"White माँ
बरसता है हुस्न -ए - नूर खुदा का।
माँ है पाक -ए- दरवाजा जहां का।
हिफाजत -ए- अक्स बनके साया खुदा का हर वक्त
तेरे कदमों में जन्नत गोद में सुकून बेपनाह है।
तेरी हर फरियाद में शफा है
खुदा भी तेरे सजदे में कई बार झुका है
गुरूर है तू मेरा मेरी हिफाजत का पूर्जुरूर है तू मेरा।
मेरी रूह का नूर -ए -इलाही है तू मेरा।
मेरी हर जरूरत का मुकाम है तू मेरा।
मेरे हर ख्वाब के मुकम्मल तस्वीर है तू।
मेरे हर सवाल की तस्वीर है तू।
मेरे लिए मेरी जन्नत मेरी रूह मेरा खुदा है तू।
माँ खुदा से भी बड़ी है तू।
तेरे सजदे में दुनिया खड़ी है।
मेरा मेरा काशी मेरा कब है तू।
माँ मेरा मुकम्मल जहां है तू
मेरी मां है तू।।
©MANPREET SINGH (साहिर-ए-मन)❤
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