rishabh kumar

rishabh kumar Lives in Panchkula, Haryana, India

मेरी पहचान मेरी कविता हैं।

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बचपन देखा, लड़कपन देखा देख रहा हूँ जवानी चाहता हूँ करू समर्पित ये सारी कहानी। हुआ यूं था, था में छोटा बच्चा मिला था प्यार मुझको माँ से बहुत सच्चा पता नहीं था तब जो महसूस करता हूँ अब था क्या वो, जो अब नहीं तब भी था तू सयाना अब भी है तू सयाना बस फ्रक है इतना तब था तू मस्ताना अब है तू दिवाना जिंदगी का गाना, चाहता हूँ सुनाना बचपन देखा, लड़कपन देखा देख रहा हूँ जवानी चाहता हूँ करू समर्पित ये सारी कहानी। ऋषभ

#कविता  बचपन देखा, लड़कपन देखा
देख रहा हूँ जवानी
चाहता हूँ करू समर्पित
ये सारी कहानी।
हुआ यूं था, था में छोटा बच्चा
मिला था प्यार मुझको माँ से बहुत सच्चा
पता नहीं था तब
 जो महसूस करता हूँ अब
था क्या वो, जो अब नहीं
तब भी था तू सयाना 
अब भी है तू सयाना
बस फ्रक है इतना
तब था तू मस्ताना
अब है तू दिवाना
जिंदगी का गाना, चाहता हूँ सुनाना
बचपन देखा, लड़कपन देखा
देख रहा हूँ जवानी
चाहता हूँ करू समर्पित
ये सारी कहानी।

            ऋषभ

childhood

10 Love

आज मैंने एक सपना देखा सपनों में कोई अपना देखा समुन्दर की लहरों को बादल से मिलते देखा पताल से आकाश तक किसी को गरजते देखा मानो कोई कुछ कह रहा हो बादल जैसे बरसते देखा आज मैंने कोई सपना देखा सपना में कोई अपना देखा। ऋषभ

#कविता #Dreams  आज मैंने एक सपना देखा
सपनों में कोई अपना देखा
समुन्दर की लहरों को बादल से मिलते देखा
पताल से आकाश तक किसी को गरजते देखा
मानो कोई कुछ कह रहा हो
बादल जैसे बरसते देखा
आज मैंने कोई सपना देखा
सपना में कोई अपना देखा।

              ऋषभ

#Dreams

9 Love

तेरा यु हँसना, मेरे जिंदगी में आना अपने हँसी से चहुबार को हँसाना तेरा ये तप, अगाध प्रेम मेरे रूह पर एक छाप छोड़ जाता हैं मेरा तन,मन सब कुक्ष तुझ पर हार जाता है क्या कहूँ और प्रिये तेरे जैसा नहीं कोई और प्रिये।😊😘😍

#कविता #ShiningInDark  तेरा यु हँसना, मेरे जिंदगी में आना
अपने हँसी से चहुबार को हँसाना
तेरा ये तप, अगाध प्रेम
मेरे रूह पर एक छाप छोड़ जाता हैं
मेरा तन,मन सब कुक्ष तुझ पर हार जाता है
क्या कहूँ और प्रिये
तेरे जैसा नहीं कोई और प्रिये।😊😘😍

Love #ShiningInDark

10 Love

एक सपना मैंने देखा था तुम्हें अपना बनाने का वो आरजू ना जाने कब के कर्ब में दब गये। सोचा था अब ना होंगी कभी मुलाकातें तेरी यादों ने अब तक मुझे सोने ना दिया तेरी आहट आज भी चौकठ पर खड़ी हैं मेरे दिल के दरवाजे ने उसे आने न दिया। तेरा प्यारा-मेरा प्यारा न जाने था कैसा प्यारा जो इस जवाने ने मुझको विवश कर दिया फिर भी चिंगारी कहीं तो सुलगती रही जिसने मुझको आज फिर से जिन्दा कर दिया।

#कविता #ShiningInDark  एक सपना मैंने देखा था
तुम्हें अपना बनाने का
वो आरजू ना जाने कब के कर्ब में दब गये।

सोचा था अब ना होंगी कभी मुलाकातें
तेरी यादों ने अब तक मुझे सोने ना दिया
तेरी आहट आज भी चौकठ पर खड़ी हैं
मेरे दिल के दरवाजे ने उसे आने न दिया।

तेरा प्यारा-मेरा प्यारा न जाने था कैसा प्यारा
जो इस जवाने ने मुझको विवश कर दिया
फिर भी चिंगारी कहीं तो सुलगती रही
जिसने मुझको आज फिर से जिन्दा कर दिया।

