सुमित

सुमित

ट्रेन की पटरियों से मेरा प्यार .... जो चलती तो दूर तक साथ है पर मिलती नही....

  • Latest
  • Popular
  • Video

ढल रही रात, चलने लगी सर्द हवाएं, अकेला चले जा रहा मैं और ये मेरी गुमशुदा राहें, या खुदा ये कैसा इंसाफ हुआ... मेरे हिस्से में उदासी, उसके में की किसी और की बाहें। -सुmit ©सुमित

#शायरी #akelapan #sumit #Road  ढल रही रात, चलने लगी सर्द हवाएं,
अकेला चले जा रहा मैं और ये मेरी गुमशुदा राहें,
या खुदा ये कैसा इंसाफ हुआ...
मेरे हिस्से में उदासी, उसके में की किसी और की बाहें।




-सुmit

©सुमित

बातें जो छुपानी थी वो सारेआम हो गईं, बात कुछ भी हो अब तो सब आम हो गई, पास जब वो आए नजरें झुकी, सहम से सब भूल गया, दूर होते ही फिर बातें तमाम हो गईं। -सुmit ©सुमित

#बातें #शायरी #सुमित #सरेआम #मिलन  बातें जो छुपानी थी वो सारेआम हो गईं,
बात कुछ भी हो अब तो सब आम हो गई,
पास जब वो आए नजरें झुकी, सहम से सब भूल गया,
दूर होते ही फिर बातें तमाम हो गईं।





-सुmit

©सुमित

रो कर उसकी यादों में, अपनी आंखों को सजा देते हैं, तलब जब होती उसके होठों को, सिगरेट जला लेते हैं। ~ सुmit ©सुमित

#शायरी #sumitMaurya #cigarette #jalana #Yaden  रो कर उसकी यादों में, अपनी आंखों को सजा देते हैं,
तलब जब होती उसके होठों को, सिगरेट जला लेते हैं।
                              ~ सुmit

©सुमित

शब्द को शब्द ही रहने दो, नस्तर ना बनाओ, तालाब अपनी जगह ठीक है, समंदर ना बनाओ, मोहब्बत नहीं दे सकते कोई बात नहीं, सितम ढा करके, इस मोम से दिल को पत्थर ना बनाओ । ~ सुमित ©सुमित

#शायरी #samandar #shayri #shabd #sumit  शब्द को शब्द ही रहने दो, नस्तर ना बनाओ,
तालाब अपनी जगह ठीक है, समंदर ना बनाओ,
मोहब्बत नहीं दे सकते कोई बात नहीं, सितम ढा करके,
इस मोम से दिल को पत्थर ना बनाओ ।
                                   ~ सुमित

©सुमित

मैं अपने तरीके से राज करता हूँ, अंजाम से ज्यादा आगाज़ पर विश्वास रखता हूँ। - सुमित ©सुमित

#शायरी #SunSet  मैं अपने तरीके से राज करता हूँ,
अंजाम से ज्यादा आगाज़ पर विश्वास रखता हूँ।

          - सुमित

©सुमित

राज #SunSet

6 Love

क्या बताऊं जिंदगी किस तरह से कट रही है, उसके लफ़्जों की मुलाकात मेरे कानों से घट रही है, जो कहती थी सुमित मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ, अब वो रक़ीब के गले लिपट रही है। - सुमित ©सुमित

#शायरी #बेवफा #SunSet  क्या बताऊं जिंदगी किस तरह से कट रही है,
उसके लफ़्जों की मुलाकात मेरे कानों से घट रही है,
जो कहती थी सुमित मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ,
अब वो रक़ीब के गले लिपट रही है।
            - सुमित

©सुमित
Trending Topic