Chintan Shastri

Chintan Shastri Lives in Ahmedabad, Gujarat, India

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#कविता #womensday  तु हि काल रात्रि तु हि कल्याणी।
तु हि सृजनहारी तु हि विनाशिनी।
तेरी कोक बिना सुना पालनहारी।
तेरे साथ बिना शव सा गंगाधारी।
तेरे ग्यान बिना भ्रह्म के वेद जेसे खाखी।
पत्नी, मा, बहेन्, बेटी, सखी, भाभी, दादी, और चाची
हर रूप में हम तेरे सदा सदा रहेंगे आभारी।

Happy womens Day

©Chintan Shastri

Happy women's Day #womensday

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બનવું છે દરિયો પણ વહિ જાઉં છું. ખાબોચિયું છું છીછરું. ક્ષણ મા છલકાઈ જાઉં છું. ©Chintan Shastri

#કવિતા  બનવું છે દરિયો પણ વહિ જાઉં છું.
ખાબોચિયું છું છીછરું.
ક્ષણ મા છલકાઈ જાઉં છું.

©Chintan Shastri

બનવું છે દરિયો પણ વહિ જાઉં છું. ખાબોચિયું છું છીછરું. ક્ષણ મા છલકાઈ જાઉં છું.

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हो हर दिन महीने साल जिसके होने से हो खुशहाल चाहे हो कैसे भी हाल, बने सबकी हैं तु ढाल जीवन जिसका हर पल कमाल, उसके दिन होते। होते हैं साल। जो पूजी जाए पहले बाद मै पूजे जाए महाकाल। उस को हैं वंदन सालो साल। कभी मा कभी, बीवी, कभी बेटी, तो कभी दोस्त हर रूप मै जो बेमिसाल। तु नारायणि भी, तुहि शक्ति भी, तुहि भक्ति विद्या का झरना विशाल। सरजन विसर्जन दोनो तेरे आँचल के लाल। तेरा क्या कोई करे बखान, तेरे रूणी हम हर जनम और सालों साल। Happy women's day 🙂 ©Chintan Shastri

#कविता #womensday2022 #Women  हो हर दिन महीने साल जिसके होने से हो खुशहाल
चाहे हो कैसे भी हाल, बने सबकी हैं तु ढाल
जीवन जिसका हर पल कमाल, उसके दिन होते।  होते हैं साल।
जो पूजी जाए पहले बाद मै पूजे जाए महाकाल।
उस को हैं वंदन सालो साल। 
कभी मा कभी, बीवी, कभी बेटी,  तो कभी दोस्त हर रूप मै जो बेमिसाल।
तु नारायणि भी, तुहि शक्ति भी, तुहि भक्ति विद्या का झरना विशाल।
सरजन विसर्जन दोनो तेरे आँचल के लाल। तेरा क्या कोई करे बखान,
तेरे रूणी हम हर जनम और सालों साल।


Happy women's day 🙂

©Chintan Shastri

Happy women's day poem dedicated to women from all walks of life #Women #womensday2022

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इतना भी ना रुलाओ के आंसू सुख हि जाए, इतना भी ना सताओ के सब्र टूट हि जाए, करो इतने भी ना झूलम के दिल पत्थर टूट हि जाए, सब्र का बाँध जो बाँधा कही फुट ना जाए, स्वर्ग को नर्क कर बैठे अभी भी क्यु चैन ना आए न जाने कोनसी तुमको, बोली समज आये या फिर रूह को भी अपनी बेच हो खाये। शर्म के घुट तो पिलो कहा से जान ये लाये धरम के नाम पे कैसे धरम को हि डूबा आए धरम को हि डूबा आए।।। धरम को हि डूबा आए।।। dedicated to all the kashmiri pandits who sufferd alot 🥺😣🥺 ©Chintan Shastri

#कविता #kashmirdiaries #kashmirfiles #darkness  इतना भी ना रुलाओ के आंसू सुख हि जाए,
इतना भी ना सताओ के सब्र टूट हि जाए,
करो इतने भी ना झूलम के दिल पत्थर टूट हि जाए,
सब्र का बाँध जो बाँधा कही फुट ना जाए,
स्वर्ग को नर्क कर बैठे अभी भी क्यु चैन ना आए
न जाने कोनसी तुमको,  बोली समज आये
या फिर रूह को भी अपनी बेच हो खाये।
शर्म के घुट तो पिलो कहा से जान ये लाये
धरम के नाम पे कैसे धरम को हि डूबा आए
धरम को हि डूबा आए।।।
धरम को हि डूबा आए।।।

dedicated to all the kashmiri pandits who sufferd alot 🥺😣🥺

©Chintan Shastri

बस यही हाल हैं दिल दरिया का। चट्टानों से टक्कर भी खुद खाते हैं। शांत भी खुद होते हैं। चिंता ओ के उछाल उबाल को भितरभी समाते हैं। खारापन कितना भी हो भीतर, सीपी से मोती भी बनाना हैं। मन दरिया जो हैं, सभ को पार भी लगाना हैं। निगल गया हमारे सपनो को, ये दोष भी उठाना है। चिंतन शास्त्री ©Chintan Shastri

#कविता #seaside  बस यही हाल हैं दिल दरिया का। चट्टानों से टक्कर भी खुद खाते हैं। शांत भी खुद होते हैं। चिंता ओ के उछाल उबाल को भितरभी समाते हैं। खारापन कितना भी हो भीतर, सीपी से मोती भी बनाना हैं।
मन दरिया जो हैं,
सभ को पार भी लगाना हैं।
निगल गया हमारे सपनो को,
 ये दोष भी उठाना है।

चिंतन शास्त्री

©Chintan Shastri

dil dariya poem #seaside

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વાદળ બની વરસી લઉં તું ધરા સમ જીલી તો જાણ રેવા સમ વહી જાઉં તું પાષાણ સમ પ્રવાહ તો ખમ. ભરી લઉં બાથ આખા નભને તું આસ્થાનું જોમ તો બન. -પથિક ©Chintan Shastri

 વાદળ બની વરસી લઉં
તું ધરા સમ જીલી તો જાણ
રેવા સમ વહી જાઉં
તું પાષાણ સમ પ્રવાહ તો ખમ.
ભરી લઉં બાથ આખા નભને
તું આસ્થાનું જોમ તો બન.

-પથિક

©Chintan Shastri

વાદળ બની વરસી લઉં તું ધરા સમ જીલી તો જાણ રેવા સમ વહી જાઉં તું પાષાણ સમ પ્રવાહ તો ખમ. ભરી લઉં બાથ આખા નભને તું આસ્થાનું જોમ તો બન. -પથિક ©Chintan Shastri

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