White कल रात इक मस'अले पर
रो रहें थे दोनों,
दुनियादारी जरूरी थी
तो,मोहब्बत छोड़ रहे थे दोनों!
वो किसी और का था
दुसरे का नसीब कहीं और,,
इसी बात पर अलविदा
ले रहे थे दोनों!!
“इश्क सिखला रहा था यही”
{ सब आए मोहब्बत में
सब्र न आए,जो आए तो
फिर महबूब हाथ से जाए }
इश्क के किन बारीकियों में
ढल रहे थे दोनों!
मस'अलन फिर भी एक दूसरे
के दिल में धड़क रहे थे दोनों।।
©NIDHI SINGH SONAM
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