"कुछ विचार
ये उनके लिए है जो कहते है ,
समाज ऐसा है वैसा है,
समाज लोगों से मिलकर बना है,
खुद का व्यवहार अच्छा रखो,
अगर हर इंसान खुद को सुधार ले समाज सुधर जाएगा,
दूसरो को जो राय देते हो वो खुद पे लागु करो,
कहना आसान है खुद पर लागू कोई नहीं करता,
जिस दिन खुद कमियों को सुधार लोगे उस दिन समाज सुधर जाएगा।
हद से ज्यादा अच्छा होना भी खुद के लिए नुकसानदायक है।
©Nikita Garg
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