Hardik Kapadiya

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#believeinyourself #HardikKapadiya #Quotes #nojato

कोई खुद को छोटा मेहसूस ना करें.!😇🥰 #believeinyourself #nojato #HardikKapadiya

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"વ્યક્તિને ભૂલવા માટે પણ જો તેને વારંવાર યાદ કરવી પડતી હોય તો, સમજવું કે એ વ્યક્તિ તમારાં જીવનનો એક હિસ્સો બની ચૂકી છે." ©Hardik Kapadiya

 









"વ્યક્તિને ભૂલવા માટે પણ જો તેને વારંવાર 
યાદ કરવી પડતી હોય તો, સમજવું કે એ વ્યક્તિ 
તમારાં જીવનનો એક હિસ્સો બની ચૂકી છે."

©Hardik Kapadiya

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❣ પિતૃપ્રેમ ❣ "પડછાયાને જેટલું સરળતાથી જોઇ શકાય છે, તેટલું જ સરળતાથી એને સમજી શકાતું નથી. અને કદાચ એટલે જ, આપણે પપ્પાને એક પડછાયાના રૂપમાં જોઈએ છીએ." ©Hardik Kapadiya

#પિતૃપ્રેમ #gujaratiquotes #FathersDay2021 #FathersDay #Quotes  ❣ પિતૃપ્રેમ ❣


"પડછાયાને જેટલું સરળતાથી જોઇ શકાય છે,
તેટલું જ સરળતાથી એને સમજી શકાતું નથી. 
અને કદાચ એટલે જ, આપણે પપ્પાને એક 
પડછાયાના રૂપમાં જોઈએ છીએ."

©Hardik Kapadiya
#लफ़्ज़ों_से_भरी_दुनिया #हार्दिक_कापडिया #लफ़्ज़ों #लफ़्ज़ #Hardik_Kapadiya #broken_heart

"मुझमें कोई गम नहीं, तुमसे प्यार भी मेरा कम नहीं, दिल वेसे ही थोड़ी ना दिया है तुम्हें पगली क्योंकि, तुम्हारे और मेरे प्यार की कोई हद भी तो नहीं।" ©Hardik Kapadiya

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दिल वेसे ही थोड़ी ना दिया है तुम्हें पगली क्योंकि, 
तुम्हारे और मेरे प्यार की कोई हद भी तो नहीं।"

©Hardik Kapadiya

मेरी साइकिल "कहानी मेरी साइकिल की, शुरुआत गिरने से हुई थीं, पैर पैडल तक पहुँचते नहीं थे, स्टीयरिंग पर कोई काबू नहीं था, भाई-बहन दोनों ओर से साइकिल को पकड़े रहते, फिर में धीरे धीरे साइकिल चलाने की कोशिश करता था। इसी तरह छोटी साइकिल तो सीख गया। अब बारी आई बड़ी साइकिल को चलाने की, थोड़ा सा डर था ये बड़ी पाईपवाली साइकिल को चलाने में, और मेरी हाईट भी छोटी थी, लेकिन थोड़ी हिम्मत करके में पाईप के नीचे की बीच की जगह में पैर डालकर साईकिल को चलाने लगा। धीरे-धीरे करके में अच्छे से बड़ी साइकिल भी चलाना सीख गया, आज चाहें साइकिल कोई भी हो, चलाने में इक्के बन गए हैं हम।" ©Hardik Kapadiya

#मेरी_साइकिल #WorldBicycleDay2021 #Hardik_Kapadiya  मेरी साइकिल  "कहानी मेरी साइकिल की, शुरुआत गिरने 
से हुई थीं, पैर पैडल तक पहुँचते नहीं थे,
स्टीयरिंग पर कोई काबू नहीं था, भाई-बहन 
दोनों ओर से साइकिल को पकड़े रहते, फिर में 
धीरे धीरे साइकिल चलाने की कोशिश करता था। 
इसी तरह छोटी साइकिल तो सीख गया। 
अब बारी आई बड़ी साइकिल को चलाने की, 
थोड़ा सा डर था ये बड़ी पाईपवाली साइकिल 
को चलाने में, और मेरी हाईट भी छोटी थी, 
लेकिन थोड़ी हिम्मत करके में पाईप के नीचे 
की बीच की जगह में पैर डालकर साईकिल 
को चलाने लगा। धीरे-धीरे करके में अच्छे से 
बड़ी साइकिल भी चलाना सीख गया, 
आज चाहें साइकिल कोई भी हो, 
चलाने में इक्के बन गए हैं हम।"

©Hardik Kapadiya
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