ऐ मातृभूमि के वीर जवानों हो प्रकाश का पुंज तुम, स्वर्णिम आभा मुख पर लिए नित कर्मों में डूबे हो तुम। निस्वार्थ है व्यक्तित्व तुम्हारा तुम शौर्य गाथा रचते हो, ब.
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