Gagan Bisen

Gagan Bisen Lives in Katangi, Madhya Pradesh, India

PâgäL shayar

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कब तक तुम्हारी हरकतों को सहते,दिल पर वफ़ा का बोझ उठाते अपने जी को जलाते रहे हम, ना नींद आती ,ना रात गुजरती कब तक हम अपनी मौत को डराते

#Quote  कब तक तुम्हारी हरकतों को सहते,दिल पर वफ़ा का बोझ उठाते 
अपने जी को जलाते रहे हम, ना नींद आती ,ना रात गुजरती
कब तक हम अपनी मौत को डराते

कब तक तुम्हारी हरकतों को सहते,दिल पर वफ़ा का बोझ उठाते अपने जी को जलाते रहे हम, ना नींद आती ,ना रात गुजरती कब तक हम अपनी मौत को डराते

15 Love

बंद रखा है मेरे दिल को किसी ने अपने सीने में, जैसे किसी गुलाम को कब्र में दफनाया हो। और सितमगर निकले हैं मेरी कब्र ढूंढने, ख़ैर ... होगा कोई जिसने सितमगर को अपने सीने में मेरा दिल दिखाया हो ।

 बंद रखा है मेरे दिल को किसी ने अपने सीने में,
जैसे किसी गुलाम को कब्र में दफनाया हो।
और सितमगर निकले हैं मेरी कब्र ढूंढने,
ख़ैर ... होगा कोई जिसने सितमगर को अपने सीने में मेरा दिल दिखाया हो ।

बंद रखा है मेरे दिल को किसी ने अपने सीने में, जैसे किसी गुलाम को कब्र में दफनाया हो। और सितमगर निकले हैं मेरी कब्र ढूंढने, ख़ैर ... होगा कोई जिसने सितमगर को अपने सीने में मेरा दिल दिखाया हो ।

13 Love

मेरी दुनियां अंधेरे में है,कहते हैं ऐसा लोग।। और वो अंधेरा दुनियां से आ रहा है कमबख्त ।। मेरी शायरी ,मेरे हाल पर हंसते, गवार हूं, कहते है ऐसा लोग ।। मेरी ही शायरी अपनी मोहब्बत को सुनाते है कमबख्त।।

 मेरी  दुनियां अंधेरे में है,कहते हैं ऐसा लोग।।
और वो अंधेरा दुनियां से आ रहा है कमबख्त ।।

मेरी शायरी ,मेरे हाल पर हंसते, गवार हूं, कहते है ऐसा लोग ।।
मेरी ही शायरी अपनी मोहब्बत को सुनाते है कमबख्त।।

मेरी दुनियां अंधेरे में है,कहते हैं ऐसा लोग।। और वो अंधेरा दुनियां से आ रहा है कमबख्त ।। मेरी शायरी ,मेरे हाल पर हंसते, गवार हूं, कहते है ऐसा लोग ।। मेरी ही शायरी अपनी मोहब्बत को सुनाते है कमबख्त।।

20 Love

हवा में पतंग हो। पतंग से हवा हो। ख़ैर अब हमें क्या , पतंग बादलों से खेल ,तूफानों से लड़ रहीं । अब ज़िन्दगी पतंग सी कट रही । हाथ में पतंग की डोर हो । डोर से लिपटा मेरा हाथ हो। ख़ैर अब हमे क्या , पतंग थी कट गई , डोर मेरे हाथ में रह गई । ना जाने मेरी पतंग किस अंजान की छत में जा सिमट गई। पतंगबाजी एक शौक हो । शौक से पतंगबाजी हो। ख़ैर अब हमे क्या , पतंग से दोस्ती ना रही । आजाद मेरी पतंग गगन में उड़ रही।

 हवा में पतंग हो।
पतंग से हवा हो।
ख़ैर अब हमें क्या ,
पतंग बादलों से खेल ,तूफानों से लड़ रहीं ।
अब ज़िन्दगी पतंग सी कट रही ।

हाथ में पतंग की डोर हो ।
डोर से लिपटा मेरा हाथ हो।
ख़ैर अब हमे क्या ,
पतंग थी कट गई , डोर मेरे हाथ में रह गई ।
ना जाने मेरी पतंग किस अंजान की छत में जा सिमट गई।

पतंगबाजी एक शौक हो ।
शौक से पतंगबाजी हो।
ख़ैर अब हमे क्या ,
पतंग से दोस्ती ना रही ।
आजाद मेरी पतंग गगन में उड़ रही।

#poem #life

10 Love

यदी छोटे छोटे पहलुओं पर मजाक ज़िन्दगी में हो तो कोई बात नहीं , लेकिन मजाक किसी की ज़िन्दगी से हो ये ग़लत बात है।

 यदी छोटे छोटे पहलुओं पर मजाक ज़िन्दगी में हो तो कोई बात नहीं ,
लेकिन मजाक किसी की ज़िन्दगी से हो ये ग़लत बात है।

#truth #shayari #poem

12 Love

तूफ़ान आ रहा है क्या ,आने दो।। हमने सूरज को पाल रखा है। तबाही का मंजर नहीं आने वाला, अपने कुछ चिरागों को हमनें इबादत खाने में रखा है ।

 तूफ़ान आ रहा है क्या ,आने दो।।
हमने सूरज को पाल रखा है।
तबाही का मंजर नहीं आने वाला,
अपने कुछ चिरागों को हमनें इबादत खाने में रखा है ।

#poem #quotes #shayari #

13 Love

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