Anamika Sengar Rathore

Anamika Sengar Rathore

कविता .कहानी . अपने विचार .एवं शेरों शायरी अपनी कलम से प्रस्तुत करती एक लेखिका-अनु की कलम से.. अनामिका सेंगर(अनु) कानपुर देहात उत्तर प्रदेश(भारत)

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तू ईश्क बनकर मुझमें घुले तो सही, मैं इत्र बनकर तुझमें महक जाऊँगी। #अनुकीकलमसे✍️ ©Anamika Sengar Rathore

#अनामिकामानुषी #अनुकीकलमसे✍️ #जाऊंगी #लेखिका #शायरी  तू ईश्क बनकर मुझमें घुले तो सही,
मैं इत्र बनकर तुझमें महक जाऊँगी।

#अनुकीकलमसे✍️

©Anamika Sengar Rathore

दूसरों पे लोग अक्सर, कसते है क्यों फब्तियां, देखते है नहीं वो ,खुद अपनी क्यों अठखेलियां। सबमें है एक न एक दुर्गुण ,कौन यहां निर्दोष है, फिर केवल ये दुसरों ,की गिनते है क्यों गलतियां। #अनुकीकलमसे✍️ ©Anamika Sengar Rathore

#अनामिका_मानुषी #अनुकीकलमसे✍️ #लेखिका #शायरी #diary  दूसरों पे लोग अक्सर, कसते है क्यों फब्तियां,
देखते है नहीं वो ,खुद अपनी क्यों अठखेलियां।
सबमें है एक न एक दुर्गुण ,कौन यहां निर्दोष है,
फिर केवल ये दुसरों ,की गिनते है क्यों गलतियां।

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हाय कि मुड़ के देखा उसने, बिन बोले बहुत कुछ कहा उसने। मैं तो उसी पल हो गई उसकी, जब भीड़ में मुझें अपना कहा उसने। ©Anamika Sengar Rathore

#हायकिमुड़केदेखाउसने #नोजोटोराइटर्स #अनुकीकलमसे✍️ #नोजोटो #शायरी  हाय कि मुड़ के देखा उसने,
बिन बोले बहुत कुछ कहा उसने।
मैं तो उसी पल हो गई उसकी,
जब भीड़ में मुझें अपना कहा उसने।

©Anamika Sengar Rathore

प्यारी है मेरे गाँव की माटी। जिससे सोंधी खुशबू आती।। हरे भरे हैं सब गली मोहल्ले। जिन्हें देख मन में खुशियां छाती।। हर टोले में हैं एक चौतरियाँ। धरी है जिसपे एक छपरियाँ।। वहाँ बैठकर है सब बतियाते । सब मिल खाते चाट बतासे।। सुबह सबेरे घर में चिड़िया आती। दोपहिया बागों में कोयल गाती ।। घर घर में हैं गाय भैंसिया। मे मे करती भेड़ बकरियां।। घर घर कंडे पाथे जाते। चूल्हे पर बनी सब रोटी खाते।। दूध से बनती हर घर मीठी खीर। अच्छा लगता कुंए का ठंडा नीर।। बच्चें विद्यालय पढ़ने जाते। शिक्षक गिनती पहाड़ा पढ़ाते।। थैला ले दादा बाजार को जाते। सब्जी टॉफी कम्पट बिस्कुट लाते।। दादी नानी किस्से खूब सुनाते। बड़े बुजुर्गों के नाम से हम जाने जाते।। होती तरक्की कोई क्षेत्र में। मिठाई बांटते खूब जश्न मनाते।। होती हैं खट्टी मीठी लड़ाई। करते सब एकदूजे की खिंचाई।। वैर भाव मन में तनिक ना लाते। साथ बैठ कर सब खाना खाते।। #अनु कहे जरूर जाओ अपने गाँव। लुफ्त उठाओ बैठो पेड़ो की ठंडी छांव।। #अनुकीकलमसे ©Anamika Sengar Rathore

 प्यारी है मेरे गाँव की माटी।
जिससे सोंधी खुशबू आती।।

हरे भरे हैं सब गली मोहल्ले।
जिन्हें देख मन में खुशियां छाती।।

हर टोले में हैं एक चौतरियाँ।
धरी है जिसपे एक छपरियाँ।।

वहाँ बैठकर है सब बतियाते ।
सब मिल खाते चाट बतासे।।

सुबह सबेरे घर में चिड़िया आती।
दोपहिया बागों में कोयल गाती ।।

घर घर में हैं गाय भैंसिया।
मे मे करती भेड़ बकरियां।।

घर घर कंडे पाथे जाते।
चूल्हे पर बनी सब रोटी खाते।।

दूध से बनती हर घर मीठी खीर।
अच्छा लगता कुंए का ठंडा नीर।।

बच्चें विद्यालय पढ़ने जाते।
शिक्षक गिनती पहाड़ा पढ़ाते।।

थैला ले दादा बाजार को जाते।
सब्जी टॉफी कम्पट बिस्कुट लाते।।

दादी नानी किस्से खूब सुनाते।
बड़े बुजुर्गों के नाम से हम जाने जाते।।

होती तरक्की कोई क्षेत्र में।
मिठाई बांटते खूब जश्न मनाते।।

होती हैं खट्टी मीठी लड़ाई।
करते सब एकदूजे की खिंचाई।।

वैर भाव मन में तनिक ना लाते।
साथ बैठ कर सब खाना खाते।।

#अनु कहे जरूर जाओ अपने गाँव।
लुफ्त उठाओ बैठो पेड़ो की ठंडी छांव।।

#अनुकीकलमसे

©Anamika Sengar Rathore

#अनुकीकलमसे✍️ #कविता

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काफिला चलेगा आपके साथ भी, बेशक कुछ कर गुजरने की चाहत तो रखिए.. #अनुकीकलमसे ©Anamika Sengar Rathore

#अनुकीकलमसे #शायरी #Darknight  काफिला चलेगा आपके साथ भी, बेशक
कुछ कर गुजरने की चाहत तो रखिए..

#अनुकीकलमसे

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हर मोड़ पर बस तेरा साथ चाहूँ मैं.बेशक इस जहां में लोगों की ख्वाहिशें बहुत हैं। #अनुकीकलमसे ©Anamika Sengar Rathore

#अनुकीकलमसे #शायरी #MusicLove #anuabhi  हर मोड़ पर बस तेरा साथ चाहूँ मैं.बेशक
इस जहां में लोगों की ख्वाहिशें बहुत हैं।

#अनुकीकलमसे

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