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#लव

दर्द ए दिल❤️‍🩹

108 View

संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती हैं पल्लव के ये बहुत प्यारे , तुम तो प्रेमिका सी लगती हो.... कौन गाये करूण कथाएं , तुम तो यौवन सी थिरकती हो काशी में  मणिकर्णिका... क्या तुम उसके जैसी लगती हो  खिला ग़ुलाब चंपा चमेली, मादकता सी लगती हो अधरों पर मीठी मुस्कान,  खिली पंखुड़ियों जैसी लगती हो वीरों के पथ कोमल शोभा सुसज्जित हो, खुद मरने को तत्पर रहती हो  संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती है पल्लव के ये बहुत प्यारे, तुम तो प्रेमिका सी लगती हो.....    जाए के ये धनी माटी, सोना सपूत उपजाती हो तपती मरती विमुक्त जनों से, फिर भी हरियाली से भरी हुई रहती हो  वो श्रंगार बारिशें का , उसमें तो ज्यादा ही जंचती हो जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी तुम लगती हो..... गांवों के किसान तेरे , जैसे पहली मुहब्बत सी लगती हो वो दूर से तुझे निहारें , तुम तो मृगतृष्णा सी क्यों लगती हो छीन क्यों तुम लेती हो , तनय सुख क्यों नहीं जीने देती हो तेरे मिट्टी में मैं मिल जावा, उस पागल से क्यों कहलाती हो न मिले तुझे दिल ए बारिशें, रक्तों की तुम केवल प्यासी हो अगर दिल तेरा भर जाएं तो एक दफा तुम सावन बुलाना रिमझिम रिमझिम बारिश बरसें यौवन की विरह तुम पा जाना संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती हैं पल्लव के ये बहुत प्यारे , तुम तो प्रेमिका सी लगती हो........ ©Dev Rishi

#कविता #दिल  संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती हैं 
पल्लव के ये बहुत प्यारे , तुम तो प्रेमिका सी लगती हो....
कौन गाये करूण कथाएं , तुम तो यौवन सी थिरकती हो
काशी में  मणिकर्णिका... क्या तुम उसके जैसी लगती हो  


खिला ग़ुलाब चंपा चमेली, 
मादकता सी लगती हो 
अधरों पर मीठी मुस्कान,  
खिली पंखुड़ियों जैसी लगती हो 

वीरों के पथ कोमल शोभा सुसज्जित हो, 
  खुद मरने को तत्पर रहती हो  
संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती है 
पल्लव के ये बहुत प्यारे, तुम तो प्रेमिका सी लगती हो.....



   जाए के ये धनी माटी, सोना सपूत उपजाती हो 
तपती मरती विमुक्त जनों से, फिर भी हरियाली से भरी हुई रहती हो  
वो श्रंगार बारिशें का , उसमें तो ज्यादा ही जंचती हो 
जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी  तुम लगती हो.....


  गांवों के किसान तेरे  , जैसे पहली मुहब्बत सी लगती हो 
वो दूर से तुझे निहारें , तुम तो मृगतृष्णा सी क्यों लगती हो 
 छीन क्यों तुम लेती हो  , तनय सुख क्यों नहीं जीने देती हो  
 तेरे मिट्टी में मैं मिल जावा, उस पागल से क्यों कहलाती हो  

 न मिले तुझे दिल ए बारिशें, रक्तों की तुम केवल प्यासी हो   
अगर दिल तेरा भर जाएं तो  एक दफा तुम सावन बुलाना
रिमझिम रिमझिम बारिश बरसें  यौवन की विरह  तुम पा जाना
संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती हैं 
पल्लव के ये बहुत प्यारे , तुम तो प्रेमिका सी लगती हो........

