बहुत शौक था ना तुम्हें
मुझे टूटते हुए देखने का
तो देखो टूट कर
बिखर गया हूं मै
समेट सको तो समेट लो
कुछ बीते हुए यादों के टुकड़े
पर जरा संभल के
शीशे और यादों के टुकड़े
अक्सर चुभ हीं जाते हैं
और सुनो एक टुकड़ा टांग लेना
अपने घर की दहलीज पर
कसम से ,
नजर नहीं लगने दूंगा
कभी जो नींद ना आए
तो क्या करोगे ?
अरे हां ,
वो टेडी बेयर है ना !
जिसे तुमने जिद करके लिया था
प्यार की पहली निशानी के तौर पर
जला देना उसे
कसम से ,
नींद अच्छी आएगी
वह हर एक मेरी चीज
जो तुमने संभाल रखे हैं
तोड़ देना उसे भी
कसम से ,
तुम्हें सुकून मिलेगा
कोई टुकड़ा अगर चुभ जाए
तो रोना मत
खुशी-खुशी अपने शौक पूरे करना
मुझे टूटते हुए देखना
और हां
मन भर जाए तो
उठा कर फेंक देना
दूर बहुत दूर
क्योंकि ,
टूटा हुआ सामान
किसी के काम नहीं आता
" अशुभ माना जाता है ना ! "
✍️...रितेश
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here