सखी हरियाली तीज से हरि तालिका तीज तक झूलने की रीत | हिंदी कविता

"सखी हरियाली तीज से हरि तालिका तीज तक झूलने की रीत बढ़ाती है सखियों में मेल परस्पर काम काज से राहत बन जाती है ताकत अक्सर माहौल बदल देती है मुस्कुराहटें आपस में मिलकर हरियाली तीज शुरुआत में आती है बन संवर कर होली आखिर ले जाती है त्यौहारों की गठड़ी समेटकर बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla"

 सखी हरियाली तीज से हरि तालिका तीज तक
झूलने की रीत बढ़ाती है सखियों में मेल परस्पर 

काम काज से राहत बन जाती है ताकत अक्सर 
माहौल बदल देती है मुस्कुराहटें आपस में मिलकर 

हरियाली तीज शुरुआत में आती है बन संवर कर 
होली आखिर ले जाती है त्यौहारों की गठड़ी समेटकर 
बबली भाटी बैसला

©Babli BhatiBaisla

सखी हरियाली तीज से हरि तालिका तीज तक झूलने की रीत बढ़ाती है सखियों में मेल परस्पर काम काज से राहत बन जाती है ताकत अक्सर माहौल बदल देती है मुस्कुराहटें आपस में मिलकर हरियाली तीज शुरुआत में आती है बन संवर कर होली आखिर ले जाती है त्यौहारों की गठड़ी समेटकर बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla

गठड़ी @Neel @R...Ojha KK क्षत्राणी @vineetapanchal @Anshu writer @RAMA Goswami

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