vidya charan Shukla

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पुरानी दोस्ती को इस नई ताकत से मत तौलो, यह संबंधों के तुरपाई है, षडयंत्रों से मत खोलो मेरे लफ्जो की छेनी से गढे कुछ देवता जो कल मेरे लफ्जों पे मरते थे, वह अब कहते हैं मत बोलो।🙏🙏🙏

#alonesoul  पुरानी दोस्ती को इस नई ताकत से मत तौलो,
 यह संबंधों के तुरपाई है, षडयंत्रों से मत खोलो
 मेरे लफ्जो की  छेनी से गढे कुछ देवता जो कल
 मेरे लफ्जों पे मरते थे, वह अब कहते हैं मत बोलो।🙏🙏🙏

कुछ लोगों के लिए समर्पित 🙏🙏 #alonesoul

25 Love

संबंधों को बनाना आसान होता है संबंधों को चलाना कमाल होता है ।। धरती से अंबर में पहुँचना तो आसान होता है पर अंबर में पहुँच कर ठहरना कमाल होता है ।।

#alonesoul  संबंधों को बनाना आसान होता है 
संबंधों को चलाना कमाल होता है ।।
धरती से अंबर में पहुँचना तो आसान होता है 
पर अंबर में पहुँच कर ठहरना कमाल होता है ।।

🙏🙏🙏 #alonesoul

19 Love

मामला बड़ा संगीन है, सुलझाना इसे गंभीर है,,,,,,,,, मन की कड़वी भ्रांति ने कंगाल तुझको कर दिया है। शास्त्रों के अंजाम को क्यों संकीर्ण इतना कर दिया है। दूसरों की भूल को इल्जाम इतना दे रहा है। क्यों खुद के अपने बदन को बदनाम इतना कर रहा है । ये मुख की तेरी वाणी अब बेस्वाद हो गई है । स्वर, वाचाल ,वेदना सब नीरस हो गई है।। है जटिल अब कुछ भी नहीं, बस मन की तेरी खलल है। बस सभ्यता और सत्कार को तू कर्म में ढाला नहीं है ।। क्या इस तरह ही मिल सका है न्याय सबको,,,, यदि पनाह पाना चाहता है फिर आक्षेप को तू भूल जा।। तेरी यही व्यग्रता मुझको पीड़ा दे रही है । क्यों आचरण को तू अपने बंजर बना रहा,,, संताप क्यूँ इतना तू दुनिया को दे रहा ,, मामला अब बेहद अगूढ हो गया है,,,, तेरी हालत अब बेहद अबूझ हो गई है,,,,, मामला बडा संगीन है, सुलझाना इसे गम्भीर है,,,, , जय हिंद ( इजि. विद्या चरण शुक्ला)

#seaside  मामला बड़ा संगीन है, सुलझाना इसे गंभीर है,,,,,,,,,
 मन की कड़वी भ्रांति ने कंगाल तुझको कर दिया है। 
शास्त्रों  के अंजाम को क्यों संकीर्ण इतना कर दिया है। 
दूसरों की भूल को इल्जाम इतना दे रहा है। क्यों खुद के अपने बदन को बदनाम इतना कर रहा है ।
ये मुख की तेरी वाणी अब बेस्वाद हो गई  है ।
स्वर, वाचाल  ,वेदना सब  नीरस हो गई है।। 
है  जटिल अब कुछ भी नहीं, बस मन की तेरी खलल है।
 बस  सभ्यता और सत्कार को 
तू कर्म  में ढाला  नहीं है ।।
क्या इस तरह ही मिल सका है न्याय सबको,,,,
यदि पनाह पाना चाहता है फिर 
 आक्षेप को तू भूल जा।।
तेरी  यही व्यग्रता मुझको पीड़ा दे रही है ।
क्यों आचरण को तू अपने बंजर बना रहा,,,
संताप क्यूँ इतना तू दुनिया को दे रहा ,,

मामला अब बेहद अगूढ हो गया है,,,,
तेरी हालत अब बेहद अबूझ हो गई है,,,,,

मामला बडा संगीन है, सुलझाना इसे गम्भीर है,,,,    ,
जय हिंद
 (  इजि. विद्या चरण शुक्ला)

एक बार जरूर पढें 🙏🙏 #seaside

33 Love

है वही सूरमा इस जग में जो अपनी राह बनाता है, कोई चलता है पद चिन्हों पर कोई पद चिन्ह बनाता है ।

#flyhigh  है वही सूरमा इस जग में जो अपनी राह बनाता है,
 कोई चलता है पद चिन्हों पर कोई पद चिन्ह बनाता है ।

🙏🙏 #flyhigh

130 Love

तेरी मिथ्या भी अब मुझको मोहित कर रही हैं, नाराजगी भी तेरी मोहिनी बना रही हैं ।। मासूम से बदन में नफरत की ये निगाहें हर बार कोसती हैं ये प्रीति की हवाएँ।। पिछले प्रणय के खातिर अनुनय कर रहा हूँ क्यूँ पालती है मन में दूसरों का आशियाना। तेरी ये बेचैनियाँ क्यूँ गम्भीर हो रही हैं। निश्छल से मन में मेंरी साया उतार ले।। क्या कर दिया ये जादू अब कौन जानता है प्यार का मारा तो दर-दर भटक रहा है ।। @@ विद्या चरण शुक्ला $###

 तेरी मिथ्या भी अब मुझको मोहित कर रही हैं,
नाराजगी भी तेरी मोहिनी बना रही हैं ।।
मासूम से बदन में नफरत की ये निगाहें 
हर बार कोसती हैं ये प्रीति की हवाएँ।।
पिछले प्रणय के खातिर अनुनय कर रहा हूँ 
क्यूँ पालती है मन में दूसरों का आशियाना।
तेरी ये  बेचैनियाँ क्यूँ  गम्भीर हो रही हैं।    निश्छल से मन में मेंरी  साया उतार ले।।
क्या कर दिया ये जादू अब कौन जानता है 
प्यार का मारा तो दर-दर भटक रहा है ।।
@@ विद्या चरण शुक्ला $###

#peace

113 Love

#adhurikahani

सब जाग रहे तू सोता रह किस्मत को थामे रोता रह😁 #adhurikahani

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