White कर रहा हूं रात दिन और कितना श्रम करूं फटी ह | हिंदी Poetry Video

"White कर रहा हूं रात दिन और कितना श्रम करूं फटी हुई कमीज को और कितना नम करूं जी रहा हूं मार कर मन छोड़ता मैं सब गया ख्वाहिशों की कतारें और कितना कम करूं कर रहा हूं रात दिन और कितना श्रम करूं रोज कन्धे सह रहे है बोझ जिम्मेदारीयों का नजरे छिपाते चल रहे जाने कितने उधरियों का, बालकों सा चंचल बनू और फिर बहुत उधम करूं मन मेरा भी चाहता है, कम थोड़ा परिश्रम करूं कर रहा हूं रात दिन और कितना श्रम करूं माता पिता भूखे रहे या बच्चों का बचपन छीन लूं पत्नि के सुख को मार कर खुशियों के आंसु बीन लूं खुद को खुद ही मार कर, दुखों को यूं खत्म करूं, या फिर सुखों की पोटली, पाने का मै वहम करूं कर रहा हूं रात दिन और कितना श्रम करूं ©अनुज "

White कर रहा हूं रात दिन और कितना श्रम करूं फटी हुई कमीज को और कितना नम करूं जी रहा हूं मार कर मन छोड़ता मैं सब गया ख्वाहिशों की कतारें और कितना कम करूं कर रहा हूं रात दिन और कितना श्रम करूं रोज कन्धे सह रहे है बोझ जिम्मेदारीयों का नजरे छिपाते चल रहे जाने कितने उधरियों का, बालकों सा चंचल बनू और फिर बहुत उधम करूं मन मेरा भी चाहता है, कम थोड़ा परिश्रम करूं कर रहा हूं रात दिन और कितना श्रम करूं माता पिता भूखे रहे या बच्चों का बचपन छीन लूं पत्नि के सुख को मार कर खुशियों के आंसु बीन लूं खुद को खुद ही मार कर, दुखों को यूं खत्म करूं, या फिर सुखों की पोटली, पाने का मै वहम करूं कर रहा हूं रात दिन और कितना श्रम करूं ©अनुज

@Pushpvritiya @Divya Joshi Sudha Tripathi RAVINANDAN Tiwari

People who shared love close

More like this

Trending Topic