Ravin Vishwakarma

Ravin Vishwakarma

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Modi ji #champ

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"Mastermind " खेलता तो हर शख्स है यहां, वो एक ही था जो stump के पीछे खड़ा होकर, सबको खेलाया करता था.... Ravin....

 "Mastermind "

खेलता तो हर शख्स है यहां,
वो एक ही था जो stump के पीछे खड़ा होकर, 
सबको खेलाया करता था....
                                                Ravin....

"Mastermind " खेलता तो हर शख्स है यहां, वो एक ही था जो stump के पीछे खड़ा होकर, सबको खेलाया करता था.... Ravin....

6 Love

मिलता वो शख्स मुझे भी, जो मेरी ज़िन्दगी संवार देता, ख़ैर ये मेरी ही करामात है, मैं ही उसे ढूंढने में नाकाम रहा... Ravin...

 मिलता वो शख्स मुझे भी,
जो मेरी ज़िन्दगी संवार देता,
ख़ैर ये मेरी ही करामात है,
मैं ही उसे ढूंढने में नाकाम रहा...
                                     Ravin...

मिलता वो शख्स मुझे भी, जो मेरी ज़िन्दगी संवार देता, ख़ैर ये मेरी ही करामात है, मैं ही उसे ढूंढने में नाकाम रहा... Ravin...

9 Love

"घर " वो माँ के हाथ का खाना कहाँ खा पाता हूँ, बस भागते भागते कचा पका खाकर दौड़ जाता हूँ, बस जरूरतें पूरी करता हूँ कमाकर, वो पहले जैसी बाबा से जिद्द कहाँ कर पाता हूँ, जब सपने थे उड़ने के आसमा छूने के, घर मे था मे जब तक घर कैद सा लगता था, अब जब प्यार हुआ घर से तो कहाँ महीनो तक घर जा पाता हूँ, अच्छा कमाता हूँ, खाता हूँ, मौज उड़ाता हूँ, यही दिलासा देकर तो में इस नोकरी की कैद मे ख़ुद को रोक पाता हूँ, ख़ुद को फिर भी रोक नहीं पाता हूँ, हाँ दिन में एक बार तो सपने मे मैं घर जाता हूँ, एक बार तो सपने मे मैं घर जाता हूँ... Ravin...

 "घर "
वो माँ के हाथ का खाना कहाँ खा पाता हूँ,
बस भागते भागते कचा पका खाकर दौड़ जाता हूँ,
बस जरूरतें पूरी करता हूँ कमाकर,
वो पहले जैसी बाबा से जिद्द कहाँ कर पाता हूँ,
जब सपने थे उड़ने के आसमा छूने के,
घर मे था मे जब तक घर कैद सा लगता था,
अब जब प्यार हुआ घर से तो कहाँ महीनो तक घर जा पाता हूँ,
अच्छा कमाता हूँ, खाता हूँ, मौज उड़ाता हूँ, 
यही दिलासा देकर तो में इस नोकरी की कैद मे ख़ुद को रोक पाता हूँ, 
ख़ुद को फिर भी रोक नहीं पाता हूँ, 
हाँ दिन में एक बार तो सपने मे मैं घर जाता हूँ, 
एक बार तो सपने मे मैं घर जाता हूँ... 
                                       Ravin...

"घर " वो माँ के हाथ का खाना कहाँ खा पाता हूँ, बस भागते भागते कचा पका खाकर दौड़ जाता हूँ, बस जरूरतें पूरी करता हूँ कमाकर, वो पहले जैसी बाबा से जिद्द कहाँ कर पाता हूँ, जब सपने थे उड़ने के आसमा छूने के, घर मे था मे जब तक घर कैद सा लगता था, अब जब प्यार हुआ घर से तो कहाँ महीनो तक घर जा पाता हूँ, अच्छा कमाता हूँ, खाता हूँ, मौज उड़ाता हूँ, यही दिलासा देकर तो में इस नोकरी की कैद मे ख़ुद को रोक पाता हूँ, ख़ुद को फिर भी रोक नहीं पाता हूँ, हाँ दिन में एक बार तो सपने मे मैं घर जाता हूँ, एक बार तो सपने मे मैं घर जाता हूँ... Ravin...

7 Love

वो रब इतनी खूबसूरत इमारत को, ढह जाने भी भला कैसे देगा जर्रा-जर्रा जिसका तराश कर बनाया ख़ुदा ने, उस मेहनत को इतनी असानी से भला कैसे मिट जाने देगा....... फर्जी गुलज़ार...

#Ram_Navmi  वो रब इतनी खूबसूरत इमारत को,
ढह जाने भी भला कैसे देगा
जर्रा-जर्रा जिसका तराश कर बनाया ख़ुदा ने,
उस मेहनत को इतनी असानी से भला कैसे मिट जाने देगा.......
                           फर्जी  गुलज़ार...

#Ram_Navmi

6 Love

ચા ની ચુસ્કી नशे से बेहतर ज़िंदगी, कहीं ओर ना होगी, चाय ही माशूका है अब मेरी, जाहिर है, मोहब्बत किसी ओर से ना होगी.... Ravin...

#Happy_holi  ચા ની ચુસ્કી नशे से बेहतर ज़िंदगी,
कहीं ओर ना होगी,
चाय ही माशूका है अब मेरी,
जाहिर है,
मोहब्बत किसी ओर से ना होगी....
                                      Ravin...
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