"नवरात्रि का पांचवां दिन मां स्कंदमाता को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन स्कंदमाता की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम दिया गया है। भगवान स्कंद बालरूप में इनकी गोद में विराजित हैं। मां के इस स्वरूप को केला प्रिय है। इसलिए पांचवें दिन केले का भोग लगाना चाहिए.
©Sunita Pathania
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