White कैसे ज्यों के त्यों रहे,
प्रेम को कैसे करे परिभाषित,
कैसे बिन आलिंगन,
प्रेम को रखें मर्यादित
हां, मैं स्पष्टता को
प्रमाणित करना चाहता हूं,
परन्तु, बिना शब्दों के अनुवादित
कोई छद्म और बिना भेद भाव,
जहां सिर्फ प्रेम हो, और
हो शब्दों का आभाव,
जहां समझ सके सिकुड़न,
माथे की हम,
और अंतर्मन के पीड़ा को,
मिल जाए थोड़ा ठहराव,
हां! अगर किंचित मात्र भी,
मन सकुचा जाए,
या फिर की कोई और,
हृदयतल में घर कर जाए,
निरुत्तर, सांझ न होने देना,
अपने नयनों को,
अश्रु मगन होने देना,
बस इतना ही हो,
कि मैं अपना आधार बदल दूंगा,
लिखे पृष्ठ प्रेम सहित,
श्रृंगार बदल दूंगा,
कहे वचन को फिर न,
मैं धूमिल होने दूंगा,
हे प्रियशी! बीज प्रेम के,
मन में, फिर न बोने दूंगा,
न ही स्वयं को मैं,
तुम पर होने दूंगा आश्रित,
न मन में प्रश्न एक भी,
न तुमको खुद पर
होने दूंगा आच्छादित,
चलो रहे ज्यों के त्यों,
और करे प्रेम को परिभाषित।
©अनुज
#love_shayari
@Pushpvritiya @RAVISHANKAR PAL @Divya Joshi Sudha Tripathi Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"