Poonam Singh

Poonam Singh Lives in Patna, Bihar, India

| जीवन अनमोल है | | उन्हें शब्दों में पिरोती हूँ | | तुम्हें पाने की ख्वाहिश नहीं | | मगर तुम्हें खोना मंजूर नहीं | /29 /10 /19

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#कविता

खामोशी

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यहां सच्ची मोहब्बत सच्चे रिश्ते ©Poonam Singh

#शायरी  यहां सच्ची मोहब्बत सच्चे रिश्ते

©Poonam Singh

यहां सच्ची मोहब्बत सच्चे रिश्ते ©Poonam Singh

4 Love

जब भी तुम्हारी यादों के साये में जिंदगी तलाश करती हूँ तुम्हारी यादें चांद से भी ज्यादा खूबसूरत नजर आती है ©Poonam Singh

#कविता  जब भी तुम्हारी यादों के साये में 
जिंदगी तलाश करती हूँ
तुम्हारी यादें चांद से भी ज्यादा 
खूबसूरत नजर आती है

©Poonam Singh

चांद

9 Love

सागर में फसा इक माझी लड़ता रहा तूफ़ानों से दो हांथों से पतवार चलाता डरता नहीं डराने से लहरों की वो मार झेलता अपनी कश्ती को पार लगाता वो लहरों की हर चाल समझता फिर भी अपना प्यार निभाता तभी वो सागर में नाव चलाता ©Poonam Singh

#कविता  सागर में फसा इक माझी
लड़ता रहा तूफ़ानों से

दो हांथों से पतवार चलाता
डरता नहीं डराने से 

लहरों की वो मार झेलता
अपनी कश्ती को पार लगाता 

वो लहरों की हर चाल समझता 
फिर भी अपना प्यार निभाता
तभी वो सागर में नाव चलाता

©Poonam Singh

सागर में फसा इक माझी लड़ता रहा तूफ़ानों से दो हांथों से पतवार चलाता डरता नहीं डराने से लहरों की वो मार झेलता अपनी कश्ती को पार लगाता

9 Love

कभी जो तुम्हारे बालों पर तारिफ लिख दूं, तो शायद अच्छा लगे तुम्हें । कभी जो तुम्हारे मन को शब्दों से घायल कर दूं, तो शायद वो भी अच्छा लगे तुम्हें । इस शायद में न जाने कितनी गुस्ताखी छिपी है कभी जो मैं गुस्ताखी कर दूं, तो शायद मेरा गुस्ताख हो जाना अच्छा लगे तुम्हें। ©Poonam Singh

#कविता  कभी जो तुम्हारे बालों पर तारिफ लिख दूं,
 तो शायद अच्छा लगे तुम्हें ।

कभी जो तुम्हारे मन को शब्दों से घायल कर दूं,
 तो शायद वो भी अच्छा लगे तुम्हें ।

इस शायद में न जाने कितनी गुस्ताखी छिपी है 
कभी जो मैं गुस्ताखी कर दूं,
 तो शायद मेरा गुस्ताख हो जाना अच्छा लगे तुम्हें।

©Poonam Singh

कभी जो तुम्हारे बालों पर तारिफ लिख दूं, तो शायद अच्छा लगे तुम्हें । कभी जो तुम्हारे मन को शब्दों से घायल कर दूं, तो शायद वो भी अच्छा लगे तुम्हें । इस शायद में न जाने कितनी गुस्ताखी छिपी है कभी जो मैं गुस्ताखी कर दूं, तो शायद मेरा गुस्ताख हो जाना अच्छा लगे तुम्हें।

10 Love

वृक्ष से गिरे पत्तियों का कोई ठिकाना नहीं होता हवा जिस ओर ले जाए वहीं उसे बह जाना होता है। ©Poonam Singh

#विचार #DryTree  वृक्ष से गिरे पत्तियों का कोई ठिकाना नहीं होता 

हवा जिस ओर ले जाए वहीं उसे बह जाना होता है।

©Poonam Singh

वृक्ष से गिरे पत्तियों का कोई ठिकाना नहीं होता हवा जिस ओर ले जाए वहीं उसे बह जाना होता है। _पूनम सिंह #DryTree

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