Today, India is one of the youngest country in the world with more than 62% of the population in the working age group (15-59 years) and more than 54% of the total population below 25 years of age. सवाल-कहा हैं नवयुवक? उत्तर- कोई सो रहा है, अगर गलती से कोई जग भी गया तो Web Series, Tik tok( New version Roposo) , Pub G ,Whatsapp, Facebook बस यही हैं हम सब की लाईफ़। क्यूँ हम दिन-प्रतिदिन इसमें डूबते चले जा रहे हैं... क्यूँ हम इस से उबर नहीं पा रहे... क्या कोई जानबूझकर हमें इस से निकलने नहीं दे रहा या हम खुद ही जिम्मेदार हैं, या ध्यान बटाने की साजिश है। क्यों हमें अपनी मन पसंद का कार्य नहीं मिलता, क्यों हमें व्यवसाय नहीं मिलता , क्यों हम कुछ करना चाहते हैं हमें उचित प्लेटफार्म नहीं मिलता। क्यों हम 25 साल तक पढ़ने के बाद भी दर-दर भटकते रहते हैं। हमारे स्वरोजगार किसने उजाड़े, हमारी कृषि,पशुपालन,बागवानी प्रथा को क्यों नहीं महत्व दिया गया । क्यों हम मालिक से गुलाम कर दिये गये। क्यों हमें सर्विस सेक्टर की और धकेला गया। क्यों हमारे बीच में पश्चिमी सभ्यता का प्रचार प्रसार किया गया। क्यों बच्चें को खेलने के लिये मैदान की जगह, स्मार्ट फोन पकड़ा दिया गया। क्यों देशी खानों की जगह विदेशी खाने को महत्व दिया गया । आदि.... सबसे बड़ा सवाल हम कब जागेंगे या कुछ चुनिन्दा लोगों को ही अपना सर्वोच्च निक्षावर कर देंगें। जागों यारों जागों, अपने मन मुताबिक जीने का हक आपको भी, अपने सपने को पूरा करने का हक आपको भी। आप जिसे Follow करते हैं वो आप खुद बन सकते हैं । अपने आप को पहचानों, आप में असीम शक्तियाँ हैं । बस गलत नीतियों से और भ्रामक दुष्परिचार से अपने आप को बचावो , गलत अगर कोई भी है आवाज उठाओ, जो हमें अपने मार्ग से विचलित करें उसका डट कर सामना करो। ये मिथ्या हैं कि हम से ऊपर बैठा हुआ इंसान हम से श्रेष्ठ है यकीन मानो वह बस अवसरवादी हैं और अपने आप को बेरोजगार होने से बचाने के लिए तरह-तरह के हतकंडे अपना रहा है। हमें बेवकूफ नहीं उससे चालाक बनना पड़ेगा, अगर सरकार गलत है तो तख्तापलट कर दो। क्या कभी सोचा हैं देश का प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुखयमंत्री, मंत्री नयुवक क्यों नहीं हो सकते। क्या हम उस काबिल नहीं हैं। ऐसी बात नहीं है हम उनसे ज्यादा काबिल हैं लेकिन वो हमें वहां तक पहुँचने ही नहीं देना चाहते। सबसे बड़ा रोजगार तो मुझे लोकतंत्र में ही दिखता है लेकिन वहां कोई नियम कानून लागु नहीं होते क्यों कि वहां कुछ चुन्नीदे लोगों को ही शासन करना है। आजकल एक शब्द चल रहा है Nepotism । सोचना यह शब्द कहाँ लागु नहीं हो रहा। जब हम इस काल्पनिक दुनिया से निकलेगें तभी तो आवाज उठायेंगे। इस षड्यंत्र को पहचान कर इस पर कुठाराघात करने का समय आ गया है जागों यारों जागों- अपने हक के लिये लड़ो। आने वाले पीढ़ी को हमें उनके अनुरूप दुनिया बनाना है जहां उनका सर्वागींण पोषण हो सकें। अगर हम नहीं जागें तो यह ऐसे ही चलता रहेगा और कोई कुछ नहीं कर पायेगा। जयहिंद🙏🙏🙏

#बात  Today, India is one of the youngest country in the world with more than 62% of the population in the working age group (15-59 years) and more than 54% of the total population below 25 years of age.

