वो ज़हन में बसती है मेरे, और मेरे दिल में रहती है वो............ तुम महफ़िल में तारीफ़ न करो, हमसे ये अक्सर कहती है वो........... वो मुझमे कुछ ऐसे समायी है, कि मेर.
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