पुत्रों के नाम से तो कई राजा जाने जाते हैं
पर धन्य हैं वे पिता जो आज भी अपनी पुत्री के नाम से जाने जाते हैं
जो मेरे और मेरे पापा की नजरों में राजा राम से भी अति श्रेष्ठ हैं
इसलिए ऐसे राज-ऋषि जनक को माता लक्ष्मी ने स्वयं अपने पिता की भूमिका के लिए चुना
#रामायण❤️🙏
और इसी मर्यादा पर, उनके पिता, अपने गुरु, अपने इष्ट को इतनी इज्ज़त देने पर सीता राम पर मोहित हो जाती हैं और ताउम्र हर परिस्थिति में श्री राम के प्रति सदैव तत्पर और समर्पित रहती हैं
प्यार का दूसरा नाम सम्मान है
जहां सम्मान है वहां प्यार भरपूर होता है
सियाराम शरणं मम।। 🙏
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