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New मैं अपने गीत गजलों से Status, Photo, Video

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#कविता  White मै चाहता हु मेरे इस नए गीत के
लिए नए छंद .  
असमान  से ऊतरे 

लेकिन मेरा गीत मेरी इस बात से राज़ी नही.... क्योंकि  उसे धरती के साथ.
चिपके रहना ज्यादा पसंद हैँ

©Arora PR

नया गीत

126 View

#शायरी #मैं  White मैं फिर से निकलूंगा तेरी तलाश मैं ए-जिंदगी,
दुआ करना इस बार किसी से इश्क न हो…!

©सत्यमेव जयते

#मैं फिर से निकलूंगा

108 View

White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये ------------------------------------------------------------- क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। क्यों आज हम याद-----------------------।। देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें। मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।। छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो, क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। कल तक की थी तुमने बुराई हमारी। करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।। नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा। क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा। गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।। तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा। क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।। क्यों आज हम याद-------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#कविता #गीत  White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
-------------------------------------------------------------
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये।
क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।।
कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत।
क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।।
क्यों आज हम याद-----------------------।।

देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें।
मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।।
छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो,
क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद------------------।।

कल तक की थी तुमने बुराई हमारी।
करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।।
नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा।
क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद------------------।।

नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा।
गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।।
तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा।
क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद-------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

#गीत

11 Love

#pujaudeshi #गीत #लव  गीत......
बजने लगी शहनाईयाँ, चुभने लगी तम्हाईयाँ
चाहे तुम्हे गहराईयाँ होने लगी रुसवाईयाँ

चारो तरफ है परछाईयाँ,मौत भी लेती अगड़ाईयाँ, जीना भी चाहूं ज़ी ना सकूँ
दिल मे बसी है वीरानियाँ......

©PФФJД ЦDΞSHI
#Motivational  💔🥀💔
तेरे बदलने का गम नहीं है मुझे
मैं तो अपने ऐतबार पर शर्मिंदा हूं
💔🙏💔

©Dr Ajay Prakash

मैं अपने ऐतबार पर शर्मिंदा हूं

99 View

#कविता  पास जिसके है प्रीत की दौलत,
प्राप्त उसको हो जीत की दौलत। सतीश तिवारी 'सरस'

गीत

108 View

#कविता  White मै चाहता हु मेरे इस नए गीत के
लिए नए छंद .  
असमान  से ऊतरे 

लेकिन मेरा गीत मेरी इस बात से राज़ी नही.... क्योंकि  उसे धरती के साथ.
चिपके रहना ज्यादा पसंद हैँ

©Arora PR

नया गीत

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#शायरी #मैं  White मैं फिर से निकलूंगा तेरी तलाश मैं ए-जिंदगी,
दुआ करना इस बार किसी से इश्क न हो…!

©सत्यमेव जयते

#मैं फिर से निकलूंगा

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White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये ------------------------------------------------------------- क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। क्यों आज हम याद-----------------------।। देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें। मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।। छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो, क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। कल तक की थी तुमने बुराई हमारी। करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।। नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा। क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा। गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।। तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा। क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।। क्यों आज हम याद-------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#कविता #गीत  White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
-------------------------------------------------------------
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये।
क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।।
कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत।
क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।।
क्यों आज हम याद-----------------------।।

देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें।
मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।।
छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो,
क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद------------------।।

कल तक की थी तुमने बुराई हमारी।
करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।।
नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा।
क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद------------------।।

नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा।
गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।।
तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा।
क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद-------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

#गीत

11 Love

#pujaudeshi #गीत #लव  गीत......
बजने लगी शहनाईयाँ, चुभने लगी तम्हाईयाँ
चाहे तुम्हे गहराईयाँ होने लगी रुसवाईयाँ

चारो तरफ है परछाईयाँ,मौत भी लेती अगड़ाईयाँ, जीना भी चाहूं ज़ी ना सकूँ
दिल मे बसी है वीरानियाँ......

©PФФJД ЦDΞSHI
#Motivational  💔🥀💔
तेरे बदलने का गम नहीं है मुझे
मैं तो अपने ऐतबार पर शर्मिंदा हूं
💔🙏💔

©Dr Ajay Prakash

मैं अपने ऐतबार पर शर्मिंदा हूं

99 View

#कविता  पास जिसके है प्रीत की दौलत,
प्राप्त उसको हो जीत की दौलत। सतीश तिवारी 'सरस'

गीत

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