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मेरी कलम की आवाज।❣️😄 हम जज्बात के समंदर को कलम से बया करते है। 🤗🤗❣️

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ये बेचैनी क्यों तुममें, खौफ के पीछे अपनी हिम्मत छिपाओ तो नहीं। भूलो मत चांद को छूकर आए हो, जो असंभव काम को करने की ताबीर रखता है, हा तुम हो इंसान वहीं। खुद को ढक लो अच्छे से, मगर अपने साहस को खुला छोड़ दो। ये covid नामक दीवार को, बिन छुएं अपने हौसले से तोड़ दो। बेशक तुम दर्द में हो क्यों नहीं जरा सा रो लो, उन आसुओं को सफ़लता का हार बनाओ और हिम्मत के धागों में पिरो लो। कुछ चिजो को आदत बनाओ, चेहरे पर मास्क लगाओ। दूरियां बना कर, इंसानियत अपना कर, ये महामारी दूर कर अपने भारत को , स्वक्ष और उज्ज्वल भारत बनाओ। ©pujarai

#Corona_Lockdown_Rush  ये बेचैनी क्यों तुममें, खौफ के पीछे अपनी हिम्मत छिपाओ तो नहीं।
भूलो मत चांद को छूकर आए हो,
जो असंभव काम को करने की ताबीर रखता है,
हा तुम हो इंसान वहीं।

खुद को ढक लो अच्छे से, मगर अपने साहस को खुला छोड़ दो।
ये covid नामक दीवार को, बिन छुएं अपने हौसले से तोड़ दो।

बेशक तुम दर्द में हो क्यों नहीं जरा सा रो लो,
उन आसुओं को सफ़लता का हार बनाओ
और हिम्मत के धागों में पिरो लो। 

कुछ चिजो को आदत बनाओ, चेहरे पर मास्क लगाओ।
दूरियां बना कर, इंसानियत अपना कर,
ये महामारी दूर कर अपने भारत को ,
स्वक्ष और उज्ज्वल भारत बनाओ।

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तुम क्या जानो, क्या होती है गरीबी। कितने सपनों को पल भर में खो देती है गरीबी। उम्मीद का किरण भी नहीं पनपता है। जब बारिश में उन गरीबों का छत टपकता है। दो वक्त के खाने के लिए जिन्दगी से लड़ जाते है। गरीब पैदा हुए और गरीबी में ही मर जाते है। कहते हो मेहनत हमेशा रंग लाती है। हा मानती हूं मै, मगर इन गरीबों की मेहनत अमीरों के पैरों तले, कुचल दी जाती है। बिन आसुओं के सिसक सिसक रोती है गरीबी तुम क्या जानो क्या होती है गरीबी। ©pujarai

#गरीबी #eveningtea  तुम क्या जानो, क्या होती है गरीबी।
कितने सपनों को पल भर में खो देती है गरीबी।
उम्मीद का किरण भी नहीं  पनपता है।
जब बारिश में उन गरीबों का छत  टपकता है।
दो वक्त के खाने के लिए जिन्दगी से लड़ जाते है।
गरीब पैदा हुए और गरीबी में ही मर जाते है।
कहते हो मेहनत हमेशा रंग लाती है।
हा मानती हूं मै,
मगर इन गरीबों की मेहनत अमीरों के पैरों तले,
कुचल दी जाती है।
बिन आसुओं के सिसक सिसक रोती है गरीबी
तुम क्या जानो क्या होती है गरीबी।

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लहलहाते हुए खेतों सा जिन्दगी था मेरा जिसको तुमने बंजर बना दिया। मीठी मीठी बातों को तुमने, खंजर बना दिया। हसना रोना तो आम बात थी मेरी जिंदगी में। तुमने तो मेरे आसुवो का समंदर बना दिया। ©pujarai

#gaon  लहलहाते हुए खेतों सा जिन्दगी था मेरा
 जिसको तुमने बंजर बना दिया।
मीठी मीठी बातों को तुमने, खंजर बना दिया।
हसना रोना तो आम बात थी मेरी जिंदगी में।
तुमने तो मेरे आसुवो का समंदर बना दिया।

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#gaon

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जी करता है मै कलम बन जाऊं, और तुम्मपर एक किताब लिख दू। हमारे दर्मिया वोह दूरी और नजदीकियों का जज़्बात लिख दू। साथ में ना होते हुए सातो जन्म का साथ लिख दू। जी करता है मै कलम बन जाऊं, और तुम्मपर एक किताब लिख दू। ©pujarai

#touchthesky  जी  करता है मै कलम बन जाऊं, और तुम्मपर एक किताब लिख दू।
हमारे दर्मिया वोह दूरी और नजदीकियों का जज़्बात लिख दू।
साथ में ना होते हुए सातो जन्म का साथ लिख दू।
जी करता है मै कलम बन जाऊं, और तुम्मपर एक किताब लिख दू।

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#touchthesky

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उन्होंने कहा तुम मेरी जैसी नहीं हो मुझसे बेहद अलग हो। मैंने भी कह दिया । जनाब एक जैसे अक्षरों से शब्द नहीं बनता। ©pujarai

#WatchingSunset  उन्होंने कहा तुम मेरी जैसी नहीं हो मुझसे बेहद अलग हो।
मैंने भी कह दिया ।
जनाब एक जैसे अक्षरों से शब्द नहीं बनता।

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ये धरती, आसमां, चांद, तारो की दुनिया। ये सावन के रिमझीम फ़ुहारों की दुनिया। तू साथ है तो सबकुछ है, नहीं तो फिर किस काम की ये नजारों की दुनिया। ©pujarai

#moonlight  ये धरती, आसमां, चांद, तारो की दुनिया।
 ये सावन के रिमझीम फ़ुहारों की दुनिया।
तू साथ है तो सबकुछ है,
नहीं तो फिर किस काम की ये नजारों की दुनिया।

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#moonlight

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