NIDHI SINGH SONAM

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जो गुजरनी थी उम्र तेरी इबादत में, वही गुजर रही है तुझसे मुखबिरी करते!! ©NIDHI SINGH SONAM

#शायरी #lookingforhope  जो गुजरनी थी उम्र 
 तेरी इबादत में,
वही गुजर रही है तुझसे
मुखबिरी करते!!

©NIDHI SINGH SONAM
#शायरी #kitaab  गज़ल के भी हिस्से आया 
भटकना दर-दर,
लिखा, किसी पर गया 
और गाया किसी पर!

©NIDHI SINGH SONAM

#kitaab

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White कल रात इक मस'अले पर रो रहें थे दोनों, दुनियादारी जरूरी थी तो,मोहब्बत छोड़ रहे थे दोनों! वो किसी और का था दुसरे का नसीब कहीं और,, इसी बात पर अलविदा ले रहे थे दोनों!! “इश्क सिखला रहा था यही” { सब आए मोहब्बत में सब्र न आए,जो आए तो फिर महबूब हाथ से जाए } इश्क के किन बारीकियों में ढल रहे थे दोनों! मस'अलन फिर भी एक दूसरे के दिल में धड़क रहे थे दोनों।। ©NIDHI SINGH SONAM

#शायरी #Romantic  White कल रात इक मस'अले पर 
रो रहें थे दोनों,
दुनियादारी जरूरी थी
तो,मोहब्बत छोड़ रहे थे दोनों!
वो किसी और का था
दुसरे का नसीब कहीं और,,
इसी बात पर अलविदा 
ले रहे थे दोनों!!
“इश्क सिखला रहा था यही”
{ सब आए मोहब्बत में
सब्र न आए,जो आए तो
 फिर महबूब हाथ से जाए }
इश्क के किन बारीकियों में 
ढल रहे थे दोनों!
मस'अलन फिर भी एक दूसरे 
के दिल में धड़क रहे थे दोनों।।

©NIDHI SINGH SONAM

#Romantic

12 Love

पुरष ने ईश्वर बनने को मार्ग चुना, महाभिनिष्क्रमण! स्त्री को स्त्री बने रहने को मिला घर का एक कोना!! पुरुष की पीड़ा लौकिक स्त्रियों की अलौकिक!! ©NIDHI SINGH SONAM

#विचार #aaina  पुरष ने ईश्वर बनने को 
मार्ग चुना, महाभिनिष्क्रमण!
स्त्री को स्त्री बने रहने को 
मिला घर का एक कोना!!
पुरुष की पीड़ा लौकिक 
स्त्रियों की अलौकिक!!

©NIDHI SINGH SONAM

#aaina

11 Love

साबुत दुख, निगलने को काफी होता है। एक कमरा और अपना आप!! ©NIDHI SINGH SONAM

#शायरी #MoonShayari  साबुत दुख, निगलने को 
काफी होता है।
एक कमरा और
अपना आप!!

©NIDHI SINGH SONAM

#MoonShayari

14 Love

शिखर चढ़ कर उतरना पड़ता है! मुझे तो आपके मार्ग में ही भटकते रहना है!! ©NIDHI SINGH SONAM

#भक्ति #Mahadev❤  शिखर चढ़ कर उतरना पड़ता है!
मुझे तो आपके मार्ग में
ही भटकते रहना है!!

©NIDHI SINGH SONAM

#Mahadev❤

16 Love

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