Lafz-E-Kumar

Lafz-E-Kumar Lives in Udaipur, Rajasthan, India

अहसासों को शब्द में लिखता हूँ ।

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तेरा दीदार ही मोहब्बत है मेरी। महज दुल्हन हो जाने से कहानी खत्म नही होती। ©Lafz-E-Kumar

#adishakti  तेरा दीदार ही मोहब्बत है मेरी। 
महज दुल्हन हो जाने से कहानी खत्म नही होती।

©Lafz-E-Kumar

#adishakti

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मौके तो बहुत दिए उसने मोहब्बत में संभल जाने के 💔 मैं उसकी नीयत को बेमानी कहकर बर्बाद होता रहा 😎 ©Lafz-E-Kumar

#walkingalone  मौके तो बहुत दिए उसने मोहब्बत में संभल जाने के 💔
मैं उसकी नीयत को बेमानी कहकर बर्बाद होता रहा 😎

©Lafz-E-Kumar

"हम ही इसे हराएंगे " ' यह सुनी पड़ी गलीया , यह बन्द दरवाज़े । हमको अपने घरों में कैद बतलाते है ।। सडको पर जो रोटी को तरसे है । हमारे समाजवाद को निर्बल दिखलाते है ।। अस्पतालो में बेड नही , ऑक्सिजन नही फिज़ाओ में । ना जाने क्यों विकासवाद पर हम इतना इतराते है ।। हर रोज दम तोड़ती अनगिनत साँसे है । हमारी नाकाम व्यवस्थाओ के मुँह पर तमाचे है ।। अंधेरा बड़ा घना है , अदृश्य शत्रु बड़ा जालिम है । हाथों में मशाल लेकर हम उजियाला लाएंगे ।। कोरोना आया कही से भी हो हम ही इसे हराएंगे ।।। _लफ्ज़ ए कुमार_ ©Lafz-E-Kumar

#stay_home_stay_safe  "हम ही इसे हराएंगे "
 
  ' यह सुनी पड़ी गलीया , यह बन्द दरवाज़े ।
   हमको अपने घरों में कैद बतलाते है ।।
   सडको पर जो रोटी को तरसे है ।
   हमारे समाजवाद को निर्बल दिखलाते है ।।
   अस्पतालो में बेड नही , ऑक्सिजन नही फिज़ाओ में ।
   ना जाने क्यों विकासवाद पर हम इतना इतराते है ।।
   हर रोज दम तोड़ती अनगिनत साँसे है ।
   हमारी नाकाम व्यवस्थाओ के मुँह पर तमाचे है ।।
   अंधेरा बड़ा घना है , अदृश्य शत्रु बड़ा जालिम है ।
   हाथों में मशाल लेकर हम उजियाला लाएंगे ।।
   कोरोना आया कही से भी हो हम ही इसे हराएंगे ।।।
   _लफ्ज़ ए कुमार_

©Lafz-E-Kumar
#कविता #MajesticWords #mulakat  "mulakat itvaar wali "

#mulakat itvaar wali #MajesticWords

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                         " पिता "            बच्चो और भूख के बीच का पूल होता है पिता ।    माँ का श्रृंगार और माथे का सिंदूर होता है पिता ।।            टूट्टी चप्पल पहनकर जो बेटे को नए जूते लाते है   फट्टी बनियान में रहकर अपनी बेटी को पाजेब दिलाते है ।।      अपनी ख्वाहिशो का गला घोटकर माँ को साड़ी लाते है ।       सारी परेशानियों को भुलाकर सबको खुश वो करते है ।।         पिता के कंधों पर बैठकर देखे दूर गाँव के सब मेले है ।       पिता साथ है तो बाजार के अपने सब खिलौने है ।।           "पिता" पिता है तो अनुभव की छत और दीवारे है ।      पिता ज़िन्दगी की कड़ी धूप में घनी छाँव है ।।      पिता ही तो सही और गलत को कान खीचकर समझाते है ।       पिता ही उंगली पकड़कर कठिन समय मे जीना सिखाते है ।। ©Lafz-E-Kumar

#कविता #Papa #pita                           " पिता "        
   बच्चो और भूख के बीच का पूल होता है पिता । 
   माँ का श्रृंगार और माथे का सिंदूर होता है पिता ।।    
       टूट्टी चप्पल पहनकर जो बेटे को नए जूते लाते है   
  फट्टी बनियान में रहकर अपनी बेटी को पाजेब दिलाते है ।।      
अपनी ख्वाहिशो का गला घोटकर माँ को साड़ी लाते है ।   
   सारी परेशानियों को भुलाकर सबको खुश वो करते है ।।        
 पिता के कंधों पर बैठकर देखे दूर गाँव के सब मेले है ।    
  पिता साथ है तो बाजार के अपने सब खिलौने है ।।      
     "पिता" पिता है तो अनुभव की छत और दीवारे है ।     
 पिता ज़िन्दगी की कड़ी धूप में घनी छाँव है ।।      
पिता ही तो सही और गलत को कान खीचकर समझाते है ।  
    पिता ही उंगली पकड़कर कठिन समय मे जीना सिखाते है ।।

©Lafz-E-Kumar

#pita #Papa

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wo sirf mera tha sirf mere hi khwabo main .... mujhe sirf usse mohbbat thi meri bus itni si kahaani hain ©Lafz-E-Kumar

#standAlone  wo sirf mera tha 
sirf mere hi khwabo main 
....
mujhe sirf usse mohbbat thi 
meri bus itni si kahaani hain

©Lafz-E-Kumar
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