#OpenPoetry सबकी आंखो का तारा बनूं
ये चाहत है मेरी,
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारा बनूं
ये चाहत है मेरी,
अपने मां बाप का सहारा बनूं
ये चाहत है मेरी,
अपने साथ साथ मेरे अपनों के सपने पूरे करूं
देश की रक्षा करूं, शहीद होकर मरूं
हो जहां जरूरत मेरी ,ना करूं मै देरी ,
बस,इतनी सी चाहत है मेरी
ये चाहत है मेरी।
#OpenPoetry