आओ बाॅंध दू सेहरे की लड़ियों को आओं संवार दूं तेज | हिंदी Poetry

"आओ बाॅंध दू सेहरे की लड़ियों को आओं संवार दूं तेजस्वी कड़ियों को जो बिखर जाती मेरा रुप देखकर जो सिमट जाती है मेरी चाहत देखकर तेरे आगोश में दिवानी हो गयी दिवानी -दिवानी हो गयी।। कोसो दूर से चली आयी संजना तेरे लिए तुझसे मिलने चली आयी संजना तेरे लिए दिवानी -दिवानी हो गयी।। चेहरा जो तेरा ऑंखो में छुपाया जुगनू अब रात हो गयी सात फेरों से बंधा है जन्मों का बंधन जो टूटे से ना टूटे ये मेरा-तेरा संगम।। © Usha Rani"

 आओ बाॅंध दू सेहरे की लड़ियों को
आओं संवार दूं  तेजस्वी कड़ियों को
जो बिखर जाती मेरा रुप देखकर
जो सिमट जाती है मेरी चाहत देखकर
तेरे आगोश में दिवानी हो गयी
दिवानी -दिवानी हो गयी।।
कोसो दूर से चली आयी
 संजना तेरे लिए 
तुझसे मिलने चली आयी
संजना तेरे लिए
दिवानी -दिवानी हो गयी।।
चेहरा जो तेरा ऑंखो में छुपाया
जुगनू अब रात हो गयी
सात फेरों से बंधा है जन्मों का बंधन
जो टूटे से ना टूटे 
ये मेरा-तेरा संगम।।

©  Usha Rani

आओ बाॅंध दू सेहरे की लड़ियों को आओं संवार दूं तेजस्वी कड़ियों को जो बिखर जाती मेरा रुप देखकर जो सिमट जाती है मेरी चाहत देखकर तेरे आगोश में दिवानी हो गयी दिवानी -दिवानी हो गयी।। कोसो दूर से चली आयी संजना तेरे लिए तुझसे मिलने चली आयी संजना तेरे लिए दिवानी -दिवानी हो गयी।। चेहरा जो तेरा ऑंखो में छुपाया जुगनू अब रात हो गयी सात फेरों से बंधा है जन्मों का बंधन जो टूटे से ना टूटे ये मेरा-तेरा संगम।। © Usha Rani

गीत

#RajaRaani

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