Manish sinha

Manish sinha

social worker, Nationalist Thinker, Young Leader,

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video
#Life_experience #lovebeat  हरियाली ही हरियाली

. ” छोटी-छोटी बातों को नित्य ध्यान रखें बूंद – बूंद मिलकर ही बड़ा जलाशय बनता है। एक – एक त्रुटि मिलकर ही बड़ी बड़ी गलतियां होती है। इसलिए शाखाओं में जो शिक्षा मिलती है उसके किसी भी अंश को नगण्य अथवा कम महत्व का एनहीं मानना चाहिए।”

#WorldEnvironmentDay #thought  .
” छोटी-छोटी बातों को नित्य ध्यान रखें बूंद – बूंद मिलकर ही बड़ा जलाशय बनता है। एक – एक त्रुटि मिलकर ही बड़ी बड़ी गलतियां होती है।  इसलिए शाखाओं में जो शिक्षा मिलती है उसके किसी भी अंश को नगण्य अथवा कम महत्व का एनहीं मानना चाहिए।”
#SADFLUTE

. साइकिल का निर्माण जर्मनी के बरोन कार्ल वोन ड्राइस (Baron Karl Von Drais) द्वारा किया गया था| इसमें पैडल नहीं थे और यह लकड़ी की बनी हुई थी| तब साइकिल को धकेल कर चलाना पड़ता था जिसे लाउफमशीन (Laufmaschine) कहा जाता था| इस साइकिल का इस्तेमाल करीबन 30 साल से ज़्यादा किया गया था| मगर 1864 में फ़्रांस के दो भाइयों Pierre Michaux और Pierre Lallemen ने इसमें सीट और पैडल जोड़ा जिसके बाद साइकिल को पहले से ज़्यादा प्रसिद्धि मिली| साइकिल में बदलाव करने के बाद बोनशेकर (Boneshaker) इसका नाम रखा गया| मगर साइकिल के इतिहास में सबसे बड़ा बदलाव 20वीं सदी में आया| साल 1900 से 1950 के दशक को साइकिल का गोल्डन ऐरा कहा गया क्योंकि यह उस वक़्त लोगों के ट्रेवल करने के लिए सबसे बड़ा साधन थी|

#WorldBicycleDay #poem  .
साइकिल का निर्माण जर्मनी के बरोन कार्ल वोन ड्राइस (Baron Karl Von Drais) द्वारा किया गया था| इसमें पैडल नहीं थे और यह लकड़ी की बनी हुई थी|

तब साइकिल को धकेल कर चलाना पड़ता था जिसे लाउफमशीन (Laufmaschine) कहा जाता था|

इस साइकिल का इस्तेमाल करीबन 30 साल से ज़्यादा किया गया था|

मगर 1864 में फ़्रांस के दो भाइयों Pierre Michaux और Pierre Lallemen ने इसमें सीट और पैडल जोड़ा जिसके बाद साइकिल को पहले से ज़्यादा प्रसिद्धि मिली|

साइकिल में बदलाव करने के बाद बोनशेकर (Boneshaker) इसका नाम रखा गया|

मगर साइकिल के इतिहास में सबसे बड़ा बदलाव 20वीं सदी में आया|

साल 1900 से 1950 के दशक को साइकिल का गोल्डन ऐरा कहा गया क्योंकि यह उस वक़्त लोगों के ट्रेवल करने के लिए सबसे बड़ा साधन थी|

साइकिल चलाने के फायदे -- यह वज़न घटाने के लिए सबसे कारगर और आसान तरीका माना जाता है| यह स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा व्यायाम है| इससे लोग स्ट्रेस फ्री रहते हैं। साइकिल चलाने से इम्यून सिस्टमअच्छा रहता है|

#WorldBicycleDay #poem  साइकिल चलाने के फायदे --
यह वज़न घटाने के लिए सबसे कारगर और आसान तरीका माना जाता है|

यह स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा व्यायाम है|

इससे लोग स्ट्रेस फ्री रहते हैं।

साइकिल चलाने से इम्यून सिस्टमअच्छा रहता है|

#WorldBicycleDay @Patil Rajendra मुकेश कुमार व्यास Ms.(P.✍️Gurjar) @ROHIT KUMAR RockrozzZ

14 Love

. विश्व साइकिल दिवस का इतिहास 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाने की घोषणा की थी। प्रोफेसर लेस्ज़ेक सिबिल्स्की ने विश्व साइकिल दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था| इस दिन को मनाने के लिए तुर्कमेनिस्तान समेत 56 देशों ने सहयोग किया था| साइकिल चलाने से शरीर स्वस्थ रहता है और स्टैमिना भी बढ़ता है| टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के लिए साइकिल चलाना बहुत फायदेमंद माना गया है

#WorldBicycleDay #poem  .
विश्व साइकिल दिवस का इतिहास
2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाने की घोषणा की थी।
प्रोफेसर लेस्ज़ेक सिबिल्स्की ने विश्व साइकिल दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था|
इस दिन को मनाने के लिए तुर्कमेनिस्तान समेत 56 देशों ने सहयोग किया था|
साइकिल चलाने से शरीर स्वस्थ रहता है और स्टैमिना भी बढ़ता है|
टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के लिए साइकिल चलाना बहुत फायदेमंद माना गया है
Trending Topic