परमात्मा को जानने कि जरूरत है खोजने कि नहीं जों परमतत्व तुम्हारे अंग संग कण कण में बास करता है उसकी तलाश मुर्खतापूर्ण है धन निरंकार जी ©Shyam Ved.
1 Stories
10 Love
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here