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Instagram Chhotu mehra1❤️ ये इंतेजार की घड़ियां जब खत्म होगी तब सायद हमारी आखरी सांसे होगा।।❤️
तुम्हारे दिल में क्या है मुझे नही जानना तुम्हारे... दिल में कोन है मुझे नही जानना।।। बस मुझे।इतना बता दो की तुम ओवही हो जिसकी मुझे.. तलाश है।। फिर तुम्हारा फैसला जो भी हो मुझे नही.. जानना।।। और इतना सब कुछ कह जाने के बाद भी.. मुझे तुम्हे पाने या ना पाने की हसरत नही है।। क्योंकि तुमसे प्यार करने की लिए मुझे तुम्हारी ही जरूरत है।।। मेरा अकीन मानो मैं तुमसे दूर रहकर भी खुश रह सकता हूं.. तुम्हारी आंखों से जो पानी भरा है।।।।। उसमे किसी बेसुध मछली की तरह बह सकता हु... तुम्हारे लिए कुछ घंटे क्या पूरी जिंदगी क्या कर सकू।। ये ओ इंतेजार है।।। हां ये सच है मुझे तुम से एक तरफा.. प्यार है।।।। प्लीज मेरी जिदंगी में आ जाओ।।। ©Chhotu mehra
Chhotu mehra
11 Love
जिंदगी मिली थी मुझे कुछ करने के लिए।। खो दिया मैंने इसे इंतेजार में सवरने के लिए।।। नादान थी न समझ सकी मै इसके महत्व को..... अब बेकरार हूं मैं सिर्फ मरने के लिए मौत भी नहीं थी।। चाहती नजदीक मेरे आना क्योंकि किसी को... पसंद नहीं शून्य से टकराना अब कैसे उतारू....... दिल के बोझ को मै खुद बोझ हो गई हूं।।। माया शहर के लिए... ये अमृत पिला नहीं सकता कोई परे तरसाओ तो न मुझे।। अब जहर के लिए..... ©Chhotu mehra
12 Love
मुझे देख कर तेरा हौले से मुस्कुराना फिर धीरे से। पलके झपकाना और मेरा तेरे मासूम चहरे को।। अपने आंखों में बसाना शीशे में खुद को देखू तो। चेहरा तेरा नजर आना लोगो से तेरा दीवाना.... कहलाना फिर छोटी सी मुस्कान के साथ मेरी आंखों।। का हमेशा हमेशा के लिए बंद हो जाना।।।।। ©Chhotu mehra
सूरत नही खास दरारें है चेहरे की..... वजह कभी मुस्कान हैरत तो कभी फिक्रे के पहरे की। मगर अक्सर ये मुस्किले बड़ी कर देती थी।। फिर धीरे धीरे गुम हो गई सब और आपिस।।।। आई फरेब सिख कर अब नही करती बयान कुछ।।। पहले की तरह सिख कर.... अब फिक्रे से हैरत पर पहले और.... फिर हैरत से मुस्कान पे सिमट जाती हैं।।। पहले वजह भी होती थी कुछ... अब बेवजह मुस्कुराती है।।।। ©Chhotu mehra
17 Love
छोटी सा है जिंदगी। हर बात में खुश रहो।। जो चेहरा पास ना हो... उसकी आवाज में खुश रहो। कोई रूठा हो आप से... उसके अंदाज में खुश रहो। जो लौट के नही आने वाले।। उनकी याद में खुश रहो।।।।। कल किसने देखा है.... अपने आज में खुश रहो।।।। ©Chhotu mehra
16 Love
कल एक झलक जिंदगी को देखा वो रहो पे मेरी गुनगुना रही थी फिर ढूंढा उसे इधर उधर वो आंख मिचौली कर मुस्कुरा रही थी एक अरसे के बाद आया मुझे करार वो सहला के मुझे सुला रही थी हम दोनों क्यों खफा है एक दूसरे से मैं उसे और वो मुझे समझा रहे थे मैने पूछ लिया क्यों इतना दर्द दिया कम्बक्त तूने वो हसी और बोली मैं जिंदगी हूं पगले तुझे जीना सीखा रही हूं ©Chhotu mehra
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