मां मिल गई सहारा मिल गया।
 भंवर में डूबते को किनारा मिल गया ।
शायर-शैलेन्द्र सिंह यादव, कानपुर।

©Shailendra Singh Yadav

शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी।

90 View

बस तुम ही तुम बसे हो इस नाजुक दिल में। फिर भी तुमको ढूंढते हैं गली गली में। शायर -शैलेन्द्र सिंह यादव, कानपुर। ©Shailendra Singh Yadav

#शायरी  बस तुम ही तुम बसे हो इस नाजुक दिल में।
फिर भी तुमको ढूंढते हैं गली गली में।
शायर -शैलेन्द्र सिंह यादव, कानपुर।

©Shailendra Singh Yadav

शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी।

12 Love

#कॉमेडी

संता सिंह की बारात।

126 View

 White दाग़ दुनिया ने दिए ज़ख़्म ज़माने से मिले
हम को तोहफ़े ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले

हम तरसते ही तरसते ही तरसते ही रहे
वो फ़लाने से फ़लाने से फ़लाने से मिले

ख़ुद से मिल जाते तो चाहत का भरम रह जाता
क्या मिले आप जो लोगों के मिलाने से मिले

माँ की आग़ोश में कल मौत की आग़ोश में आज
हम को दुनिया में ये दो वक़्त सुहाने से मिले

कभी लिखवाने गए ख़त कभी पढ़वाने गए
हम हसीनों से इसी हीले बहाने से मिले

इक नया ज़ख़्म मिला एक नई उम्र मिली
जब किसी शहर में कुछ यार पुराने से मिले

एक हम ही नहीं फिरते हैं लिए क़िस्सा-ए-ग़म
उन के ख़ामोश लबों पर भी फ़साने से मिले

कैसे मानें कि उन्हें भूल गया तू ऐ 'कैफ़'
उन के ख़त आज हमें तेरे सिरहाने से मिले

©Jashvant

ग़ज़ल ( माँ )

108 View

#शायरी #ग़ज़ल #BeatMusic
#शायरी  White मां बेटे का प्यार।
खोलता हैं संभावनाओं के द्वार।
जहां है मां की ममता।
वहीं तो प्यार पनपता।
-शैलेन्द्र सिंह यादव कानपुर

©Shailendra Singh Yadav

शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी।

108 View

#शायरी  White मां मिल गई सहारा मिल गया।
 भंवर में डूबते को किनारा मिल गया ।
शायर-शैलेन्द्र सिंह यादव, कानपुर।

©Shailendra Singh Yadav

शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी।

90 View

बस तुम ही तुम बसे हो इस नाजुक दिल में। फिर भी तुमको ढूंढते हैं गली गली में। शायर -शैलेन्द्र सिंह यादव, कानपुर। ©Shailendra Singh Yadav

#शायरी  बस तुम ही तुम बसे हो इस नाजुक दिल में।
फिर भी तुमको ढूंढते हैं गली गली में।
शायर -शैलेन्द्र सिंह यादव, कानपुर।

©Shailendra Singh Yadav

शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी।

12 Love

#कॉमेडी

संता सिंह की बारात।

126 View

 White दाग़ दुनिया ने दिए ज़ख़्म ज़माने से मिले
हम को तोहफ़े ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले

हम तरसते ही तरसते ही तरसते ही रहे
वो फ़लाने से फ़लाने से फ़लाने से मिले

ख़ुद से मिल जाते तो चाहत का भरम रह जाता
क्या मिले आप जो लोगों के मिलाने से मिले

माँ की आग़ोश में कल मौत की आग़ोश में आज
हम को दुनिया में ये दो वक़्त सुहाने से मिले

कभी लिखवाने गए ख़त कभी पढ़वाने गए
हम हसीनों से इसी हीले बहाने से मिले

इक नया ज़ख़्म मिला एक नई उम्र मिली
जब किसी शहर में कुछ यार पुराने से मिले

एक हम ही नहीं फिरते हैं लिए क़िस्सा-ए-ग़म
उन के ख़ामोश लबों पर भी फ़साने से मिले

कैसे मानें कि उन्हें भूल गया तू ऐ 'कैफ़'
उन के ख़त आज हमें तेरे सिरहाने से मिले

©Jashvant

ग़ज़ल ( माँ )

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#शायरी #ग़ज़ल #BeatMusic
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