tags

New शिखरिणी छन्द नेपाली Status, Photo, Video

Find the latest Status about शिखरिणी छन्द नेपाली from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about शिखरिणी छन्द नेपाली.

  • Latest
  • Popular
  • Video

Jai shree ram विहाला छन्द  सियाराम का जाप हो । सदा दूर संताप हो ।। यही भक्त को आस है । वही नित्य ही पास है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता #JaiShreeRam  Jai shree ram विहाला छन्द 

सियाराम का जाप हो ।
सदा दूर संताप हो ।।
यही भक्त को आस है ।
वही नित्य ही पास है ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#JaiShreeRam विहाला छन्द  सियाराम का जाप हो । सदा दूर संताप हो ।। यही भक्त को आस है । वही नित्य ही पास है ।।

0 Love

चौकडिया छन्द  जीती बाजी कौ मैं हारा , बनता कौन सहारा । जिनको दया धर्म सिखलाया , करता वही किनारा ।। अपनी असफलताओं को मैं , फिर से आज विचारा । आशा मन की दूर हटाकर , किस्मत को ललकारा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  चौकडिया छन्द 

जीती बाजी कौ मैं हारा , बनता कौन सहारा ।
जिनको दया धर्म सिखलाया , करता वही किनारा ।।
अपनी असफलताओं को मैं , फिर से आज विचारा ।
आशा मन की दूर हटाकर , किस्मत को ललकारा ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

चौकडिया छन्द  जीती बाजी कौ मैं हारा , बनता कौन सहारा । जिनको दया धर्म सिखलाया , करता वही किनारा ।। अपनी असफलताओं को मैं , फिर से आज विचारा

14 Love

चौकडिया छन्द  बैठे-बैठे किया इशारा , दिल से तुम्हें पुकारा । छूरी दिल पे आज चलाये , तेरा ये लश्कारा ।। जाओ दूर नही अब हमसे, तुम ही एक सहारा । जीवन तुम बिन व्यर्थ रहेगा , सुन लो सजन हमारा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  चौकडिया छन्द 

बैठे-बैठे किया इशारा , दिल से तुम्हें पुकारा ।
छूरी दिल पे आज चलाये , तेरा ये लश्कारा ।।
जाओ दूर नही अब हमसे, तुम ही एक सहारा ।
जीवन तुम बिन व्यर्थ रहेगा , सुन लो सजन हमारा ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

चौकडिया छन्द  बैठे-बैठे किया इशारा , दिल से तुम्हें पुकारा । छूरी दिल पे आज चलाये , तेरा ये लश्कारा ।। जाओ दूर नही अब हमसे, तुम ही एक सहारा

10 Love

#वीडियो

एसएसबी ने 180लीटर नेपाली कच्ची शराब के साथ एक अभियुक्त को किया गिरफ्तार 42वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल बहराइच-I के निर्देशन में सीमा चौकी शिव

126 View

White संध्या छन्द :- 221    212    22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।। पीडा समीप में डोले । तो राम राम वे बोले ।। कान्हा कहें सुनो राधा । वो भक्त ही बना बाधा ।। मीठी लगे हमें बोली । जो प्रेम से भरें झोली ।। जो आप पास में होते तो क्यूँ भला बता रोते ।। मैं तो करूँ सदा सेवा । औ चाहता मिले मेवा ।। जो दान में मिला देखा । ये भाग्य से बनी रेखा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White संध्या छन्द :-
221    212    22

इंसान क्या नही खाता ।
क्या देखता नही दाता ।।
है अंत में जरा देरी ।
आयी न रात अंधेरी ।।

पीडा समीप में डोले ।
तो राम राम वे बोले ।।
कान्हा कहें सुनो राधा ।
वो भक्त ही बना बाधा ।।

मीठी लगे हमें बोली ।
जो प्रेम से भरें झोली ।।
जो आप पास में होते
तो क्यूँ भला बता रोते ।।

मैं तो करूँ सदा सेवा ।
औ चाहता मिले मेवा ।।
जो दान में मिला देखा ।
ये भाग्य से बनी रेखा ।।


महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

संध्या छन्द :- 221    212    22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।।

15 Love

विद्धुल्लेखा /शेषराज छन्द १ आँखें जो मैं खोलूँ । कान्हा-कान्हा बोलूँ ।। घेरे गोपी सारी । मैं कान्हा पे वारी ।। २ पावें कैसे मेवा । देवो के वो देवा बैठी सोचूँ द्वारे । प्राणों को मैं हारे ।। ३ राधा-राधा बोलूँ । मस्ती में मैं डोलूँ ।। माई देखो झोली । मीठी दे दो बोली ।। ०३/०४/२०२४   -  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  विद्धुल्लेखा /शेषराज छन्द
१
आँखें जो मैं खोलूँ ।
कान्हा-कान्हा बोलूँ ।।
घेरे गोपी सारी ।
मैं कान्हा पे वारी ।।
२
पावें कैसे मेवा ।
देवो के वो देवा
बैठी सोचूँ द्वारे ।
प्राणों को मैं हारे ।।
३
राधा-राधा बोलूँ ।
मस्ती में मैं डोलूँ ।।
माई देखो झोली ।
मीठी दे दो बोली ।।
०३/०४/२०२४   -  महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विद्धुल्लेखा /शेषराज छन्द १ आँखें जो मैं खोलूँ । कान्हा-कान्हा बोलूँ ।। घेरे गोपी सारी । मैं कान्हा पे वारी ।। २ पावें कैसे मेवा ।

