तुम क्या जानो, क्या होती है गरीबी।
कितने सपनों को पल भर में खो देती है गरीबी।
उम्मीद का किरण भी नहीं पनपता है।
जब बारिश में उन गरीबों का छत टपकता है।
दो वक्त के खाने के लिए जिन्दगी से लड़ जाते है।
गरीब पैदा हुए और गरीबी में ही मर जाते है।
कहते हो मेहनत हमेशा रंग लाती है।
हा मानती हूं मै,
मगर इन गरीबों की मेहनत अमीरों के पैरों तले,
कुचल दी जाती है।
बिन आसुओं के सिसक सिसक रोती है गरीबी
तुम क्या जानो क्या होती है गरीबी।
©pujarai
#गरीबी 😔
#eveningtea