कयी अनगिनत सवाल...
क्यों आए मेरी जिंदगी में,
क्यों आया था वो पल , वो लम्हा
क्यों इत्तेफ़ाकन बैठे थे मेरे करीब,
क्यों बेवजह आए थे मेरे पीछे,
क्यों समीप आने की वजह दे दिए तुम,
तुम्हें पाने की तलब हो गई है
पर वक्त की जमीं फिसल रही है,
तुम्हें पाने से ज्यादाअब खोने का डर है।
©Soni s...