14 Love

Jai shree ram विहाला छन्द  सियाराम का जाप हो । सदा दूर संताप हो ।। यही भक्त को आस है । वही नित्य ही पास है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता #JaiShreeRam  Jai shree ram विहाला छन्द 

सियाराम का जाप हो ।
सदा दूर संताप हो ।।
यही भक्त को आस है ।
वही नित्य ही पास है ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#JaiShreeRam विहाला छन्द  सियाराम का जाप हो । सदा दूर संताप हो ।। यही भक्त को आस है । वही नित्य ही पास है ।।

0 Love

चौकडिया छन्द  जीती बाजी कौ मैं हारा , बनता कौन सहारा । जिनको दया धर्म सिखलाया , करता वही किनारा ।। अपनी असफलताओं को मैं , फिर से आज विचारा । आशा मन की दूर हटाकर , किस्मत को ललकारा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  चौकडिया छन्द 

जीती बाजी कौ मैं हारा , बनता कौन सहारा ।
जिनको दया धर्म सिखलाया , करता वही किनारा ।।
अपनी असफलताओं को मैं , फिर से आज विचारा ।
आशा मन की दूर हटाकर , किस्मत को ललकारा ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

चौकडिया छन्द  जीती बाजी कौ मैं हारा , बनता कौन सहारा । जिनको दया धर्म सिखलाया , करता वही किनारा ।। अपनी असफलताओं को मैं , फिर से आज विचारा

14 Love

चौकडिया छन्द  बैठे-बैठे किया इशारा , दिल से तुम्हें पुकारा । छूरी दिल पे आज चलाये , तेरा ये लश्कारा ।। जाओ दूर नही अब हमसे, तुम ही एक सहारा । जीवन तुम बिन व्यर्थ रहेगा , सुन लो सजन हमारा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  चौकडिया छन्द 

बैठे-बैठे किया इशारा , दिल से तुम्हें पुकारा ।
छूरी दिल पे आज चलाये , तेरा ये लश्कारा ।।
जाओ दूर नही अब हमसे, तुम ही एक सहारा ।
जीवन तुम बिन व्यर्थ रहेगा , सुन लो सजन हमारा ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

चौकडिया छन्द  बैठे-बैठे किया इशारा , दिल से तुम्हें पुकारा । छूरी दिल पे आज चलाये , तेरा ये लश्कारा ।। जाओ दूर नही अब हमसे, तुम ही एक सहारा

10 Love

#वीडियो

एसएसबी ने 180लीटर नेपाली कच्ची शराब के साथ एक अभियुक्त को किया गिरफ्तार 42वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल बहराइच-I के निर्देशन में सीमा चौकी शिव

126 View

White संध्या छन्द :- 221    212    22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।। पीडा समीप में डोले । तो राम राम वे बोले ।। कान्हा कहें सुनो राधा । वो भक्त ही बना बाधा ।। मीठी लगे हमें बोली । जो प्रेम से भरें झोली ।। जो आप पास में होते तो क्यूँ भला बता रोते ।। मैं तो करूँ सदा सेवा । औ चाहता मिले मेवा ।। जो दान में मिला देखा । ये भाग्य से बनी रेखा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White संध्या छन्द :-
221    212    22

इंसान क्या नही खाता ।
क्या देखता नही दाता ।।
है अंत में जरा देरी ।
आयी न रात अंधेरी ।।

पीडा समीप में डोले ।
तो राम राम वे बोले ।।
कान्हा कहें सुनो राधा ।
वो भक्त ही बना बाधा ।।

मीठी लगे हमें बोली ।
जो प्रेम से भरें झोली ।।
जो आप पास में होते
तो क्यूँ भला बता रोते ।।

मैं तो करूँ सदा सेवा ।
औ चाहता मिले मेवा ।।
जो दान में मिला देखा ।
ये भाग्य से बनी रेखा ।।


महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

संध्या छन्द :- 221    212    22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।।

15 Love

विद्धुल्लेखा /शेषराज छन्द १ आँखें जो मैं खोलूँ । कान्हा-कान्हा बोलूँ ।। घेरे गोपी सारी । मैं कान्हा पे वारी ।। २ पावें कैसे मेवा । देवो के वो देवा बैठी सोचूँ द्वारे । प्राणों को मैं हारे ।। ३ राधा-राधा बोलूँ । मस्ती में मैं डोलूँ ।। माई देखो झोली । मीठी दे दो बोली ।। ०३/०४/२०२४   -  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  विद्धुल्लेखा /शेषराज छन्द
१
आँखें जो मैं खोलूँ ।
कान्हा-कान्हा बोलूँ ।।
घेरे गोपी सारी ।
मैं कान्हा पे वारी ।।
२
पावें कैसे मेवा ।
देवो के वो देवा
बैठी सोचूँ द्वारे ।
प्राणों को मैं हारे ।।
३
राधा-राधा बोलूँ ।
मस्ती में मैं डोलूँ ।।
माई देखो झोली ।
मीठी दे दो बोली ।।
०३/०४/२०२४   -  महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विद्धुल्लेखा /शेषराज छन्द १ आँखें जो मैं खोलूँ । कान्हा-कान्हा बोलूँ ।। घेरे गोपी सारी । मैं कान्हा पे वारी ।। २ पावें कैसे मेवा ।

14 Love

Trending Topic