©Dev Rishi

#दिल ए बारिशें

13 Love

#शायरी #दिल #हाल #ए  White खता बस इतनी थी कि रिश्ता दिल से
निभाया था,
जितना कोई नहीं चाह सकता हमने उतना    चाहा था |
11/06/2024

©suresh gulia
#शायरी  दिल की किताब का
एक अनलिखा, 
कोरा वर्क हो तुम 
होठों  से मेरे बेसबब 
बरसते हुए अल्फ़ाज हो तुम 
भरना चाहता हूँ रंग 
मोहब्बत की स्याही से 
तुम ही ख़्वाब हो मेरे
मेरे जज़्बात हो तुम!!!

©हिमांशु Kulshreshtha

किताब ए दिल

144 View

#कविता  उसकी सिसकती रूह 
कहती है बार बार,
मुझ पर विश्वास 
तो करो एक बार।
दिल के टुकड़े हुए हजार,
बेरुखी सी लगे हर बहार।
न होश है
न खबर है,
मिल जाओ एक बार।
ओ मेरे प्यारे दिलबर,
तेरे बिन बेकार  
हुस्न की हर बहार।
यादों में तेरी 
बहे अश्रु धार ,
दिल गया है हार।
गले से लगा लो बस इकबार,
मिल जाए दिल को करार।
न आंखों में नींद है
तेरे बिना ज़िंदगी है बेकार,
न चेहरे पर खुशी है
जमाने की बुरी है नजर।
मैं अलबेली नार,
तेरी राह देखते देखते आंखें हुई चार।
दोनों मिलकर लगाएंगे नैया पार,
प्यार करूंगी बेसुमार।

©Shishpal Chauhan

# गम ए दिल

135 View

#शायरी #sunrisesunset #अहल #more  मेरी सासों को अहल ए फज़ल कर गया ,
जाते जाते वो शख्स मुझे गज़ल कर गया।।
मैने पाला था जिसे हरी ....की तरह ,
वह इश्क का कबूतर घायल कर गया ।।
यह कैसा  mahbubहै जो हिसाब रखता है खूब,
जो गया तो मेरे इश्क का कतल कर गया..✍🏼।।
❣️
🫰🏼

©PAWAN रावण

#sunrisesunset #अहल -ए -फ़ज़ल #more

99 View

#लव

दर्द ए दिल❤️‍🩹

108 View

संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती हैं पल्लव के ये बहुत प्यारे , तुम तो प्रेमिका सी लगती हो.... कौन गाये करूण कथाएं , तुम तो यौवन सी थिरकती हो काशी में  मणिकर्णिका... क्या तुम उसके जैसी लगती हो  खिला ग़ुलाब चंपा चमेली, मादकता सी लगती हो अधरों पर मीठी मुस्कान,  खिली पंखुड़ियों जैसी लगती हो वीरों के पथ कोमल शोभा सुसज्जित हो, खुद मरने को तत्पर रहती हो  संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती है पल्लव के ये बहुत प्यारे, तुम तो प्रेमिका सी लगती हो.....    जाए के ये धनी माटी, सोना सपूत उपजाती हो तपती मरती विमुक्त जनों से, फिर भी हरियाली से भरी हुई रहती हो  वो श्रंगार बारिशें का , उसमें तो ज्यादा ही जंचती हो जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी तुम लगती हो..... गांवों के किसान तेरे , जैसे पहली मुहब्बत सी लगती हो वो दूर से तुझे निहारें , तुम तो मृगतृष्णा सी क्यों लगती हो छीन क्यों तुम लेती हो , तनय सुख क्यों नहीं जीने देती हो तेरे मिट्टी में मैं मिल जावा, उस पागल से क्यों कहलाती हो न मिले तुझे दिल ए बारिशें, रक्तों की तुम केवल प्यासी हो अगर दिल तेरा भर जाएं तो एक दफा तुम सावन बुलाना रिमझिम रिमझिम बारिश बरसें यौवन की विरह तुम पा जाना संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती हैं पल्लव के ये बहुत प्यारे , तुम तो प्रेमिका सी लगती हो........ ©Dev Rishi

#कविता #दिल  संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती हैं 
पल्लव के ये बहुत प्यारे , तुम तो प्रेमिका सी लगती हो....
कौन गाये करूण कथाएं , तुम तो यौवन सी थिरकती हो
काशी में  मणिकर्णिका... क्या तुम उसके जैसी लगती हो  


खिला ग़ुलाब चंपा चमेली, 
मादकता सी लगती हो 
अधरों पर मीठी मुस्कान,  
खिली पंखुड़ियों जैसी लगती हो 

वीरों के पथ कोमल शोभा सुसज्जित हो, 
  खुद मरने को तत्पर रहती हो  
संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती है 
पल्लव के ये बहुत प्यारे, तुम तो प्रेमिका सी लगती हो.....



