"White एक पल के लिए दिल ने ,जब होश खोया था,
एक पल की ज़िंदगी में, हज़ार बार रोया था,
अपनों ने ही लूट ली,मेरी ज़िंदगी की हर ख़ुशी,
बिखर गया था ख़्वाब जो ,आँखों ने बोया था,
लगा था जैसे अब तो,धड़कनें ही थम जायेंगीं,
बीती हुई यादों का तब , हर पल संजोया था,
कुछ पल के लिए ओढ़ ली ,खामोशियाँ लबों ने,
आँखों ने भी बरसकर , मेरा दामन भिगोया था,
थामकर टूटे ख़्वाबों को ,हमें फ़िर से चलना था,
कल के उलझे धागे में,अपना आज पिरोया था,
कोई साथ दे या ना दे ,इस बात से बेफ़िक्र थे,
कल की ख़ुशी की ख़ातिर, दिल कहाँ आज सोया था,।।
-पूनम आत्रेय
©poonam atrey
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