सवाल-कहा हैं नवयुवक?
उत्तर- कोई सो रहा है, अगर गलती से कोई जग भी गया तो Web Series, Tik tok( New version Roposo) , Pub G ,Whatsapp, Facebook बस यही हैं हम सब की लाईफ़।
क्यूँ हम दिन-प्रतिदिन इसमें डूबते चले जा रहे हैं...
क्यूँ हम इस से उबर नहीं पा रहे...
क्या कोई जानबूझकर हमें इस से निकलने नहीं दे रहा या हम खुद ही जिम्मेदार हैं, या ध्यान बटाने की साजिश है।
क्यों हमें अपनी मन पसंद का कार्य नहीं मिलता, क्यों हमें व्यवसाय नहीं मिलता , क्यों हम कुछ करना चाहते हैं हमें उचित प्लेटफार्म नहीं मिलता।
क्यों हम 25 साल तक पढ़ने के बाद भी दर-दर भटकते रहते हैं। हमारे स्वरोजगार किसने उजाड़े, हमारी कृषि,पशुपालन,बागवानी प्रथा को क्यों नहीं महत्व दिया गया । क्यों हम मालिक से गुलाम कर दिये गये। क्यों हमें सर्विस सेक्टर की और धकेला गया। क्यों हमारे बीच में पश्चिमी सभ्यता का प्रचार प्रसार किया गया। 
क्यों बच्चें को खेलने के लिये मैदान की जगह, स्मार्ट फोन पकड़ा दिया गया। क्यों देशी खानों की जगह विदेशी खाने को महत्व दिया गया । आदि....
सबसे बड़ा सवाल हम कब जागेंगे या कुछ चुनिन्दा लोगों को ही अपना सर्वोच्च निक्षावर कर देंगें।
जागों यारों जागों, अपने मन मुताबिक जीने का हक आपको भी, अपने सपने को पूरा करने का हक आपको भी। आप जिसे Follow करते हैं वो आप खुद बन सकते हैं । अपने आप को पहचानों, आप में असीम शक्तियाँ हैं ।  बस गलत नीतियों से और भ्रामक दुष्परिचार से अपने आप को बचावो , गलत अगर कोई भी है आवाज उठाओ, जो हमें अपने मार्ग से विचलित करें उसका डट कर सामना करो। ये मिथ्या हैं कि हम से ऊपर बैठा हुआ इंसान हम से श्रेष्ठ है यकीन मानो वह बस अवसरवादी हैं और अपने आप को बेरोजगार होने से बचाने के लिए तरह-तरह के हतकंडे अपना रहा है। 
हमें बेवकूफ नहीं उससे चालाक बनना पड़ेगा, अगर सरकार गलत है तो तख्तापलट कर दो। क्या कभी सोचा हैं देश का प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुखयमंत्री, मंत्री नयुवक क्यों नहीं हो सकते। क्या हम उस काबिल नहीं हैं। ऐसी बात नहीं है हम उनसे ज्यादा काबिल हैं लेकिन वो हमें वहां तक पहुँचने ही नहीं देना चाहते। सबसे बड़ा रोजगार तो मुझे लोकतंत्र में ही दिखता है लेकिन वहां कोई नियम कानून लागु नहीं होते क्यों कि वहां कुछ चुन्नीदे लोगों को ही शासन करना है। 
आजकल एक शब्द चल रहा है Nepotism । सोचना यह शब्द कहाँ लागु नहीं हो रहा। 
जब हम इस काल्पनिक दुनिया से निकलेगें तभी तो आवाज उठायेंगे। इस षड्यंत्र को पहचान कर इस पर कुठाराघात करने का समय आ गया है जागों यारों जागों- अपने हक के लिये लड़ो। आने वाले पीढ़ी को हमें उनके अनुरूप दुनिया बनाना है जहां उनका सर्वागींण पोषण हो सकें। अगर हम नहीं जागें तो यह ऐसे ही चलता रहेगा और कोई कुछ नहीं कर पायेगा।
जयहिंद🙏🙏🙏

जागों यारों जागों।

9 Love

माँ शब्द की गरिमा, हैं बहुत निराली उसके बिना ये जीवन, है बहुत ही खाली। देवता भी तरसे जिसके गोद में खेल जाने को उसके अमृत रूपी वचनों से खुद को सिच जाने को। है कहना असत्य ये की मैं उसकी अनुकम्पा लिख डालु मेरी क्या औकात, कि मैं उसे शब्दों में गुथ डालु । जब जगा तो पाया संसार, उसकी गोद में वो ठण्डक सी छाया, उसकी आँचल की छोर में। बिना कहे उसने जाना , मेरे मन का भेद कराया स्तनों का पान, किया तनिक ना देर। प्यार हुआ अगाढ़ मुझे, उसकी ओर से ये पहला था जब दिल धड़का, बहुत ही जोर से। है कहना असत्य ये की मैं उसकी अनुकम्पा लिख डालु मेरी क्या औकात, कि मैं उसे शब्दों में गुथ डालु। Happy mother's day!

#कविता #mothers_day  माँ शब्द की गरिमा, हैं बहुत निराली
उसके बिना ये जीवन, है बहुत ही खाली।
देवता भी तरसे जिसके गोद में खेल जाने को
उसके अमृत रूपी वचनों से खुद को सिच जाने को।
है कहना असत्य ये की मैं उसकी अनुकम्पा लिख डालु
मेरी क्या औकात, कि मैं उसे शब्दों में गुथ डालु ।

जब जगा तो पाया संसार, उसकी गोद में
वो ठण्डक सी छाया, उसकी आँचल की छोर में।
बिना कहे उसने जाना , मेरे मन का भेद
कराया स्तनों का पान, किया तनिक ना देर।
प्यार हुआ अगाढ़ मुझे, उसकी ओर से
ये पहला था जब दिल धड़का, बहुत ही जोर से।
है कहना असत्य ये की मैं उसकी अनुकम्पा लिख डालु
मेरी क्या औकात, कि मैं उसे शब्दों में गुथ डालु।

Happy mother's day!

#mothers_day

13 Love

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