   जाए के ये धनी माटी, सोना सपूत उपजाती हो 
तपती मरती विमुक्त जनों से, फिर भी हरियाली से भरी हुई रहती हो  
वो श्रंगार बारिशें का , उसमें तो ज्यादा ही जंचती हो 
जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी  तुम लगती हो.....


  गांवों के किसान तेरे  , जैसे पहली मुहब्बत सी लगती हो 
वो दूर से तुझे निहारें , तुम तो मृगतृष्णा सी क्यों लगती हो 
 छीन क्यों तुम लेती हो  , तनय सुख क्यों नहीं जीने देती हो  
 तेरे मिट्टी में मैं मिल जावा, उस पागल से क्यों कहलाती हो  

 न मिले तुझे दिल ए बारिशें, रक्तों की तुम केवल प्यासी हो   
अगर दिल तेरा भर जाएं तो  एक दफा तुम सावन बुलाना
रिमझिम रिमझिम बारिश बरसें  यौवन की विरह  तुम पा जाना
संगीत सी ये मीठी बारिश... सरगम जैसी लगती हैं 
पल्लव के ये बहुत प्यारे , तुम तो प्रेमिका सी लगती हो........

©Dev Rishi

#दिल ए बारिशें

13 Love

#शायरी #दिल #हाल #ए  White खता बस इतनी थी कि रिश्ता दिल से
निभाया था,
जितना कोई नहीं चाह सकता हमने उतना    चाहा था |
11/06/2024

©suresh gulia
#शायरी  दिल की किताब का
एक अनलिखा, 
कोरा वर्क हो तुम 
होठों  से मेरे बेसबब 
बरसते हुए अल्फ़ाज हो तुम 
भरना चाहता हूँ रंग 
मोहब्बत की स्याही से 
तुम ही ख़्वाब हो मेरे
मेरे जज़्बात हो तुम!!!

©हिमांशु Kulshreshtha

किताब ए दिल

144 View

#कविता  उसकी सिसकती रूह 
कहती है बार बार,
मुझ पर विश्वास 
तो करो एक बार।
दिल के टुकड़े हुए हजार,
बेरुखी सी लगे हर बहार।
न होश है
न खबर है,
मिल जाओ एक बार।
ओ मेरे प्यारे दिलबर,
तेरे बिन बेकार  
हुस्न की हर बहार।
यादों में तेरी 
बहे अश्रु धार ,
दिल गया है हार।
गले से लगा लो बस इकबार,
मिल जाए दिल को करार।
न आंखों में नींद है
तेरे बिना ज़िंदगी है बेकार,
न चेहरे पर खुशी है
जमाने की बुरी है नजर।
मैं अलबेली नार,
तेरी राह देखते देखते आंखें हुई चार।
दोनों मिलकर लगाएंगे नैया पार,
प्यार करूंगी बेसुमार।

©Shishpal Chauhan

# गम ए दिल

135 View

#शायरी #sunrisesunset #अहल #more  मेरी सासों को अहल ए फज़ल कर गया ,
जाते जाते वो शख्स मुझे गज़ल कर गया।।
मैने पाला था जिसे हरी ....की तरह ,
वह इश्क का कबूतर घायल कर गया ।।
यह कैसा  mahbubहै जो हिसाब रखता है खूब,
जो गया तो मेरे इश्क का कतल कर गया..✍🏼।।
❣️
🫰🏼

©PAWAN रावण

#sunrisesunset #अहल -ए -फ़ज़ल #more

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